धन की इच्छा हर व्यक्ति के जीवन में एक प्रमुख स्थान रखती है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में यह माना गया है कि व्यक्ति की कुंडली में ऐसे कई संकेत मौजूद होते हैं जो उसके आर्थिक जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित करते हैं। ये संकेत न केवल ग्रहों की स्थिति से पता चलते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कौन सा समय धन प्राप्ति के लिए अनुकूल है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि जन्म कुंडली में धन का सबसे बड़ा सूचक कौन सा ग्रह है, कौन से भाव धन का संकेत देते हैं, और किन योगों से व्यक्ति करोड़पति तक बन सकता है।
जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं और इनमें से कुछ भाव विशेष रूप से धन और समृद्धि से जुड़े होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार कुछ ग्रह विशेष रूप से धन और ऐश्वर्य के प्रतीक माने जाते हैं।
यह भी पढ़ें: कुंडली में सबसे मजबूत भाव कौन सा है?
धन प्राप्ति केवल ग्रहों और भावों की स्थिति पर निर्भर नहीं करती, बल्कि कुछ विशेष योग भी होते हैं जो कुंडली में अत्यंत प्रभावशाली होते हैं।
किसी भी योग या ग्रह की ताकत तब सामने आती है जब उस ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो। इसके अलावा, ग्रहों का गोचर भी यह तय करता है कि किस समय धन प्राप्ति के योग बनेंगे।
यदि बृहस्पति या शुक्र की महादशा चल रही हो और वे कुंडली में शुभ भावों में हों तो यह समय धन प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह भी पढ़ें: ज्योतिष में कौन सा लग्न सबसे शक्तिशाली है?
धन में रुकावट केवल ग्रहों की अशुभ स्थिति से ही नहीं होती, बल्कि कुछ ज्योतिषीय दोष भी इसके लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
इन दोषों से राहत पाने के लिए विशेष उपाय और शांति विधियाँ अपनाई जाती हैं।
यदि कुंडली में धन की स्थिति कमजोर हो तो कुछ प्रभावी उपाय अपनाकर इसे सुधारा जा सकता है:
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह धन देगा या कौन सा भाव सबसे ज्यादा फलदायक है, तो फ्री एस्ट्रो चैट के ज़रिए अपनी कुंडली दिखा सकते हैं। इससे आपको न सिर्फ स्पष्टता मिलेगी, बल्कि सही मार्गदर्शन भी मिलेगा।
धन का सूचक ग्रह और भाव व्यक्ति की कुंडली में छिपे रहस्यों को उजागर करते हैं। यदि आप इन संकेतों को समय रहते समझ लें, तो अपने जीवन में समृद्धि और सफलता ला सकते हैं। किसी भी ग्रह की कमजोर स्थिति को सही उपायों और सही सलाह से बदला जा सकता है। इसलिए कुंडली की गहराई से जांच करवाना और अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है।
बृहस्पति और शुक्र को धन का प्रमुख कारक माना जाता है।
हां, यदि कुंडली में धन योग या राजयोग हो तो ऐसा संभव है।
सही उपायों, पूजा-पाठ, और दान से धन योग को बल मिलता है।
हां, ग्रहों की दशा और भावों की स्थिति के आधार पर लाभ या हानि का अनुमान लगाया जा सकता है।
लक्ष्मी मंत्र का जाप करें, शुक्र और गुरु के उपाय करें, और नियमित रूप से दान करें।
Author : Krishna
Talk to Astrologer – First Chat Only at ₹1
Chat NowCopyright ©️ 2025 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved