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नारद जयंती 2024: तिथि और महत्व

नारद जयंती 2024: तिथि और महत्व
  • 16 Feb 2024
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नारद जयंती शुक्रवार, 24 मई 2024: देवर्षि की जयंती जो ज्ञान और संवाद का जश्न मनाती है

 

हिंदू धर्म में नारद जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो 24 मई 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। यह दिन देवर्षि नारद की जयंती का प्रतीक है, जो भगवान विष्णु के परम भक्त माने जाते हैं और अपने तीखे मन, संगीत कौशल और देवताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए विख्यात हैं। आइए, नारद जयंती के शुभ अवसर पर, तिथि, मुहूर्त, उत्सव, इतिहास और महत्व के साथ-साथ पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानें।

 

 

नारद जयंती 2024 तिथि और मुहूर्त:

 

 

 

  • नारद जयंती तिथि: वैशाख शुक्ल द्वितीया, 24 मई 2024

 

 

  • शुभ मुहूर्त: सुबह 7:22 बजे से शाम 5:33 बजे तक

 

 

उत्सव और परंपराएं: नारद जयंती 2024

 

नारद जयंती के दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। भक्तजन देवर्षि नारद की मूर्तियों पर फूल-माला चढ़ाते हैं, दीप जलाते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। कुछ स्थानों पर नाटक और प्रवचन भी आयोजित किए जाते हैं, जो नारद के जीवन और उनके कार्यों का वर्णन करते हैं।

 

 

इस दिन ज्ञान को आत्मसात करने और संवाद कला को निखारने का संकल्प लिया जाता है। विद्यार्थी और शिक्षक विशेष रूप से नारद की वंदना करते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं। दान-पुण्य का महत्व भी नारद जयंती से जुड़ा हुआ है। जरूरतमंदों की मदद करना और समाजसेवा करना इस पर्व की पवित्र भावना को जीवंत करता है।

 

 

नारद जयंती का महत्वऔर इतिहास:

 

नारद प्राचीन वैदिक ऋषियों में से एक हैं, जिन्हें विष्णु पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों में अमर किया गया है। उन्हें देवताओं के बीच संदेशवाहक और मध्यस्थ के रूप में जाना जाता है। वह विष्णु भक्ति का प्रचार करते थे और लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते थे।

 

 

नारद जयंती का महत्व ज्ञान, संगीत, संवाद और भक्ति से जुड़ा हुआ है। यह दिन हमें नारद के आदर्शों का अनुसरण करने और अपने जीवन में ईमानदारी, दया और ज्ञान की खोज करने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि संवाद जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है, और हमें सभ्य और विनम्र तरीके से अपने विचारों को व्यक्त करना चाहिए।

 

 

नारद जयंती

 

यहां पढ़ें: गंगा सप्तमी का पवित्र उत्सव 

 

नारद जयंती पूजा विधि:

 

यदि आप घर पर ही नारद जयंती की पूजा करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए सरल चरणों का पालन कर सकते हैं:

 

 

 

स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

 

 

अपने घर या पूजा स्थान को स्वच्छ करें और फूलों से सजाएं।

 

 

एक साफ चौकी पर देवर्षि नारद की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

 

 

फूल, सुगंधित जल, फल और धूप अर्पित करें।

 

 

घी का दीप जलाएं और देवर्षि नारद के मंत्र का जाप करें।

 

 

प्रार्थना के दौरान अपने जीवन में ज्ञान, भक्ति और सद्गुणों के विकास का आशीर्वाद मांगें।

 

 

 

आप चाहें तो प्रार्थना के बाद ध्यान भी लगा सकते हैं।

 

 

निष्कर्ष: नारद जयंती 2024

 

नारद जयंती का पर्व न केवल देवर्षि नारद का जन्मदिन मनाने का अवसर है, बल्कि उनके दिव्य संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करने का भी संकल्प लेने का समय है। हमें नारद के ज्ञान, संगीत और शांति .का अनुसरण करना चाहिए और संवाद के माध्यम से सद्भावना और समझ को बढ़ावा देना चाहिए। आइए, इस पावन दिन को न केवल उत्सव के रूप में मनाएं, बल्कि अपने दिलों में देवर्षि नारद के दिव्य गुणों को भी जीवंत रखें। विश्व में ज्ञान, भक्ति और शांति का संदेश फैलाकर हम नारद जयंती के सच्चे अर्थ को समझ सकते हैं और मानवता के कल्याण में अपना योगदान दे सकते हैं।

 

नारद जयंती 2024 से जुड़े प्रश्न 
 

 

 

नारद जयंती क्यों मनाई जाती है?

 

नारद जयंती देवर्षि नारद के जन्म का जश्न मनाने के साथ-साथ ज्ञान, संगीत, संवाद और भक्ति के महत्व को उजागर करने के लिए मनाई जाती है। यह दिन हमें उनके आदर्शों का अनुसरण करने और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देता है।

 

 

नारद जयंती पर किन परंपराओं का पालन किया जाता है?

 

नारद जयंती पर मंदिरों में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, नाटक और प्रवचन का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थी और शिक्षक विशेष पूजा करते हैं और ज्ञान प्राप्ति का आशीर्वाद लेते हैं। दान-पुण्य और समाजसेवा भी इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

 

नारद के बारे में कुछ रोचक तथ्य क्या हैं?

 

नारद को वीणा वादन में महारथ हासिल थी और वह देवताओं के बीच संदेशवाहक और मध्यस्थ के रूप में जाने जाते थे। उन्हें पौराणिक कथाओं के प्रसार और विभिन्न देवताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है।

 

 

नारद जयंती का महत्व क्या है?

 

नारद जयंती हमें ज्ञान, संगीत, संवाद और भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें ईमानदार, दयालु और विनम्र होना चाहिए और अपने विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करना चाहिए।

 

 

घर पर नारद जयंती कैसे मनाई जा सकती है?

 

आप घर पर स्नान, पूजा-अर्चना, ध्यान और भजन-कीर्तन के माध्यम से नारद जयंती मना सकते हैं। देवर्षि नारद की कहानियां पढ़ना या पौराणिक ग्रंथों का अध्ययन करना भी इस पर्व को मनाने का एक सार्थक तरीका है।

 

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