Facebook tracking pixel

12 प्रकार के रुद्राक्ष उनके लाभ और मंत्र

12 प्रकार के रुद्राक्ष उनके लाभ और मंत्र
  • 09 Mar 2024
  • Comments (0)

 

12 प्रकार के रुद्राक्ष

 

हजारों सालों से रुद्राक्ष हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न होने के लिए विख्यात, रुद्राक्ष को धारण करने वाले को शिव का आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त होती है, ऐसा माना जाता है। रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग महत्व और लाभ बताया जाता है। आइए, इस लेख में प्रमुख 12 प्रकार के रुद्राक्षों के बारे में विस्तार से जानें, उनके संभावित लाभों को समझें और उनसे जुड़े मंत्रों को जानें।

 

 

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके लाभ

 

 

एक मुखी रुद्राक्ष: यह सबसे दुर्लभ और सबसे पवित्र रुद्राक्ष माना जाता है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और माना जाता है कि यह आध्यात्मिक विकास, मोक्ष की प्राप्ति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। 

 

 

 

  • मंत्र: ॐ नमः शिवाय

 

 

दो मुखी रुद्राक्ष: इसे अर्धनारीश्वर का प्रतीक माना जाता है, जो शिव और पार्वती का संयुक्त रूप है। यह माना जाता है कि यह वैवाहिक सुख, सौहार्द और संतुलन को बढ़ावा देता है। 

 

 

 

  • मंत्र: ॐ अर्धनारीश्वराय नमः

 

 

तीन मुखी रुद्राक्ष: इसे अग्नि देव का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह क्रोध, तनाव और नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद करता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनाम्। उर्वारुकमिव बंधनान् मृत्योर मुक्षीय मामृतात॥

 

 

चार मुखी रुद्राक्ष: इसे ब्रह्मा का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह ज्ञान, शिक्षा और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ ओंकाराय नमः

 

 

पांच मुखी रुद्राक्ष: यह सबसे आम रुद्राक्ष है। इसे पंचानन शिव का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह शिक्षा, ज्ञान, स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ क्लीं नमः॥

 

 

छह मुखी रुद्राक्ष: इसे कार्तिकेय, शिव के पुत्र का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह शक्ति, साहस और विजय प्राप्त करने में सहायक होता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ ॐ षन्मुखाय नमः॥

 

 

सात मुखी रुद्राक्ष: इसे मातृकाओं या सात देवियों का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह आध्यात्मिक जागरण, मानसिक शांति और सफलता को बढ़ावा देता है। 

 

 

 

  • मंत्र: ॐ सप्त मातृभ्यः नमः॥

 

 

आठ मुखी रुद्राक्ष: इसे गणेश का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह बुद्धि, विघ्न विनाश और सफलता को प्राप्त करने में सहायक होता है। 

 

 

 

  • मंत्र: ॐ ॐ गं गणपतये नमः॥

 

 

12 प्रकार के रुद्राक्ष

 

नौ मुखी रुद्राक्ष: इसे दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह शक्ति, साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ ऐं हीं क्लीं दुर्गायै नमः॥

 

 

दस मुखी रुद्राक्ष: इसे विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह वैभव, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है। 

 

 

 

  • मंत्र: ॐ नमो विष्णवे॥

 

 

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष: इसे रुद्र का प्रतीक माना जाता है, जो शिव का उग्र रूप है। यह माना जाता है कि यह आध्यात्मिक शक्ति, साहस और जीवन में चुनौतियों से पार पाने में सहायक होता है।

 

 

 

  •  मंत्र: ॐ ॐ नमः रुद्राय॥

 

 

बारह मुखी रुद्राक्ष: यह सबसे दुर्लभ रुद्राक्षों में से एक माना जाता है। इसे सूर्य का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह स्वास्थ्य, सफलता और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

 

 

  • मंत्र: ॐ ह्रीं सूर्याय नमः॥

 

यहां पढ़ें: रुद्राक्ष पहनने के क्या फायदे हैं?

 

     

 

 

रुद्राक्ष चुनने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रुद्राक्ष चुनते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

 

 

 

अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों और इच्छाओं पर विचार करें: आप किस चीज के लिए रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं? आध्यात्मिक विकास, शारीरिक स्वास्थ्य, या किसी अन्य चीज़ के लिए?

 

 

अपने बजट को ध्यान में रखें: दुर्लभ मुख वाले रुद्राक्ष अधिक महंगे होते हैं।

 

 

किसी प्रतिष्ठित दुकान से ही रुद्राक्ष खरीदें: नकली रुद्राक्ष बाजार में आसानी से मिल जाते हैं, इसलिए किसी विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें।

 

 

 

पहने से पहले किसी ज्योतिषी या धार्मिक गुरु से सलाह लें: वे आपको आपके लिए उपयुक्त रुद्राक्ष चुनने में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

 

 

निष्कर्ष: 12 प्रकार के रुद्राक्ष

 

रुद्राक्ष सदियों से हिंदू धर्म और आध्यात्मिक पथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। 12 प्रकार के प्रमुख रुद्राक्षों में से प्रत्येक का अपना अलग महत्व और लाभ बताया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं के अनुरूप उपयुक्त रुद्राक्ष का चुनाव करें।

 

 

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि रुद्राक्ष किसी चमत्कारी दवा का विकल्प नहीं है। यह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आपके प्रयासों का समर्थन कर सकता है।

 

 

12 प्रकार के रुद्राक्ष से जुड़े सवाल और उनके जवाब

 

 

क्या सभी को रुद्राक्ष धारण करना चाहिए?

 

यह पूरी तरह से वैकल्पिक है। आप अपनी आस्था और विश्वास के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।

 

 

क्या महिलाएं रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं?

 

हां, निश्चित रूप से। महिलाएं भी रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं।

 

 

टूटे हुए रुद्राक्ष का क्या करें?

 

टूटे हुए रुद्राक्ष को धार्मिक स्थल पर विसर्जित कर दें। इसे फेंके नहीं।

 

 

क्या रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसका अभिषेक करना आवश्यक है?

 

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसका विधिपूर्वक अभिषेक करना शुभ माना जाता है। आप किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर अभिषेक करवा सकते हैं।ज्योतिषी से फ्री ऑनलाइन परामर्श  करें, चंद सेकंड में ज्योतिष के साथ अपना फ्री कंसल्टेशन प्राप्त करें।

 

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
 

 

Author : krishna

Talk to an astrologer on call or chat for accurate and personalized astrology predictions

Copyright ©️ 2025 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved