ग्यारहव भाव अर्थात् मेष से आय के स्थान होने के कारण मेष राशि के जातकों के लिए शनि दशवे एवं ग्यारहवें भाव के स्वामी है। पूरे शाल धन-बान का योग बनेगा। भाग्योदय रहेगा परिक्षार्थियों के सफलता प्राप्ति योग हैं। शनि मेष में नीच होने के कारण मानसिक तनाव व सम्बन्धियों से मतभेद करा सकता है ।
वृष राशि के व्यक्तियों के लिए शीन नौवें व दशवे भाव के स्वामी हैं, 2024 में दसवे भाव में रहेगें कर्म स्थान के कारण शुभ फलदायक रहेगा। पदोन्नत व नौकरी पेशा में तरक्की प्रतिष्ठा आदि बढ़ेगी ।
भाग्य स्थान नौवें भाव में गोचर से भाग्य में लाभ व पद प्रतिवर्ष प्राप्त होगी मांगलिक कार्य शफल संतान योग शुभ हैं, तीर्थ यात्राएँ बढ़ सकती हैं। धार्मिक कार्य होंगे ।
कर्क राशि के व्यक्तियों के लिए शनि के गोचर के कारण भाग्य में सफलता प्राप्ति में देरी आ सकती है। कैरियर में उतार चढ़ाव आ सकता है, वाहन इत्यादि में सावधानी बरतनी चाहिए अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं।
सिंह राशि के शनि का गोचर सातवें भाव में रहेगा। जिसके कारण कोई भी साझेदारी कार्य उसमें कई कठिनाईयाँ बढ़ सकती है। नौकरी पेशा के व्यक्तियों को परिवर्तन हो सकता है। उतार-चढ़ाव रहेगा। प्रेम सम्बन्ध व वैवाहिक जीवन में अनमन सकती है।
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कन्या राशि के व्यक्तियों के छठे भाव में शनि का गोचर होने के कारण कैरियर में सफलता पद प्रतिवद्ध प्राप्त हो सकती है। साथ केतु कन्या राशि में होने के कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या बढ़ सकती ।
तुला राशि वालों के पाँचवे भाव में गोचर रहने के कारण धन लाभ व भाग्य उदय के अच्छे संकेत हैं। परीक्षा में उत्तम प्राप्ति योग हैं। शाल के अन्त तक काई - पैतृक सम्पत्ति से धन लाभ के योग हैं। और धार्मिक कार्य मैं अधिक रुचि बढ़ेगी
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि चौथे भाव में गोचर होने के कारण अपनी सेहत में उतार-चढ़ाव रह सकता है। कैरियर में कई कठिनाईया रह सकती है। रुके हुए कार्यों में और समय लग सकता हैं
शनि का गोचर तीसरे आव अर्थात् पराक्रम आव में होने के कारण, धन प्राप्ति व पद प्रतिष्ठ प्राप्त हो सकती है। रुके हुए कार्य सफल होने के अवसर है। नौकरी प्राप्ति के उत्तम योग है।
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शनि का गोचर दूसरे आब में होने के कारण आर्थिक रूप से कुछ परेशानियां और परिवार में तनाव रह सकता है। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी।
कुम्भ राशि के जातकों के लिए सनि पहले भाव में होन से कुछ आत्मविश्वास में कमी रह सकती है और पाटनर साथ भी मतभेद बढ़ सकते है। अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाछि शत्रु पक्ष मजबूत हो सकता है।अपरिचित लोगों से सावधान रहें ।
शनि का गोचर बारहवें भाव में होने के कारण व्यय बढ़ सकता हैं। कई जगह सफलता में निरासा रह सकती है। व्यापार इत्यादि में भी सावधानि की आवश्यकता है। कई खर्चों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
शनि के उपाय हेतु
शनि शान्ति वैदिक मन्त्र जाप,
मूल मन्हा जाप,
हनुमानचालिसा पाठ
शंकर जी की अराधना,
मृत्युंजय जाप कराना चाहिए,
नीलम रत्न से भी परिहार किया जा सकता है।
बीज मन्त्र भी कर सकते हैं - ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नमः
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Author : Acharya Prakash Chandra Bhat
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