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राशियों का संपूर्ण हाल मेष, वृषभ और मिथुन

राशियों का संपूर्ण हाल मेष, वृषभ और मिथुन
  • 20 Jun 2024
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राशियों का संपूर्ण हाल - मेष, वृषभ और मिथुन

 

राशियों का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। प्रत्येक राशि के व्यक्तियों के स्वभाव, आदतें और जीवनशैली भिन्न होती हैं। इस ब्लॉग में हम मेष, वृषभ और मिथुन राशियों के संपूर्ण हाल के बारे में जानेंगे, ताकि आप अपने या अपने प्रियजनों के स्वभाव और जीवनशैली के बारे में बेहतर समझ सकें।

 

 

मेष अग्नि तत्त्व राशि

 

मेष राशि चर एवं अग्नि तत्त्व राशि है। यह पिछले भाग से उदित होने वाली राशि है। दिशा पूर्व, रंग लाल स्वभाव उग्र, तथा प्रभाव गर्म शुष्क है। यह विषम एवं व पुरुष तथा जाति क्षत्रिय है। यह दिन वली और इसका वास पर्वत है, वन है। मंगल इसका स्वामी सूर्य इसमें उच्च का तना शान नीच राशि का होता है।

 

 

मेष राशि के जातक तेज मिजाज, फुर्तीले व क्रोधी होते होते हैं। यह बहुत महत्वकांक्षी होते हैं। इनकी हिम्मत व उत्साह शक्ति अच्छी होती है। किसी के अधीन रहकर काम करना पसन्द नहीं करते और निडर एवं निर्भय भी होते हैं। जल्दबाजी के कारण कई कामों में सफलता नहीं मिल पाती है।धार्मिक आवनाओं के साथ-साथ कुल - कृतियों, सौन्दर्य की परख, राग-रंग चित्रकारी, सिनेमा आदि से भी प्रेम होता है!

 

 

 

मेष राशि के जातको का विवाह 20 वर्ष से पहले होता है यदि जन्म कुण्डली में मंगल- शुक्र की स्थिति ठीक न हो तो 24 वर्ष में विवाह होता है। परिवारिक एवं सन्तान का दुख कम ही होता है, सन्तान भी कम होती है। पर लड़का अवश्य होता है।

 

 

मेष चर राशि है। सैर सपाटा करना पसन्द करते है। याथाए करनी पड़ती है, दूर दराज एवं अच्छे-अच्छे स्थानों पर घूमने फिरने के शौकीन होते हैं। साहस के काम में जैसे- सैनिक, पुलिस, हकूमत करना, शासन करना, सर्जन, डाक्टर, मशीन, भट्टी लोहा, व अन्य धातुएँ ढालना या इंजीनियरिंग में प्राप्त करते हैं। ये जातक 22- 28 वर्ष आयु में व्यवसाय में लग जाते हैं।

 

 

आर्थिक स्थिति परिवर्तनशील होती है, जमीन भी जयजाद श्री होती है। स्वयं का घर भी होता है। व्यापार एवं भागीदारी लाभप्रद होती है। साधारणतया शरीर-पतला व मजबूत होता इनमें रोग प्रतिरोध सामर्थ्य स्वभाविक होती है, शस्त्र तथा अग्नि से अय रहता है, मंगलवार का दिन, लाल रंग तथा 9 की संख्या विशेष शुभ होती है। मूंगा व अन्य लाल रंग के रत्न धारण करना ठीक होता है। मूंगा 6 रती कम हो और सोने की अंगूठी में जड़वाकर अनामिका मै पहनना चाहिए ।

 

 

 

राशियों का संपूर्ण हाल -

 

वृष पृथ्वी तत्त्व राशि 

 

वृष राशि की आकृति बैल जैसी यह सम, स्त्री, स्थिर एवम् पृथ्वी तत्त्व राशि है। स्वभाव सौम्य, दक्षिण दिशा का मालिक, वात, प्राकृति, वैश्य जाति रंग दही जैसा सफेद तथा रात्रि बली है। यह सरल भूमि में विचरण करने वाली एवं प्रभाव सर्द शुष्क है। इसका स्वामी शुक्र व चन्द्र इसमें उच्च होता है।

 

 

कद औसत, ललाट चौड़ा, गर्दन सुगठित कन्धे चौड़े, सुगठित एवं चौड़े मोटे, आँखें चमकदार, बाल काले तथा कई बार आधे से घुंगराले होते हैं। अभिमानी, हठधर्मी, गुस्सैल, भड़क पड़ने वाला, मस्त खाने-पीने का शौकीन तथा अपनी ही धुन में मस्त रहना इसके विशेष गुण हैं।

 

 

वृष राशि स्थिर एवं पृथ्वी तत्व राशि है, इनमें सहनशक्ति व धैर्य बहुत होता है। है। ये परिश्रमी होते हैं तथा लम्बे समय तक कार्य में लगे रहते हैं। दृढ़ता और सख्त ज्ञान होना भी इनके विशेष गुण हैं। गाने बजाने के प्रेमी विलासी एवं कार्य व्यवहार में कुशल होते हैं। सांसारिक सुखों एवं धन एकत्र करने की और अधिक रुचि लेते हैं। वृष राशि का चिन्ह 4 है। पढ़ाई मे लगन व मेहनत के साथ करते हैं। यदि ग्रहों की स्थिति ठीक हो तो अपनी लगन व मेहनत से सफल होते हैं।

 

 

 

ये अकेले कम ही होते हैं। इनके भाई- बहन होते हैं। माता-पिता को इन पर गर्व होता है तथा माता-पिता के आदर, सम्मान व धन में वृद्धि करते हैं। प्रेम सम्बन्ध, मित्रता, मजबूत एवं स्थाई होती है। शुक्र इस राशि का मालिक है तथा यह स्थिर राशि है, भोग-विलास, की वस्तुएँ क्रीम पाउडर, गहने रत्न, सजावटी चीज़ों का ये व्यापार करते हैं। कृषि एवं हाथ से काम करने मैं विशेष रुचि होती हैं। सुनार की दुकान, होटल, अभिनेता, संगीतकार फिल्म प्रोड्यूसर, नर्सिग होम अधिकारी एवं सेना में भी सफलता अर्जित करते हैं। शुक्रवार का दिन तथा 6 की संख्या इनके लिए शुभ है, तीन एवं नौ की संख्या तथा हलका पीला रंग भी अनुकूल है। हीरा रत्न एल्यूमीनियम या चाँदी की अंगूठी में जो 2.5 रत्ती से ऊपर हो कनिष्ठा अंगुली में धारण करना शुभ फलदायी है। शुक्रवार की धारण करना चाहिए। 

 

 

मिथुन वायु तत्त्व राशि

 

मिथुन राशि विषम, पुरुष एवं द्विस्वभाव राशि है। वायु तत्त्व, क्रूर स्वभाव, पश्चिम दिशा की सूचित करती है, आकृति युगल पुरुष स्त्री तथा रंग हरा है। प्रभाव उष्ण तर, जाति शूद्र, दिन बली द्विपद एवं वन में विचरण करने वाली हैं। इसका स्वामी बुध, राहु उच्च फल और केतु इसमें नीच फल का होता है। इनका कद लम्बा परन्तु कई बार छोटा कद भी देखा गया है, शरीर संतुलन होता है, बुद्धिमान, ज्ञानी, बलवान, दूसरों के साथ मिलकर काम करने वाले होते है। विद्या, प्रेमी, अध्ययनशील, न्यायिक, बुद्धि, गाने एवं संगीत प्रिय, शायरी करने, कविता लिखने आदि के प्रेमी होते हैं। इनमें विश्लेषण करने की पूर्ण क्षमता होती है। बड़े ही प्रभाव- शाली, फुर्तीले, चतुर, राजनीतिज्ञ, व्यापारी बहुत अच्छे वक्ता, विनोदी चंग करने व लिखने वाले तथा चंचल प्रवृति के होत हैं।

 

कुछ-न-कुछ करते रहते हैं । खान पान मैं साधारण रूचि रखते हैं। अधिकतर शान्त, चुप एवं अन्तर्मुखी होते हैं। यदि सातवे घर का स्वामी गुरु कहीं विस्वभाव राशि में बैठ जाए तो विवाह योग बनते हैं। पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य स्थी के साथ स्थाई सम्बन्ध हो सकते है। बुध वाध एवं शुद्ध वाद्य से उत्पन्न धुन व संगीत। यदि दोनों सातवें घर में बैठे हो तो एवं अन्य ग्रहों की शुभ स्थिति हो तो पारिवारिक अवस्था, सुखद होती है तथा पति -पत्नी की जोड़ी बढ़िया चलती तथा उनकी माता-पिता से कम ही पटती है। 

 

 

 

कुशल, अभिनेता, वकील, वक्ता, हैडमास्टर प्रिंसीपल मैजिस्ट्रेट, जज, नेता, व्यापारी समाज-सेवक, ब्रोकर, प्रापर्टी डीलर, नयी कम्पनी बनाने वाल, सहा बाजार तथा शेयर मार्केट, एकाउंटेंट, अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में भी सफल में भी सफल होते हैं।

 

 

बुधवार का दिन 5 की संख्या तथा हरा रंग शुभ होता है। हलका पीला अच्छा रहता है। रत्न पन्ना जो कि तीन रती से कम न हो, चाँदी अथवा सोने की अंगूठी में दाएँ हाथ की कनिष्का उंगली में बुधवार के दिन धारण करना शुभ होता है। क्योंकि मंगल व बुद्ध शत्रु हो जाते हैं। मूंगा साथ में धारण करना अच्छा फल नहीं देता है।

 

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निष्कर्ष: राशियों का संपूर्ण हाल

 

प्रत्येक राशि का स्वभाव और जीवनशैली भिन्न होती है। मेष, वृषभ और मिथुन राशियों के जातक अपने-अपने गुणों और विशेषताओं के साथ जीवन जीते हैं। राशियों की जानकारी हमें अपने और दूसरों के स्वभाव को समझने में सहायता करती है और जीवन में सफलता पाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है।

 

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Author : Acharya Chandra Prakash Bhatt

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