Facebook tracking pixel

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत: तिथि और महत्व

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत: तिथि और महत्व
  • 21 Feb 2024
  • Comments (0)

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2024

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है और ज्येष्ठ पूर्णिमा इस महत्व को और बढ़ा देती है.  2024 में, यह आध्यात्मिक पर्व 22 जून, शनिवार को पड़ रहा है।  इस लेख में, हम ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का इतिहास और महत्व:

ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था, जिससे हिरण्यकश्यप का वध हुआ और प्रह्लाद की रक्षा हुई।

 

इस पावन पर्व का महत्व  इस प्रकार है:

 

पाप नाश और पुण्य की प्राप्ति: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

मोक्ष की कामना: शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को नियमित रूप से करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से सौभाग्य, समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।

 

पारिवारिक कल्याण: इस व्रत को करने से परिवार में सुख-शांति का वास होता है और कलह-क्लेश दूर होते हैं।

 

2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त:

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 21 जून 2024, शाम 7:33 से

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि समाप्त: 22 जून 2024, शाम 6:39 तक

 

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:00 से 5:00 बजे तक

 

अभ्युदय मुहूर्त: सुबह 6:00 से 7:30 बजे तक

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि:

 

स्नान: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें।

 

संकल्प: स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान की सफाई करें। फिर हाथ में जल लेकर संकल्प लें कि आप ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत विधिपूर्वक करेंगे।

 

पूजन सामग्री: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर, पंचामृत, गंगाजल, तुलसी, फल, फूल, दीप, धूप, नैवेद्य आदि सामग्री एकत्रित करें।

 

मंत्र जाप: मूर्तियों का विधिपूर्वक अभिषेक करें और फिर "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" और "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।

 

नैवेद्य: भगवान को फल, फूल और पंचामृत का भोग अर्पित करें।

 

आरती: धूप-बत्ती जलाकर भगवान की आरती करें।

 

प्रार्थना: अंत में हाथ जोड़कर ईमानदारी से अपनी मनोकामनाओं को प्रभु के समक्ष व्यक्त करें।

 

पारण: व्रत के समापन के बाद, पारण करना अनिवार्य है। सूर्यास्त के बाद या अगले दिन किसी शुभ मुहूर्त में फल या दूध से व्रत तोड़ें।

 

निष्कर्ष: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2024 

इस लेख में हमने ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के महत्व, तिथि, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि की जानकारी दी है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा होता है और सौभाग्य, समृद्धि, और परिवारिक कल्याण की प्राप्ति का समर्थन करता है। इसे अनिवार्य ब्रह्म मुहूर्त और शुभ अभ्युदय मुहूर्त में मनाया जाता है। व्रत करने से पाप नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति की कामना होती है।

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2024 से जुड़े पाठकों के सवाल

 

क्या ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत सभी रख सकते हैं? 

जी, ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत कोई भी रख सकता है। इसमें उम्र, जाति या लिंग का कोई बंधन नहीं है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बीमार व्यक्तियों को डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही व्रत रखने का विचार करना चाहिए।

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत पर क्या खाया जा सकता है?

 इस व्रत पर एक समय का सात्विक भोजन ग्रहण करने की परंपरा है। आप फल, दूध, पंचामृत, खीर, साबुदाना खिचड़ी या अन्य हल्के सात्विक व्यंजनों का सेवन कर सकते हैं। मांस, मछली, अंडा और शराब आदि का सेवन वर्जित है।

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? 

व्रत के दौरान दिनभर सकारात्मक विचार रखें और क्रोध, लोभ, ईर्ष्या आदि नकारात्मक भावों से बचें। किसी की निंदा न करें और सच्चाई से रहें। साथ ही, पूरे दिन मन लगाकर भगवान का स्मरण करें।

 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के आध्यात्मिक लाभ क्या हैं?

इस व्रत को करने से मन की शांति, ध्यान की शक्ति बढ़ती है और आत्मविश्वास मजबूत होता है। नियमित रूप से करने से कर्मों का शुद्धीकरण होता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है।

 

क्या ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कोई विशेष पूजा या अनुष्ठान किए जाते हैं?

जी, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा, गायत्री मंत्र, तुलसी माला का जाप और दान-पुण्य के कार्य करना शुभ माना जाता है।

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram

 

Author :

Related Blogs

Putrada Ekadashi 2024 Significance Date And Benefits
  • January 09 , 2024
Putrada Ekadashi 2024 Significance Date And Benefits

Discover the spiritual essence of Putrada Ekadashi...

Makar Sankranti 2024 date and Mahurat
  • January 10 , 2024
Makar Sankranti 2024 date and Mahurat

Discover the magic of Makar Sankranti 2024 with it...

Pongal 2024 Celebration in south India
  • January 10 , 2024
Pongal 2024 Celebration in south India

Experience the cultural vibrancy of Pongal 2024 in...

Talk to an astrologer on call or chat for accurate and personalized astrology predictions

Copyright ©️ 2025 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved