हर साल सूर्य देव मेष राशि से शुरू होकर सभी 12 राशियों का भ्रमण करते हैं। जब सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है, तब सिंह संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष, सिंह संक्रांति 2024 - 16 अगस्त बुधवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण पर्व के बारे ।
तिथि: 16 अगस्त 2024, बुधवार
सूर्योदय का समय: प्रातः 06:08 बजे
सिंह राशि प्रवेश का समय: रात्रि 12:12 बजे (15/16 अगस्त)
आप चाहें तो सूर्योदय के बाद या सिंह राशि प्रवेश के समय पूजा कर सकते हैं। हालांकि, ज्योतिषियों से सलाह लेकर अपने लिए शुभ मुहूर्त जानना बेहतर होता है।
सिंह संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह सूर्य देव की उपासना का पर्व है और इसे सूर्य संक्रांति भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन से सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अपना रुख करता है और दिन लंबे होने लगते हैं। यह पर्व नए मौसम की शुरुआत, खेती का शुभारंभ और नए साल की उम्मीदों का प्रतीक माना जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। कुछ क्षेत्रों में देवी पार्वती की पूजा भी की जाती है। साथ ही, किसान इस दिन फसल की अच्छी पैदावार के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
स्नान और साफ-सफाई: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी साफ और सजाएं।
आमंत्रण: सबसे पहले सूर्य देव को जल, अक्षत, फूल आदि चढ़ाकर आमंत्रित करें। आप भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी पार्वती का भी विधिवत पूजन कर सकते हैं।
सूर्यदेव पूजा: तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें रोली, सिंदूर, चंदन आदि डालें और सूर्य देव को अर्पित करें। फिर "ऊं सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
अन्य देवताओं की पूजा: भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी पार्वती की भी विधि-विधान से पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
आरती: अंत में सभी देवताओं की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
दान: गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।
ध्यान दें: यह एक सामान्य पूजा विधि है। क्षेत्रानुसार पूजा विधि में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है। अपने क्षेत्र के रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा करें।
गुजरात में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा: गुजरात में सिंह संक्रांति के दिन भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है।
पंजाब में माघी का त्यौहार: पंजाब में सिंह संक्रांति को माघी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग होली की खुशियां मनाते हैं और अलाव जलाते हैं।
सिंह संक्रांति 2024 एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह सूर्य देव की उपासना का पर्व है और खेती-बाड़ी, नए मौसम और आने वाले साल की उम्मीदों से जुड़ा हुआ है। इस लेख में हमने आपको सिंह संक्रांति की तिथि, मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कुछ खास परंपराओं के बारे में जानकारी दी है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी और आप इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे।
सिंह संक्रांति की पूजा आप घर पर ही कर सकते हैं। जरूरी है कि आप पूजा विधि का सही से पालन करें और पूजा स्थल साफ-सुथरा रखें।
कुछ क्षेत्रों में खिचड़ी खाने की परंपरा है। आप सात्विक भोजन जैसे फल, सब्जियां, दूध, दही आदि ग्रहण कर सकते हैं।
इस दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही झूठ बोलना, क्रोध करना या किसी से बुरा व्यवहार करना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
सिंह संक्रांति से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने हयग्रीव नामक राक्षस का वध किया था।
सिंह संक्रांति सूर्य के उत्तरी गोलार्ध की ओर गति करने का प्रतीक है। इससे दिन लंबे होने लगते हैं और मौसम में बदलाव आता है।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
Discover the spiritual essence of Putrada Ekadashi...
Discover the magic of Makar Sankranti 2024 with it...
Experience the cultural vibrancy of Pongal 2024 in...
First Astrology Chat @ ₹1 – Get Accurate Predictions from Experts
Chat NowCopyright ©️ 2025 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved