चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें नौ दिनों तक भगवानी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो संतान सुख की देवी मानी जाती हैं। इस दिन का महत्व, पूजा विधि और मंत्र के साथ, हम इस ब्लॉग में जानेंगे।
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के छठे तिथि को मनाया जाता है। यह नवरात्रि महोत्सव का छठा दिन होता है। जो इस साल 14 अप्रैल, 2024 – को मनाया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन का महत्व अत्यंत उच्च है। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा करने से भगवानी की कृपा प्राप्त होती है और उनकी आशीर्वाद से संतान सुख की प्राप्ति होती है। माँ कात्यायनी का रूप माँ पार्वती का रूप माना जाता हैं, जिनकी तपस्या से उन्होंने भगवान शिव को पाया था।
माँ कात्यायनी की पूजा में धूप, दीप, फल, पुष्प, सुगंधित धूप, चावल, दूध, मिष्ठान्न, नैवेद्य, और पुष्पों का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ कात्यायनी के मंत्र का जाप किया जाता है।
"ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥"
नवरात्रि के पावन पर्व पर अगर आप व्यस्त हैं या घर से बाहर हैं, तो अब ऑनलाइन पूजा का विकल्प भी मौजूद है। कई वेबसाइट और ऐप्स के द्वारा आप घर बैठे ही पूजा का संचालन करवा सकते हैं। इन सेवाओं में वेद पाठ करने वाले पंडित शामिल होते हैं, जो विधि-विधान से पूजा संपन्न करवाते हैं. साथ ही आप अपनी मनोकामनाओं के अनुसार पूजा का सामान भी ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन को माँ कात्यायनी की पूजा करने के बाद, हम आशा करते हैं कि माँ दुर्गा हमें संतान सुख और परिवार की खुशियों में आनंद प्रदान करें। इस दिन हम अपने परिवार के साथ मिलकर माँ कात्यायनी की कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद से हमारे परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि का वातावरण बना रहे। जय माँ कात्यायनी।
माँ कात्यायनी की कथा में उनके संतान सुख की प्राप्ति का वर्णन है, जो उन्हें संतान प्राप्ति के लिए प्रसन्न करती हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा में धूप, दीप, पुष्प, फल, मिठाई, और नैवेद्य का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ कात्यायनी के मंत्र का जाप किया जाता है।
माँ कात्यायनी का रूप सुंदर और प्रेमभरा होता है, जो अपनी संतानों के प्रति अपार स्नेह का प्रतीक है।
चैत्र नवरात्रि के छठे दिन को माँ कात्यायनी की पूजा करके भक्त उन्हें संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को संतान सुख, स्नेह और आनंद की प्राप्ति होती है, और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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