सूर्य देव 15 जून को अपनी मित्र राशि मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं। जिस दिन सूर्य किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को ही सूर्य संक्रांति कहते हैं। सूर्य की संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा ही महत्व है। खासकर सूर्य की मिथुन संक्रांति के दौरान मंदाकिनी नदी में स्नान का महत्व है। यह नदी प्रसिद्ध पौराणिक नगर चित्रकूट से होकर बहती है। इस दौरान आप इस नदी में स्नान या इस नदी के जल से घर पर स्नान करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। यह पुण्यकाल 15 जून को प्रातः सूर्योदय से 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। आइये जाने की सूर्य का मिथुन राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य देव तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे, जो भाई-बहनों के संबंधों को दर्शाता है तथा आपकी अभिव्यक्ति से संबंध रखता है। संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए और प्रतिदिन सूर्य अर्घ्य प्रदान करें।
सूर्य देव दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे, जो आपके स्वभाव से संबंधित है। धन स्थान होने के कारण धन की वृद्धि, कार्यों में वृद्धि और पदोन्नति योग बन रहे हैं। किसी मंदिर या धर्मस्थल पर नारियल का दान करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
सूर्य देव आपकी राशि से लग्न स्थान पर गोचर करेंगे। यह शरीर तथा मुख का स्थान है। एक राजा के समान जीवन व्यतीत करेंगे और किसी को किया हुआ वादा पूरा करेंगे। संतान एवं न्यायालयों से लाभ प्राप्त होगा। "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" जाप करें।
आपके बारहवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे। आर्थिक आय कम हो सकती है और खर्च बढ़ सकते हैं। अपने से बड़ों की सेवा या मदद अवश्य करें। प्रातः ही सूर्य देव के दर्शन करें और सूर्य अर्घ्य प्रदान करें।
आपके ग्यारहवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे। यह स्थान आमदनी और कामना पूर्ति का है। आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा और इच्छाओं की पूर्ति के लिए परिश्रम अधिक करना पड़ेगा।
आपके दसवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो करियर और पिता का स्थान है। आपके कार्य क्षेत्र में तरक्की होगी और पिता द्वारा अधिक कार्य सम्पन्न होंगे। अपने से बड़ों का आदर अवश्य करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
आपके नवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो भाग्य का स्थान है। यह आपके भाग्य का साथ देगा और आपके पुराने काम में भी सफलता प्राप्त होगी। अधिक फल प्राप्ति हेतु पीतल के वर्तनों का प्रयोग करें।
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आपके आठवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो हमारे स्वास्थ्य को दर्शाता है। अचानक आने वाले कष्ट या रुकावटों के लिए काली गाय की सेवा करें या लाल गाय का दान करें। सूर्य देव का मंत्र जाप करें।
आपके सातवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो जीवन साथी का स्थान है। जीवन साथी का सहयोग प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। सुख-शांति आदि लाभ के लिए अन्न का दान अवश्य करें।
आपके छठे स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो शत्रुओं का भाव है। शत्रु बढ़ सकते हैं, इसलिए सावधानी से काम लें। भय से मुक्ति हेतु बाजरे का दान अवश्य करें।
आपके पांचवें स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो विद्या, वृद्धि संतान आदि का भाव है। यह आपके लिए लाभप्रद होगा। आपकी वाणी में मधुरता और प्रसन्नता आएगी और सफलता प्राप्त होगी। अधिक लाभ हेतु छोटे बच्चों को उपहार प्रदान करें।
आपके चौथे स्थान पर सूर्य देव गोचर करेंगे, जो भूमि, भवन और वाहन का स्थान है। आपको इन सबका लाभ प्राप्त होगा। अधिक लाभ प्राप्ति हेतु गेहूं का दान करें।
नोट: अपनी राशि का पूरा गोचर फल प्राप्त करने हेतु किसी ज्योतिषी से संपर्क करें।
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर 2024 सभी राशियों पर विभिन्न प्रभाव डालता है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। अपनी राशि के अनुसार सूर्य देव की आराधना और मंत्र जाप करने से शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। अधिक जानकारी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
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Author : Acharya Chandra Prakash Bhatt
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