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देवउत्थान एकादशी 2024: तिथि और महत्व

देवउत्थान एकादशी 2024: तिथि और महत्व
  • 29 Mar 2024
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देवउत्थान एकादशी 2024: तिथि और महत्व

 

देवउत्थान एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु के चार महीने की योग निद्रा से जागने का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। 2024 में, देवउत्थान एकादशी शनिवार, 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

 

 

देवउत्थान एकादशी 2024 तिथि:

 

 

 

 

तिथि: 2024 में, देवउत्थान एकादशी 11 नवंबर को मनाई जाएगी।

पारण का समय: 12 नवंबर, 2024 को सुबह 06:12 बजे से 08:42 बजे तक।

 

 

देवउत्थान एकादशी का महत्व:

 

 

 

भगवान विष्णु का जागरण: इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं।

 

 

देवताओं का उत्थान: इस दिन सभी देवता, जो चातुर्मास के दौरान सोते हैं, जागते हैं।

 

 

शुभ कार्यों की शुरुआत: इस दिन से सभी शुभ कार्य, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुरू हो जाते हैं।

 

 

 

पापों से मुक्ति: इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

 

 

देवउत्थान एकादशी का व्रत:

 

 

 

व्रत का समय: एकादशी तिथि की शुरुआत से अगले दिन द्वादशी तिथि के प्रारंभ तक व्रत रखा जाता है।

 

देवउत्थान एकादशी 2024

 

 

व्रत विधि: इस दिन व्रत रखने वाले लोग स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

 

 

पूजा सामग्री: पूजा में तुलसी, फल, फूल, दीप, मिठाई आदि चढ़ाए जाते हैं।

 

 

व्रत पारण: द्वादशी तिथि के प्रारंभ में व्रत का पारण किया जाता है।

 

देवउत्थान एकादशी व्रत कथा:

कथा के अनुसार, एक बार राजा मानधाता शिकार के लिए जंगल गए। वहां उन्हें बहुत प्यास लगी। जंगल में उन्हें कहीं पानी नहीं मिला। थक कर हार मानते हुए वह एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गए। उसी समय वहां से इंद्र देवता अपने सफेद हाथी पर सवार होकर निकले। राजा मानधाता ने उनसे पानी मांगा। इंद्र देव ने उन्हें बताया कि इस पेड़ के नीचे ही भगवान विष्णु योग निद्रा में सोए हुए हैं। उनके चरणों से निकलने वाला जल अमृत के समान है। राजा मानधाता ने पेड़ की जड़ों को खोदा और वहां से निकलने वाले जल को पिया। उस जल को पीने से उन्हें असीम शक्ति मिल गई।

 

कुछ समय बाद भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागे। उन्होंने देखा कि राजा मानधाता उनके चरणों से निकलने वाले जल का सेवन कर रहे हैं। भगवान विष्णु ने राजा को श्राप दिया कि वह पृथ्वी पर राज्य करने का अधिकार खो देंगे। राजा मानधाता ने अपनी गलती का एहसास किया और भगवान विष्णु से क्षमा मांगी। भगवान विष्णु ने उन्हें बताया कि देवउत्थान एकादशी के दिन व्रत रखने और उनकी पूजा करने से उनका श्राप समाप्त हो जाएगा। राजा मानधाता ने वैसा ही किया और भगवान विष्णु की कृपा से उनका खोया हुआ राज्य वापस मिल गया। तब से, देवउत्थान एकादशी का व्रत किया जाता है।

 

 

     

 

 

निष्कर्ष: देवउत्थान एकादशी 2024

 

देवउत्थान एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान विष्णु के जागरण का प्रतीक है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

 

 

देवउत्थान एकादशी 2024 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

 

 

देवउत्थान एकादशी 2024 में कब है?

 

देवउत्थान एकादशी 2024 में शनिवार, 23 नवंबर को मनाई जाएगी।

 

 

देवउत्थान एकादशी का व्रत कैसे रखें?

 

इस दिन व्रत रखने वाले लोग स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। पूजा में तुलसी, फल, फूल, दीप, मिठाई आदि चढ़ाए जाते हैं।

 

 

देवउत्थान एकादशी का क्या महत्व है?

 

यह दिन भगवान विष्णु के जागरण का प्रतीक है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

 

 

देवउत्थान एकादशी के बाद कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

 

देवउत्थान एकादशी के बाद दीपावली, भाई दूज, गोवर्धन पूजा, और छठ पूजा जैसे त्योहार मनाए जाते हैं।

 

 

क्या देवउत्थान एकादशी के दिन कोई विशेष भोजन बनाया जाता है?

 

देवउत्थान एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग फलाहार करते हैं। इस दिन साबूदाना, राजगिरा, और कुटू की खिचड़ी बनाई जाती है।

 

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Author :

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