करवा चौथ, जिसे करक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। आइए, इस पवित्र पर्व से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियों, जैसे चंद्रमा का दर्शन समय, पूजा-तिथि का समय, विधि और अनुष्ठान के बारे में विस्तार से जानें।
करवा चौथ की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-अर्चना कर सकती हैं।
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करने के साथ शुरू होता है। इसके बाद, पूरे दिन महिलाएं बिना जल ग्रहण किए निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
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सरगी ग्रहण: सूर्योदय से पहले सात्विक भोजन, जैसे फल, मेवे और दूध का सेवन करें।
पूजा की तैयारी: शाम को पूजा स्थल को साफ करें और चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
कलश स्थापना: एक मिट्टी के कलश में शुद्ध जल भरें और उसमें आम के पत्ते, सुपारी और बताशा रखें। इसके बाद कलश का मुख लाल कपड़े से ढककर उस पर मौली बांधें।
करवा माता की स्थापना: करवा माता की प्रतिमा या तस्वीर चौकी पर रखें।
पूजा-अर्चना: भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की विधिवत पूजा करें। उन्हें वस्त्र, चंदन, रोली, मौली, फल और मिठाई का भोग अर्पित करें।
कथा वाचन: करवा चौथ की कथा का पाठ करें।
चांद का दर्शन और व्रत का पारण: शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद, अपने पति से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें। इसके बाद भोजन ग्रहण करें।
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करवा चौथ का त्योहार न केवल पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण अंग है। यह त्योहार हमें पत्नी के कर्तव्य, त्याग और पति के प्रति समर्पण की भावना की याद दिलाता है। साथ ही, यह त्योहार सामुदायिक भावना को भी बढ़ावा देता है। महिलाएं अक्सर एक-दूसरे के घरों में मिलती हैं, पूजा करती हैं, कथा सुनती हैं और व्रत खोलती हैं।
आज के समय में, करवा चौथ का त्योहार भी बदल रहा है। अब कई पति अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखते हैं। यह लैंगिक समानता और पारस्परिक सम्मान को दर्शाता है। साथ ही, कई जगहों पर, करवा चौथ के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज का भी आयोजन किया जाता है।
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करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं न केवल अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, बल्कि उनके सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी प्रार्थना करती हैं। उम्मीद है कि उपरोक्त जानकारी आपको करवा चौथ 2024 को मनाने
करवा चौथ 2024 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा।
करवा चौथ 2024 पर चंद्रमा का दर्शन समय शाम लगभग 7 बजकर 54 मिनट पर होगा।
इस लेख में करवा चौथ की विधि और अनुष्ठानों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
यदि आप गर्भवती हैं, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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