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विवाह में कितने गुण मिलना जरूरी है? जानिए 32 या 36 गुण मिलान का सही महत्व

विवाह में कितने गुण मिलना जरूरी है? जानिए 32 या 36 गुण मिलान का सही महत्व
  • 19 Jun 2025
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विवाह में कितने गुण मिलना जरूरी है? जानिए 32 या 36 गुण मिलान का सही महत्व

हिंदू संस्कृति में विवाह से पहले कुंडली मिलान एक परंपरागत और महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है। यह न केवल दो लोगों की संगति को दर्शाती है, बल्कि उनके वैवाहिक जीवन की स्थिरता, स्वास्थ्य, संतान योग और आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डालती है।

 

अक्सर लोगों के मन में सवाल होता है – क्या 32 गुण मिलना पर्याप्त है? क्या 36 में से 36 गुण मिलना जरूरी है? आइए जानते हैं इसका सही महत्व और वैज्ञानिक दृष्टिकोण।

 

कुंडली मिलान क्या है और क्यों जरूरी है?

कुंडली मिलान को वैदिक ज्योतिष में अष्टकूट मिलान कहते हैं, जिसमें वर और वधू की जन्म कुंडलियों के आधार पर 36 गुणों का मिलान किया जाता है।

 

अष्टकूट के आठ मुख्य घटक होते हैं:

  • वरना – मानसिक अनुकूलता
  • वश्य – आकर्षण और नियंत्रण
  • तारा – आयु और स्वास्थ्य
  • योनि – स्वभाव और अनुकूलता
  • ग्रह मैत्री – ग्रहों की मित्रता
  • गण – मूल स्वभाव
  • भकूट – भावनात्मक और आर्थिक समरसता
  • नाड़ी – स्वास्थ्य और संतान योग

 

इन सभी के आधार पर कुल 36 अंकों में से अंक मिलाए जाते हैं।

 

36 में से कितने गुण मिलना जरूरी होते हैं?

ज्योतिष के अनुसार, गुण मिलान का यह सामान्य मापदंड है:

 

  • 18 से कम – विवाह हेतु अनुशंसित नहीं
  • 18 से 24 – औसत मिलान, सावधानी से निर्णय लें
  • 25 से 32 – अच्छा मिलान, शुभ संकेत
  • 32 से 36 – उत्तम मिलान, अत्यंत अनुकूल

 

यह जरूरी नहीं कि 36 में से 36 गुण मिलें। 32 गुण मिलना भी वैवाहिक सुख के लिए पर्याप्त माना जाता है, जब तक कोई गंभीर दोष न हो।

 

36 गुण मिलान में सबसे जरूरी गुण कौन से हैं?

हालांकि सभी गुण मायने रखते हैं, लेकिन नाड़ी दोष और भकूट दोष विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

 

  • नाड़ी दोष: संतान और स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
  • भकूट दोष: पति-पत्नी के बीच मानसिक तालमेल और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालता है।

 

गुण और उनका महत्व (संक्षिप्त तालिका):

कूटअधिकतम अंकमहत्व
नाड़ी8संतान योग
भकूट7दांपत्य सुख
गण6स्वभाव संगति
ग्रह मैत्री5मानसिक मेल
योनि4शारीरिक अनुकूलता

 

क्या 36 में से 21 गुण शादी के लिए अच्छा है?

यह प्रश्न बहुत सामान्य है, खासकर तब जब गुणों की संख्या न बहुत कम हो और न ही बहुत अधिक। ज्योतिष के अनुसार, 36 में से 21 गुण मिलना एक औसत लेकिन स्वीकार्य मिलान माना जाता है।

 

यदि वर और वधू के गुण 21 के आसपास हैं, तो यह संकेत देता है कि दोनों के बीच सामान्य स्तर पर संगति संभव है। हालाँकि, केवल अंक पर निर्भर रहना सही नहीं होता।

 

इस स्थिति में ध्यान देने योग्य बातें:

  • नाड़ी और भकूट दोष मौजूद हैं या नहीं, यह ज़रूरी जांच होनी चाहिए।
  • यदि इन दोषों की उपस्थिति हो, तो भले ही 21 गुण मिल रहे हों, विवाह टालना या उपाय करना बेहतर होगा।
  • यदि कोई बड़ा दोष नहीं है और परिवार, स्वभाव व सामाजिक स्तर मेल खाता है, तो विवाह सफल हो सकता है।

 

21 गुण मिलना शादी के लिए ठीक माना जा सकता है, लेकिन दोषों का विश्लेषण और अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना ज़रूरी है।

 

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क्या कम गुण मिलने पर विवाह नहीं हो सकता? उपाय क्या हैं?

यदि गुण कम मिलते हैं या कोई दोष पाया जाता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ सरल उपाय और धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से निवारण किया जा सकता है:

 

  • नाड़ी दोष शांति पूजन
  • भकूट दोष निवारण
  • मांगलिक दोष समाधान के लिए विशेष पूजा

 

इसके अलावा, अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी होता है ताकि वैवाहिक जीवन में बाधाएं दूर हो सकें।

 

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सफल विवाह में केवल गुण मिलान ही सब कुछ नहीं

कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण आधार है, लेकिन एक सफल विवाह के लिए भावनात्मक समझदारी, पारिवारिक सामंजस्य और सांस्कृतिक मेलजोल भी उतना ही जरूरी है।

 

कई बार लोग 36 में से 30+ गुण मिलते हुए भी अलग हो जाते हैं, और कभी-कभी 18-20 गुण के बाद भी जीवन सुखमय चलता है। इसलिए निर्णय सोच-समझकर और ज्योतिषीय मार्गदर्शन के साथ लें।

 

निष्कर्ष: क्या आपको कुंडली मिलान कराना चाहिए?

अगर आप विवाह की योजना बना रहे हैं, तो कुंडली मिलान अवश्य कराना चाहिए। 18 से कम गुण मिलने पर सावधानी बरतनी चाहिए, लेकिन 25 से ऊपर गुण मिलते हैं तो विवाह के योग शुभ माने जाते हैं।

 

32 गुण मिलना एक उत्तम संकेत है, लेकिन कुंडली के दोषों का समाधान और सलाह अनिवार्य है।

 

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FAQs

36 में से कितने गुण मिलना चाहिए शादी के लिए?

विवाह के लिए न्यूनतम 18 गुणों का मिलना जरूरी है, लेकिन 25 या उससे अधिक गुण मिलना शुभ होता है।

 

अगर 18 गुण ही मिलते हैं तो क्या विवाह संभव है?

18 गुण मिलना ज्योतिषीय रूप से स्वीकार्य है, लेकिन इसमें सावधानी बरतनी चाहिए और विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

 

गुण कम मिलने पर उपाय क्या हैं?

विशेष पूजन, मंत्र जाप और वैदिक उपायों से दोषों को कम किया जा सकता है। अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लें।

 

क्या लव मैरिज में भी गुण मिलान जरूरी होता है?

जी हां, लव मैरिज में भी कुंडली मिलान से वैवाहिक जीवन की स्थिरता और समस्याओं का पूर्व आकलन किया जा सकता है।

 

कुंडली में दोष है तो शादी में क्या रुकावट आ सकती है?

नाड़ी, भकूट, या मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन में स्वास्थ्य, संतान, और समझदारी संबंधी समस्याएं ला सकते हैं।

 

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Author : Krishna

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