मोक्षदा एकादशी 2024: तिथि और महत्व

मोक्षदा एकादशी 2024: तिथि और महत्व
  • 03 Apr 2024
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मोक्षदा एकादशी 2024

मोक्षदा एकादशी, जिसे मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है।

 

मोक्षदा एकादशी 2024 की तिथि और मुहूर्त

 

  • तिथि: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी

  • दिनांक: 11 दिसंबर 2024 (बुधवार)

  • पारण का समय: 12 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को सूर्योदय से पहले

 

मोक्षदा एकादशी का महत्व

2024 मोक्षदा एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

मोक्षदा एकादशी व्रत की विधि

 

  • दसमी तिथि के दिन: दसमी तिथि के दिन स्नान करके शाम को हल्का भोजन करें।

 

 

 

  • एकादशी तिथि के दिन: एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद व्रत का संकल्प लें।

 

  • व्रत के दौरान: पूरे दिन अन्न, जल और नमक का सेवन न करें।

 

  • द्वादशी तिथि के दिन: द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद दान-पुण्य करें और फिर व्रत का पारण करें।

 

मोक्षदा एकादशी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

 

  • मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के दर्शन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

  • इस दिन किए गए दान का फल अनंत गुना बढ़ जाता है।

 

  • मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से मन और शरीर शुद्ध होता है।

 

निष्कर्ष: मोक्षदा एकादशी 2024

मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और मोक्ष की प्राप्ति का एक सुनहरा अवसर है। यदि आप मोक्ष की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो आपको इस व्रत को अवश्य रखना चाहिए।

 

मोक्षदा एकादशी से जुड़े 5 सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न

 

मोक्षदा एकादशी 2024 में कब है?

मोक्षदा एकादशी 2024 में 11 दिसंबर, बुधवार को है।

 

मोक्षदा एकादशी का क्या महत्व है?

मोक्षदा एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

 

मोक्षदा एकादशी का व्रत कैसे रखें?

दसमी तिथि के दिन दसमी तिथि के दिन स्नान करके शाम को हल्का भोजन करें। एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन अन्न, जल और नमक का सेवन न करें। द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद दान-पुण्य करें और फिर व्रत का पारण करें।

 

क्या मोक्षदा एकादशी के दिन शादी करना शुभ होता है?

मोक्षदा एकादशी के दिन शादी करना शुभ नहीं माना जाता है।

 

मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण कब करें?

मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले करना चाहिए।

 

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