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मंगल 7 वें घर में हो तो क्या होता है? सातवें भाव में मंगल के उपाय

मंगल 7 वें घर में हो तो क्या होता है? सातवें भाव में मंगल के उपाय
  • 12 Jul 2025
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मंगल और सातवां भाव – एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय संयोजन: जानिए सातवें भाव में मंगल के उपाय

वैदिक ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, साहस, क्रोध, युद्ध, और पुरुषत्व का प्रतिनिधि माना गया है। यह ग्रह किसी भी कुंडली में जहां स्थित होता है, वहां तेज और उग्र प्रभाव डालता है। वहीं, सातवां भाव विवाह, जीवनसाथी, साझेदारी, और दीर्घकालिक संबंधों का संकेत करता है।

 

जब मंगल इस भाव में आता है, तो यह स्वाभाविक रूप से वैवाहिक जीवन और संबंधों में असर डाल सकता है। यही कारण है कि इस स्थिति को विशेष रूप से समझना और इसके अनुसार उपाय करना आवश्यक होता है।

 

सातवें भाव में मंगल का प्रभाव

अगर आपकी कुंडली में मंगल सातवें भाव में है, तो विवाह जीवन में कई प्रकार की चुनौतियाँ आ सकती हैं।

 

  • जीवनसाथी के साथ तकरार या संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
  • छोटे-छोटे मामलों को लेकर बड़ा विवाद हो सकता है।
  • विवाह में देरी हो सकती है, या जल्दबाज़ी में गलत निर्णय लिए जा सकते हैं।
  • क्रोध की अधिकता के कारण रिश्तों में कड़वाहट आने की संभावना होती है।
  • कुछ मामलों में, तलाक या बार-बार रिश्ते टूटने जैसी स्थितियाँ भी बन सकती हैं।

 

लेकिन यह प्रभाव सभी जातकों पर समान नहीं होता। बाकी ग्रहों की स्थिति, राशि, नक्षत्र, और लग्न के अनुसार परिणाम बदलते हैं।

 

क्या यह मंगली दोष बनाता है?

मंगल दोष या मंगलीक दोष तब बनता है जब मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है। इसलिए सातवें भाव का मंगल मंगली दोष की श्रेणी में आता है।

 

  • लेकिन हर मंगलीक दोष घातक नहीं होता।
  • अगर कुंडली में अन्य शुभ योग बन रहे हों या मंगल उच्च का हो तो यह प्रभाव कम हो सकता है।
  • कुछ राशियों में स्थित मंगल, दोष को और बढ़ा सकता है जबकि कुछ में इसका असर सीमित रह सकता है।

 

मंगली दोष तभी गंभीर माना जाता है जब विवाह से जुड़े अन्य कारक भी नकारात्मक हों।

 

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सातवें भाव में मंगल के लिए उपाय

अगर आपकी कुंडली में मंगल सातवें घर में है और वह शुभ फल नहीं दे रहा है, तो नीचे दिए गए उपाय लाभकारी हो सकते हैं:

 

  • मंगल दोष शांति के लिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें।
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें और 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः' मंत्र का जाप करें।
  • विवाह से पहले कुंडली मिलान अवश्य करवाएं। इससे संभावित टकराव और दोषों को पहले ही समझा जा सकता है।
  • मंगलवार को लाल वस्त्र, मिठाई या मसूर की दाल का दान करें।
  • कन्या को भोजन कराना या वस्त्र दान करना भी मंगल दोष के लिए लाभदायक माना गया है।

 

इन उपायों से न केवल विवाह जीवन में स्थिरता लाई जा सकती है, बल्कि रिश्तों में मधुरता भी बनी रहती है।

 

क्या विवाह टालना जरूरी है?

  • अगर आपकी कुंडली में मंगल सातवें भाव में है तो तुरंत घबराने की जरूरत नहीं।
  • सबसे पहले किसी अनुभवी और प्रमाणिक ज्योतिषी से कुंडली की विस्तृत जांच करवाएं।
  • देखें कि क्या मंगल के साथ अन्य शुभ ग्रहों का योग बन रहा है या कोई दृष्टि पड़ रही है।
  • यदि प्रभाव अधिक नकारात्मक है, तो उपायों और समाधान के बाद ही विवाह का निर्णय लें।
  • कभी-कभी दो मंगलीक व्यक्ति का विवाह करने से दोष अपने-आप निष्प्रभावी हो जाता है।

 

निष्कर्ष: सातवें भाव में मंगल के उपाय

सातवें भाव में मंगल का होना एक संवेदनशील ज्योतिषीय स्थिति है, जो विवाह और संबंधों में विभिन्न प्रकार के प्रभाव ला सकता है। लेकिन यह कोई ऐसा दोष नहीं है जिसका समाधान न हो।

 

यदि समय पर सही उपाय किए जाएं और कुंडली का गहन विश्लेषण हो, तो मंगल का यह स्थान भी आपको शक्ति और स्थिरता दे सकता है। याद रखें—डरने से नहीं, समझदारी से निर्णय लेने से जीवन बेहतर बनता है।

 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न सातवें भाव में मंगल के उपाय

क्या सातवें भाव में मंगल होने से शादी में देरी होती है?

हाँ, यदि कुंडली में मंगल की स्थिति अशुभ हो, तो विवाह में देरी या गलत निर्णय की संभावना होती है।

 

क्या सातवें भाव का मंगल तलाक का कारण बन सकता है?

संभव है, विशेषकर तब जब कुंडली में अन्य नकारात्मक योग भी हों।

 

मंगली दोष दूर करने का उपाय क्या है?

विशेष पूजा, मंत्र जाप, रुद्राभिषेक और योग्य जीवनसाथी के साथ कुंडली मिलान से समाधान संभव है।

 

क्या सातवें भाव में मंगल हमेशा बुरा होता है?

नहीं, यह पूरी तरह कुंडली के अन्य योगों, ग्रहों की दृष्टि और राशि पर निर्भर करता है।

 

क्या ऑनलाइन ज्योतिष से सही समाधान मिल सकता है?

हाँ, यदि ज्योतिषी अनुभवी और सटीक जानकारी देने वाले हों, तो ऑनलाइन परामर्श से भी लाभ होता है।

 

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Author : Krishna

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