ज्योतिष शास्त्र में राशियों का विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालती हैं। इस ब्लॉग में हम "राशियों का संपूर्ण हाल - मकर, कुंभ और मीन" पर विस्तार से चर्चा करेंगे। जानिए मकर, कुंभ और मीन राशियों के जातकों के स्वभाव, विशेषताएँ, और उनके जीवन पर ग्रहों के प्रभाव। यह जानकारी न केवल आपकी समझ बढ़ाएगी, बल्कि आपके जीवन को और भी बेहतर तरीके से जीने में मदद करेगी। आइए, इन राशियों के रहस्यों को जानें और उनके संपूर्ण हाल का पता लगाएं।
मकर राशि, सम स्त्री तथा चर राशि है। पृथ्वी तत्त्व एवं स्वभाव सौम्य है। वात प्रधान व दक्षिण दिशा को सूचित करती है। जाति वैश्य तथा रंग श्याह, काला है। यह रात बली और इसका विचरण स्थान भूमि है। इसका प्रभाव सर्व शुष्क है तथा सांकेतिक चिन्ह मगरमच्छ है। इसका स्वामी ग्रह शनि है। मंगल इसमें उच्च फल का तथा गुरु नीच फलदायक है।
ये जातक दुबले पतले होते हैं। युवा होते ही कद भी लम्बा हो जाता है। शरीर पतला होता है। विशेष सुन्दर नहीं होते, शरीर सुगठित नहीं होता, गर्दन कुछ छोटी होती है। बाल घने, काले तथा साधारणतया घुटने कुछ कमजोर होते हैं। काम को तरीके से तथा अपने ढंग से धीरे-धीरे और सब्र के साथ करते हैं। पूरी तरह सोच विचार कर ही कोई निर्णय लेते हैं। सहनशक्ति अधिक होती है एवं संगठन की शक्ति बढ़िया होती है। आशावादी एवं विश्वासपात्र होते हैं पर इसका दिखावा नहीं करते। राजनीति के दाव-पेच ये खूब जानते हैं। अपने हित हेतु कुछ भी करते हैं एवं पलटी मारते हैं। इनकी इच्छाशक्ति प्रबल होती है। एकाधिक कार्यों में ये समान रूप से माहिर होते हैं। यदि कुण्डली में कुप्रभाव हो तो ये जातक बेईमान, कंजूस, आलसी एवं अत्यन्त स्वार्थी बन जाते हैं। जिस काम में हाथ डालते हैं, उसे तब तक नहीं छोड़ते जब तक सफल नहीं हो जाते।
भाई-बहन समान होते हैं तथा जातक का बड़ा भाई प्रायः होता है। पढ़ाई भी ये खूब करते हैं। ये सहनशील एवं अध्ययनशील होते हैं। पढ़ाई में कठिनाइयाँ और रुकावटें आती हैं, पर ये धैर्य तथा हिम्मत के साथ लगे रहें तो सफल होते हैं। इन्हें शत्रु का भय होता है एवं अधिक मित्र शीघ्र नहीं बनाते, पर जिनके साथ मित्रता करते हैं उनसे जो भी करवाना चाहें, करवा लेते हैं। उनके व्यवहारिक जीवन में तथा सुख में लोगों द्वारा अड़चन डाली जाती है।
व्यवसाय बड़े-बड़े संगठनों को कन्ट्रोल करना, कार्यालय तथा अधापक, सरकारी फैक्ट्रियों के हेड, टीचर, प्रोफेसर अथवा उद्योगों में नौकरी, तेल खुदानों, मशीनों, इंजीनियरिंग तथा विज्ञान के कार्यों में सफल होते हैं। जीवन के प्रथमार्ध में चोट लगने का डर तथा बहुत बीमार होने का भय होता है। वात रोग, जोड़ के दर्द, गैस के कारण पाचनशक्ति में गड़बड़ रहती है। बिना किसी बीमारी के डर अथवा भ्रम इन्हें रहता है।
दिन शनिवार, रंग काला एवं 8 की संख्या शुभ फलदायक होती है। इन जातकों के लिए 1 और 4 की संख्या भी बड़ी महत्वपूर्ण होती है। इनका रत्न नीलम है। दूसरी उंगली में सवा तीन रत्ती से अधिक धारण करना फलदायक है।
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यह विषम, पुरुष एवं स्थिर राशि है। तत्त्व वायु तथा स्वभाव क्रूर है। जाति शूद्र एवं पश्चिम दिशा को सूचित करती है। रंग स्याह तथा प्रभाव उष्णतर है। यह दिन बली है तथा इसका विचरण स्थान वन है। इसका स्वामी ग्रह शनि है।
कुम्भ राशि वाले जातकों का रंग साफ, गोरा, कद लम्बा तथा बढ़िया एवं आकर्षक होता है। इनके दाँत कुछ खराब होते हैं, परन्तु रूपवान व सुन्दर होते हैं। काले बाल तथा चेहरा गोल होते हैं। कई का कद औसत भी होता है। ये एकान्तप्रिय होते हैं। धैर्यवान एवं परिश्रमी, इच्छाशक्ति मजबूत व प्रबल होती है। ये होते तो बड़े शानदार व समझदार परन्तु इन्हें बात की समझाने में कुछ विलम्ब होता है। ये चापलूसी पसंद नहीं करते और न ही इस पर इनका कोई प्रभाव होता है। ये अपने सिद्धान्तों पर दृढ़ रहते हैं।
भाई-बहनें इन जातकों की होती हैं। साधारणतया भाईयों में ये बड़े होते हैं। यदि ये छोटे भाई हों तो भी इन्हें बड़े भाई का सा आदर-सम्मान देते हैं। यदि इस राशि अथवा ग्यारहवें घर जोकि इस राशि का प्राकृतिक क्रमानुसार घर है, बुरे ग्रह (शनि, राहू, मंगल आदि) हों तो पिता की तरफ से धन का नुकसान होता है। गूढ़ ज्ञान में ये गहरी लग्न रखते हैं। पढ़ाई पूरी मेहनत से करते हैं तथा कई बार पढ़ाई में रुकावट आती है, पर ये सफल हो जाते हैं। विज्ञान में पूरी लग्न होती है। गुप्त विद्या, ज्योतिष, यंत्र, मंत्र के माहिर होते हैं।
विवाह कुछ देर से होता है। फिर भी विवाह 29 वर्ष 6 माह तक हो जाता है। जातक पर पत्नी का कुछ प्रभाव होता है। जातक की पहली संतान लड़की या जुड़वा संतान भी हो सकती है। पत्नी को कष्ट भी झेलना पड़ता है। इनके मित्र भी कम होते हैं। यात्राएं बड़ी होती हैं। भाग्य में बड़े उतार-चढ़ाव आते हैं। बड़े लोगों की सहायता मिलती है एवं लाभ भी मिलता है। पिता की ओर से पूरी सहायता एवं धन प्राप्त होता है।
व्यवसाय: सरकारी, अर्द्ध सरकारी तथा किसी संस्थान में नौकरी करते हैं एवं उच्च पद भी प्राप्त करते हैं। ये सफल ज्योतिष, फ़िलॉस्फर, कर्मकांडी, अध्यापक, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, डॉक्टर आदि कार्यों में सफल होते हैं। इस राशि का प्रभाव टांगों तथा टखनों आदि पर होता है। खून का बहाव, आँखों की दृष्टि एवं श्वास आदि इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। शनिवार का दिन, आठ की संख्या, तथा चार की संख्या एवं काला रंग, हल्का पीला तथा बैंगनी रंग भी शुभ फलदायक हैं। इन्हें नीलम धारण करना शुभ रहता है, धन एवं सम्मान के लिए पीला पुखराज या चन्द्रमणि भी धारण किए जा सकते हैं।
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मीन राशि, सम, स्त्री एवं द्विस्वभाव राशि है। जल तत्त्व तथा स्वभाव सौम्य है। कफ प्रधान व उत्तर दिशा को सूचित करती है। जाति ब्राह्मण तथा रंग पिंगल, भूरा, पीला है। यह रात बली है तथा इसका विचरण स्थान जल है। सांकेतिक चिन्ह मछली है। इसका प्रभाव सर्दतर है। इस राशि के स्वामी ग्रह गुरु हैं। इसमें शुक्र उच्च का फल एवं बुध तथा राहू नीच फलदायक हैं।
मीन राशि के जातकों का कद मझला, कई बार छोटा होता है। रंग साफ एवं मस्तक चौड़ा होता है। आँखें बड़ी तथा कुछ बाहर की ओर होती हैं। हल्के एवं मुलायम काले बाल एवं पट्ठे मजबूत होते हैं। यह द्विस्वभाव राशि है, इस प्रकार इनके मन में बेचैनी रहती है। विचारों में परिवर्तन होता रहता है। ये ईमानदार होते हैं। कल्पनाशील एवं विलासी भी होते हैं। ये अपने सम्मान का ध्यान रखते हैं। भाई-बहन अधिक हो सकते हैं, साधारणतया इनसे बड़ी एक बहन होती है। पारिवारिक जीवन में ये बड़ी सहायता करते हैं। अपने भाई-बहनों एवं परिवारजनों से अलग होकर ये भटकाव में पड़ जाते हैं तथा सदैव उनके लिए तड़पते रहते हैं। मित्र इनके बहुत होते हैं। पढ़ाई के मामले में ये बड़ी डिग्रियाँ प्राप्त करते हैं। कला एवं विज्ञान में विशेष रुचि रखते हैं। साहित्य में भी इनका पूरा लगाव होता है। गुप्त विद्या/ज्ञान प्राप्त करने की लालसा होती है। मीन राशि के जातक सुन्दर पति-पत्नी पसंद करते हैं। ये सूझवान एवं साहित्य कला में निपुण साथी को ही पसंद करते हैं।
गृहस्थ जीवन सुखी होता है, कई विचारों के परिवर्तन एवं सन्देही स्वभाव के कारण घरेलु जीवन में कुछ समस्याएँ भी उठती हैं। व्यवसाय: अभिनेता, संगीतकार, ऐक्टर, डॉक्टर, मंत्री, राजनीति में, बैंकों के मैनेजर, कोषाध्यक्ष, दानी संस्थाओं के इन्चार्ज, प्रधान, आयात-निर्यात कार्यों में सफल होते हैं। सरकारी स्थाई नौकरी विशेषकर जल सेना/नेवी में लाभ कमाते हैं। इनमें व्यापार सम्बन्धी भी पूरी भावना होती है।
यदि इन जातकों की कुण्डली में बारहवें घर में राहू ग्रह बैठ जाए या गुरु साथ बैठ जाए तो जातक की गृहस्थ कार्यों में बहुत धन व्यय करना पड़ता है। पुरुष जातक के गुप्तांग रोग एवं स्त्री जातक की गर्भ रोग की संभावना रहती है। हृदय रोग, नेत्र रोग, नसों में दर्द, बवासीर, थायरोइड, हर्निया, कम सुनना, आवश्यक तत्त्वों की कमी, अधिक प्यास आदि विकार होते हैं।
दिन बृहस्पतिवार तथा 3 की संख्या शुभ होती है। 6 की संख्या भी समान रूप से शुभ है। इनका शुभ रत्न पीला पुखराज धारण करना शुभ फलदायक होता है।
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व्यक्तिगत जीवन या करियर से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए ज्योतिषीय सलाह बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। यदि आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान चाहते हैं या भविष्य की दिशा में स्पष्टीकरण चाहते हैं, तो एक निःशुल्क ज्योतिषी से चैट करना एक उत्तम विकल्प हो सकता है। नए तथा वर्तमान समाधानों के साथ-साथ, यह आपको अपने भविष्य में समस्याओं को निवारित करने के लिए उपाय प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, यह आपको व्यक्तिगत ज्योतिषीय परामर्श देने में भी मदद कर सकता है, जिससे आप अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ पाएं।
मकर, कुंभ और मीन राशियों के विविध पहलुओं को विस्तार से जानकर हम देखते हैं कि ये राशियां अपने स्वभाव और गुणों में विभिन्नता लाती हैं। मकर राशि के जातक उदार और संगठनशील होते हैं, कुंभ राशि के जातक अनुशासनप्रिय और न्यायप्रिय होते हैं, और मीन राशि के जातक विचारशील और सहानुभूतिपूर्ण होते हैं। इन विशेषताओं को समझकर हम अपने जीवन को संतुलित और सकारात्मक दिशा में ले सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह ज्योतिषीय ज्ञान हमें अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करता है और समृद्धि, शांति और संतोष को प्राप्त करने में हमारी मदद करता है।
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Author : Nikita Sharma
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