अर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में स्थित होता है और इसका स्वामी राहु ग्रह होता है। इस नक्षत्र के जातकों में तीव्र बुद्धि, रचनात्मकता और नए विचारों को अपनाने की प्रवृत्ति होती है। यह नक्षत्र जीवन में परिवर्तन और विकास का प्रतीक है अर्द्रा नक्षत्र में जन्मे पुरुष जिम्मेदार होते हैं और अपने कार्य को शीघ्रता से पूरा करने की कोशिश करते हैं इन्हें अपनी मेहनत और कार्यशैली को छुपाकर रखना चाहिए, क्योंकि अधिक दिखावा हानिकारक हो सकता है ये गंभीर व्यक्तित्व के होते हैं लेकिन अनुकूल परिस्थितियों में हास्यप्रियता भी प्रदर्शित करते है पारिवारिक और मित्रों के प्रति वफादार होते हैं, लेकिन कई बार उनका आभार सही तरीके से व्यक्त नहीं हो पाता।
इनकी स्मरणशक्ति तीव्र होती है, जिससे ये लेखन, इंजीनियरिंग और गणित से जुड़े क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं ये कई करियर विकल्पों को आजमाने के बाद किसी एक क्षेत्र में स्थिर होते हैं इनके लिए 32 से 42 वर्ष की उम्र के बीच घर से दूर कार्य करना अधिक लाभदायक रहता है।
इनका विवाह विलंब से होता है, क्योंकि इन्हें अनुकूल जीवनसाथी खोजने में कठिनाई आती है 27 वर्ष से पहले विवाह करने से विवाहिक जीवन में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं परिवार में भाई-बहनों द्वारा उपेक्षा का अनुभव कर सकते हैं।
34 वर्ष की उम्र के बाद इन्हें कुछ पुरानी बीमारियाँ होने की संभावना होती है इन्हें अस्थमा, सूखी खांसी और सुनने संबंधी समस्याओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएँ खर्चीली होती हैं, खासकर जब उनका साथ भौतिकवादी दोस्तों का हो। ये बेहद व्यवस्थित होती हैं और विवादों से बचने के लिए अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग करती हैं। आकर्षक व्यक्तित्व होने के कारण ये दूसरों का ध्यान आकर्षित करती हैं और भावनात्मक रूप से कमजोर हो सकती हैं। कुछ महिलाओं के माता-पिता का तलाक होने की संभावना भी होती है।
ये महिलाएँ ज्ञान प्राप्त करने में रुचि रखती हैं और शोध, विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकती हैं। यदि ये व्यवसाय में जाना चाहती हैं, तो इन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि दूसरों के प्रभाव में आने की संभावना अधिक होती है।
इनका विवाह सामान्यतः देर से होता है विवाह पूर्व इनके संबंध सफल नहीं रहते, लेकिन विवाह के बाद इनके दांपत्य जीवन में भावनात्मक और रोमांटिक स्थिरता आती है ये अपनी माँ और सास से घनिष्ठ संबंध रखती हैं, जो इनके जीवन में सुख-शांति लाते हैं।
मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए प्रारंभिक सावधानी जरूरी है इन्हें आग और रक्त से संबंधित समस्याओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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