गंगाजल घर में रखने के नियम

गंगाजल घर में रखने के नियम
  • 22 Feb 2024
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गंगाजल: आत्मा को पवित्र करने वाला अमृत

हिंदू धर्म में गंगाजल को सदियों से पवित्र माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी स्वर्ग से अवतरित हुई थी और पृथ्वी को पवित्र करने के लिए धरती पर आई थी। इसलिए, गंगाजल को केवल एक साधारण जलधारा से अधिक माना जाता है। यह माना जाता है कि इसमें अलौकिक शक्तियां समाहित हैं जो तन, मन और आत्मा को शुद्ध करती हैं। इसलिए, कई भक्त अपने घरों में गंगाजल रखना पसंद करते हैं ताकि इसके शुभ प्रभावों का लाभ उठा सकें। हालांकि, गंगाजल को घर में रखने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी है। इन नियमों का पालन करके आप न केवल इस पवित्र जल को सम्मान दे सकते हैं, बल्कि इसके अधिकतम लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

 

गंगाजल रखने के स्थान का महत्व

गंगाजल रखने के लिए दिशा से ज्यादा स्थान का महत्व है। इस पवित्र जल को हमेशा एक ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जो साफ-सुथरा, शांत और पवित्र हो। आदर्श रूप से, इसे पूजा स्थान में रखना चाहिए। यदि पूजा स्थान उपलब्ध नहीं है, तो घर के ईशान कोण में रख सकते हैं। ये दोनोंकस्थान सकारात्म ऊर्जा से भरे होते हैं और गंगाजल की पवित्रता को बनाए रखने में मदद करते हैं।

 

गंगाजल के लिए उपयुक्त पात्र

गंगाजल कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में नहीं रखना चाहिए। प्लास्टिक अशुद्ध माना जाता है और इससे गंगाजल के पवित्र गुण प्रभावित हो सकते हैं। इसके बजाय, तांबे, पीतल, मिट्टी या कांच के पात्र का उपयोग करें। ये धातु और मिट्टी प्राकृतिक रूप से शुद्ध होते हैं और गंगाजल के शुभ प्रभावों को बढ़ाने में मदद करते हैं।

 

गंगाजल को छूने के नियम

गंगाजल को हमेशा साफ हाथों से ही छुएं। जूठे हाथों या गंदे कपड़ों में रहते हुए इसे छूने से बचें। इसी तरह, जूते-चप्पल पहनकर भी गंगाजल के पात्र के पास नहीं जाना चाहिए।

 

गंगाजल का प्रयोग

गंगाजल का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जैसे:

 

गंगाजल घर में रखने के नियम

 

  • पूजा-पाठ के दौरान भगवान को अर्पित करना

  • घर को शुद्ध करने के लिए छिड़कना

  • स्नान करते समय थोड़ा गंगाजल मिलाना

  • पीने के पानी में कुछ बूंदें डालना (केवल तभी करें जब गंगाजल विश्वसनीय स्रोत से लाया गया हो)

 

यहाँ पढें: "भभूत को गंगा में प्रवाहित करने के लाभ"

 

गंगाजल का भंडारण

गंगाजल को हमेशा सीधे धूप या तेज रोशनी से दूर रखें। इसे अंधेरे स्थान पर भी नहीं रखना चाहिए। गंगाजल को हवा के सीधे संपर्क में आने से बचाएं। इसका पात्र हमेशा ढका हुआ रखें।

 

गंगाजल का सम्मान

गंगाजल को केवल धार्मिक और शुभ कार्यों के लिए ही प्रयोग करें। इसका इस्तेमाल किसी भी तरह से अपवित्र करने वाले कार्यों में न करें।

 

इन सरल नियमों का पालन करके आप अपने घर में गंगाजल की पवित्रता और शुभ प्रभाव को बनाए रख सकते हैं। याद रखें, गंगाजल एक विश्वास का प्रतीक है। इसे सम्मान और श्रद्धा के साथ रखें और इसके शुभ प्रभावों का अनुभव करें।

 

निष्कर्ष: गंगाजल घर में रखने के नियम 

गंगाजल हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाने वाला जल है। इसका शुद्धिकरण, भंडारण और उपयोग करने के कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन करके आप गंगाजल की पवित्रता को बनाए रख सकते हैं और इसके शुभ प्रभावों का लाभ उठा सकते हैं। याद रखें, गंगाजल एक धार्मिक विश्वास का प्रतीक है। इसे सम्मान और श्रद्धा के साथ रखें और इसके शुभ प्रभावों का अनुभव करें।

 

गंगाजल घर में रखने के नियम से जुड़े सवाल और उनके जवाब

 

गंगाजल कितने समय तक रखा जा सकता है?

गंगाजल को सही तरीके से रखा जाए तो यह खराब नहीं होता। आप इसे लंबे समय तक अपने घर में रख सकते हैं।

 

क्या गंगाजल पीना ठीक है?

गंगाजल का सीधे तौर पर सेवन करना आमतौर पर धार्मिक कार्यों के अलावा अनुशंसित नहीं है। गंगा नदी में कई तरह के प्रदूषक तत्व पाए जा सकते हैं। यदि आप इसे पीना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि गंगाजल किसी विश्वसनीय स्रोत से लाया गया हो और शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरा हो। इसके अलावा, विशेष परिस्थितियों में ही और विशेषज्ञ या वैद्य के परामर्श के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।

 

गंगाजल से घर को कैसे शुद्ध करें?

थोड़ा सा गंगाजल अपने हाथों में लेकर पूरे घर में छिड़कें। विशेष रूप से दरवाजों, खिड़कियों और पूजा स्थान पर छिड़कना सुनिश्चित करें। आप मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण सकारात्मक हो जाता है।

 

क्या गंगाजल को दूसरों को दिया जा सकता है?

बिल्कुल! गंगाजल को शुद्ध मन और भक्ति भाव से दूसरों को देना एक पुण्य का कार्य माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि पात्र साफ और ढका हुआ हो।

 

क्या गंगाजल का वैज्ञानिक आधार है?

गंगाजल के वैज्ञानिक लाभों पर विभिन्न शोध चल रहे हैं। कुछ अध्ययनों में इसे एंटीऑक्सिडेंट और जीवाणुरोधी गुण पाए गए हैं। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, गंगाजल के लाभों को वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह से प्रमाणित नहीं किया जा सकता है।

 

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