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वैदिक ज्योतिष में जन्म के समय राशियों का निर्धारण कैसे किया जाता है

वैदिक ज्योतिष में जन्म के समय राशियों का निर्धारण कैसे किया जाता है
  • 25 Jun 2025
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वैदिक ज्योतिष में जन्म के समय राशियों का निर्धारण कैसे किया जाता है

भारत में जन्म लेते ही बच्चों की कुंडली बनवाना एक आम परंपरा है। हर माता-पिता यह जानना चाहते हैं कि उनके बच्चे का भविष्य कैसा होगा—स्वास्थ्य, पढ़ाई, विवाह और करियर में क्या संभावनाएं हैं। यही कारण है कि जन्म के समय की सटीक जानकारी और वैदिक ज्योतिष का उपयोग आज भी भारतीय परिवारों में गहरी आस्था के साथ किया जाता है।

 

तो आखिर यह राशि तय कैसे होती है? आइए इसे सरल शब्दों में समझते हैं।

 

जन्म के समय राशियों का निर्धारण कैसे होता है

जैसे ही बच्चा जन्म लेता है, उस समय आकाश में ग्रहों की जो स्थिति होती है, वही उसकी कुंडली का आधार बनती है। इसमें मुख्य रूप से तीन प्रकार की राशियाँ देखी जाती हैं:

 

  • चंद्र राशि (Moon Sign): यह उस राशि को दर्शाती है जहाँ चंद्रमा जन्म के समय स्थित होता है। वैदिक ज्योतिष में इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति के मन, भावनाओं और व्यवहार को दर्शाती है।
  • सूर्य राशि (Sun Sign): यह राशि उस स्थिति को दिखाती है जहाँ सूर्य जन्म के समय था। यह आत्मा, आत्मविश्वास और बाहरी व्यक्तित्व का प्रतीक है।
  • लग्न (Ascendant): यह उस राशि को दर्शाता है जो जन्म के समय पूर्व दिशा में उदित हो रही होती है। यही कुंडली का पहला भाव बनाता है और पूरे जीवन के खाके को निर्धारित करता है।

 

इन तीनों राशियों की जानकारी के लिए जन्म की तारीख, समय और स्थान (Longitude और Latitude) का होना ज़रूरी है।

 

उदाहरण: वैदिक ज्योतिष में राशि कैसे तय होती है

मान लीजिए एक बच्चा 5 अगस्त 2023, सुबह 6:45 बजे, जयपुर (राजस्थान) में जन्म लेता है।

 

अब इस बच्चे की राशि जानने के लिए एक ज्योतिषी तीन चीज़ें देखता है:

 

  • जन्म की तारीख और समय: 5 अगस्त 2023, 6:45 AM
  • जन्म स्थान: जयपुर, जिससे उस समय का स्थानीय ग्रह स्थिति पता चलती है
  • चंद्रमा की स्थिति: कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या पंचांग से देखा जाएगा कि उस समय चंद्रमा किस राशि में था

 

मान लीजिए उस समय चंद्रमा कर्क राशि में था।

  • तो इस बच्चे की चंद्र राशि होगी – कर्क
  • अगर उस समय लग्न (पूर्व दिशा में उदित राशि) सिंह निकल रही थी, तो उसकी लग्न राशि होगी – सिंह
  • सूर्य की स्थिति देखकर पता चलेगा कि वह उस समय कर्क या सिंह राशि में था, जिससे उसकी सूर्य राशि तय होगी।

 

इस प्रकार से एक ही व्यक्ति की तीन राशियाँ होती हैं:

चंद्र राशि (मन का स्वभाव) – कर्क

लग्न राशि (शारीरिक और व्यवहारिक स्वभाव) – सिंह

सूर्य राशि (आत्मा और आत्मविश्वास) – संभवतः कर्क या सिंह

यही प्रक्रिया हर व्यक्ति की जन्म कुंडली और राशियों को तय करने में काम आती है।

 

अगर आपको अपनी राशि जाननी है, तो आप जन्म तारीख, समय और स्थान के आधार पर फ्री कुंडली रिपोर्ट बनवाकर देख सकते हैं। यह जानकारी आपके विवाह, करियर, स्वभाव और भविष्य के निर्णयों में अहम भूमिका निभा सकती है।

 

ग्रहों की भूमिका: ग्रह किस राशि में क्या प्रभाव डालते हैं

कुंडली में नौ मुख्य ग्रह माने जाते हैं: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु (बृहस्पति), शुक्र, शनि, राहु और केतु। हर ग्रह की विशेषता होती है और जब ये किसी राशि में स्थित होते हैं तो उसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग तरीकों से पड़ता है।

 

  • सूर्य आत्मबल और प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।
  • चंद्रमा मानसिक स्थिति, माता और भावनात्मक पक्ष से जुड़ा है।
  • मंगल ऊर्जा, साहस और क्रोध का कारक है।
  • बुध बुद्धि, व्यापार और संवाद क्षमता को नियंत्रित करता है।
  • गुरु शिक्षा, धर्म और विवाह का प्रतिनिधि है।
  • शुक्र कला, प्रेम और भौतिक सुखों से संबंधित है।
  • शनि कर्म, संघर्ष और अनुशासन का प्रतीक है।
  • राहु भौतिक आकर्षण और भ्रम का कारक है।
  • केतु मोक्ष, त्याग और आध्यात्मिकता से जुड़ा ग्रह है।

 

हर ग्रह जब किसी विशेष राशि या भाव में होता है तो उसकी शुभता या अशुभता तय होती है। जैसे, गुरु कर्क राशि में उच्च का होता है और मकर में नीच का।

 

पढ़ना न भूलें: मास शिवरात्रि पर शिवलिंग अभिषेक और मंत्र जाप के फायदे

 

राशिफल और भविष्यफल में ग्रहों की भूमिका

जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, वह पूरे जीवन के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करती है। ये ग्रह दशा और अंतर्दशा के माध्यम से समय के अनुसार फल देते हैं। उदाहरण के लिए:

 

  • विवाह में देरी हो सकती है अगर गुरु या शुक्र नीच राशि में हो।
  • मानसिक तनाव तब हो सकता है जब चंद्रमा किसी पाप ग्रह से ग्रस्त हो।
  • व्यापार में लाभ तब मिलता है जब बुध मजबूत हो और सही भाव में स्थित हो।
  • दशाएं, गोचर (Transit) और ग्रह-योग समय-समय पर व्यक्ति की परिस्थिति बदल सकते हैं।

 

कुंडली में राशियों की सही पहचान के लिए किन बातों का ध्यान रखें

  • सटीक जन्म समय: अगर समय में थोड़ा भी अंतर हो जाए तो लग्न बदल सकता है जिससे पूरी कुंडली बदल जाती है।
  • स्थान की जानकारी: किसी भी कुंडली को सही ढंग से बनाने के लिए जन्म स्थान के अक्षांश और देशांतर की जानकारी आवश्यक है।
  • अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श: केवल सॉफ्टवेयर या ऑनलाइन गणनाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। एक योग्य ज्योतिषी ही ग्रहों की स्थिति का सही अर्थ बता सकता है।

 

निशुल्क ज्योतिष परामर्श और कुंडली विश्लेषण कैसे पाएं

आजकल कई विश्वसनीय प्लेटफॉर्म्स पर मुफ्त कुंडली सेवाएं उपलब्ध हैं जहाँ आप जन्म विवरण डालकर अपनी चंद्र राशि, लग्न और ग्रह स्थिति जान सकते हैं।

 

इसके अलावा, फ्री ज्योतिष चैट की सुविधा से आप किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात कर सकते हैं, जिससे आपको जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हैं जैसे:

  • मेरी शादी कब होगी?
  • करियर में कौन सा क्षेत्र मेरे लिए बेहतर रहेगा?
  • क्या मेरी कुंडली में कोई दोष है?

 

इस तरह की सेवा न केवल उपयोग में सरल होती है, बल्कि आपकी निजी जानकारी के आधार पर सटीक मार्गदर्शन भी देती है।

 

निष्कर्ष: वैदिक ज्योतिष में जन्म के समय राशियों का निर्धारण कैसे किया जाता है

जन्म के समय राशियों का निर्धारण केवल एक ज्योतिषीय प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन के दिशा-निर्देश की नींव है। यह हमें आत्म-ज्ञान, सही समय पर निर्णय लेने और संभावित समस्याओं से निपटने में मदद करता है।

 

यदि आप अपनी राशियों, ग्रहों और भविष्य से जुड़े सवालों को समझना चाहते हैं, तो अपनी निशुल्क कुंडली बनवाएं या ऑनलाइन ज्योतिषी से परामर्श करें

 

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

जन्म के समय कौन सी राशि मुख्य मानी जाती है – सूर्य, चंद्र या लग्न?

चंद्र राशि को वैदिक ज्योतिष में मुख्य माना जाता है क्योंकि यह मन और भावनात्मक स्थिति को दर्शाती है।

 

क्या ग्रहों की स्थिति से भविष्य तय होता है?

ग्रह संकेत देते हैं, लेकिन आपके कर्म और निर्णय ही जीवन की दिशा तय करते हैं।

 

जन्म के समय अगर समय नहीं पता हो तो क्या कुंडली बन सकती है?

अगर समय ज्ञात नहीं है, तो अनुभवी ज्योतिषी प्रश्न कुंडली या लग्न अनुमान के आधार पर मार्गदर्शन दे सकते हैं।

 

क्या ऑनलाइन फ्री कुंडली पर विश्वास किया जा सकता है?

सामान्य जानकारी के लिए सही है, लेकिन गहराई से समझने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करना बेहतर होता है।

 

क्या गलत जन्म समय से राशिफल गलत हो सकता है?

हाँ, गलत समय से ग्रहों की स्थिति बदल जाती है जिससे पूरे जीवन का फलित बदल सकता है। सही जन्म समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

Author : Krishna

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