दशहरा 2024: तिथि और महत्व

दशहरा 2024: तिथि और महत्व
  • 20 Mar 2024
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दशहरा 2024: विजयादशमी तिथि, कहानी, पूजा मुहूर्त, महत्व और मनाने का तरीका

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह शुभ अवसर धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस आलेख में, हम दशहरा 2024 के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें विजयादशमी तिथि, कहानी, पूजा मुहूर्त, विजयादशमी और दशहरा के बीच का अंतर, त्योहार का महत्व और इसे मनाने के तरीके शामिल हैं।

 

दशहरा 2024 - विजयादशमी तिथि और मुहूर्त

दशहरा 2024 शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। दशहरा तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगा।

 

ध्यान दें कि रावण दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। शुभ मुहूर्तों के लिए अपने स्थानीय पंडितजी से परामर्श लें।

 

राम और रावण की लड़ाई

दशहरा की कहानी भगवान राम और असुर राजा रावण के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध की याद दिलाती है। रामायण के अनुसार, रावण ने सीता, भगवान राम की पत्नी का अपहरण कर लिया था। राम ने अपनी वानर सेना की मदद से लंका पर चढ़ाई की और रावण से युद्ध किया। नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध के बाद, दशवें दिन विजयादशमी को राम ने रावण का वध किया और धर्म की जीत हुई।

 

इस कहानी के माध्यम से दशहरा हमें अच्छाई पर बुराई की विजय, धर्म पर अधर्म की जीत और सत्य पर असत्य की जीत का संदेश देता है।

 

दशहरा पूजा कैसे करें?

दशहरे के दिन कई लोग शस्त्र पूजा करते हैं, जो कर्तव्यनिष्ठा और शक्ति का प्रतीक है। इसके अलावा, भगवान राम, माता सीता, हनुमान और भगवान गणेश की पूजा भी की जाती है। पूजा के दौरान लोग मंत्रों का उच्चारण करते हैं, प्रसाद चढ़ाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं।

 

विजयादशमी और दशहरा के बीच अंतर

यद्यपि दोनों शब्दों का प्रयोग अक्सर एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, विजयादशमी और दशहरा में थोड़ा अंतर है। विजयादशमी एक शब्द है जिसका अर्थ "विजय का दशवां दिन" है, जबकि दशहरा एक व्यापक त्योहार है जो नौ नवरात्रियों के समापन का प्रतीक है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि विजयादशमी दशहरा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

दशहरा का महत्व

दशहरा का भारत में सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से गहरा महत्व है। यह त्योहार न केवल अच्छाई पर बुराई की विजय का प्रतीक है, बल्कि ज्ञान पर अज्ञानता की विजय, धैर्य पर पराक्रम की विजय और सत्य पर असत्य की विजय का भी प्रतीक है। इस दिन लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं, मिठाई खाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और रामलीला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

 

दशहरा उत्सव: पूरे भारत में जश्न

दशहरा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

 

दशहरा 2024

 

  • रामलीला का मंचन: यह एक नौ दिवसीय नाटक है जो राम और रावण की कहानी को दर्शाता है। देश भर में रामलीला का मंचन बड़े पैमाने पर किया जाता है और लोग उत्साहपूर्वक इसे देखते हैं।

 

  • दुर्गा पूजा: पूर्वी भारत में, दशहरा को दुर्गा पूजा के रूप में भी मनाया जाता है, जहां लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, जिन्होंने राक्षस महिषासुर का वध किया था।

 

  • मैसूर का दशहरा: कर्नाटक में मैसूर का दशहरा बहुत प्रसिद्ध है, जहां शाही जुलूस में हाथी, घोड़े और भव्य झांकियां निकाली जाती हैं।

 

  • कोलकाता का दुर्गा पूजा उत्सव: कोलकाता में दुर्गा पूजा सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सवों में से एक है, जहां दुर्गा पंडालों की भव्य सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने लायक होते हैं।

 

  • कुलुमण्टे: तमिलनाडु में इस समय "कुलुमण्टे" नामक पारंपरिक खेल खेला जाता है, जिसमें बांस के खंभे पर लटकाई गई मिट्टी के बर्तनों को फोड़ा जाता है।

 

ये तो बस कुछ उदाहरण हैं। दशहरा के जश्न का तरीका क्षेत्र के अनुसार बदलता रहता है, लेकिन हर जगह एक ही भावना रहती है – खुशी, उत्साह और परंपरा को बनाए रखने का जुनून।

 

निष्कर्ष: विजयादशमी 2024

दशहरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हमें अच्छाई और सत्य की शक्ति का पाठ पढ़ाता है और एक खुशहाल और समृद्ध जीवन जीने की प्रेरणा देता है। दशहरा का उत्सव हमें परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनाने और अपनी समृद्ध संस्कृति को जीवंत रखने का अवसर देता है।

 

विजयादशमी 2024 से जुड़े सवाल और उनके जवाब

 

क्या विजयादशमी और दशहरा एक ही हैं?

यद्यपि दोनों का प्रयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, उनमें थोड़ा अंतर है। विजयादशमी दशहरा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो "विजय का दशवां दिन" है। जबकि दशहरा एक व्यापक त्योहार है जो नौ नवरात्रियों के समापन का प्रतीक है।

 

इस साल दशहरा कब है?

दशहरा 2024 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

 

दशहरा का महत्व क्या है?

दशहरा धर्म पर अधर्म की विजय, सत्य पर असत्य की विजय और ज्ञान पर अज्ञानता की विजय का प्रतीक है। यह जीवन में सकारात्मकता और धैर्य का महत्व भी याद दिलाता है।

 

दशहरा कैसे मनाया जाता है?

दशहरा विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इसमें रामलीला के मंचन, दुर्गा पूजा, जुलूस और पारंपरिक खेल शामिल हो सकते हैं। लोग पूजा-पाठ भी करते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां मनाते हैं।

 

क्या मुझे दशहरे के लिए कुछ विशेष तैयारी करनी चाहिए?

आप घर को साफ-सुथरा रख सकते हैं, पूजा की सामग्री तैयार कर सकते हैं और नए कपड़े खरीद सकते हैं। साथ ही, अपने परिवार और दोस्तों के साथ उत्सव में शामिल हों और खुशियां मनाएं।

 

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