अक्षय तृतीया 2024: तिथि और महत्व

अक्षय तृतीया 2024: तिथि और महत्व
  • 13 Feb 2024
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अक्षय तृतीया 2024

हिंदू धर्म के पवित्र त्योहारों में से एक, अक्षय तृतीया 2024, इस साल शुक्रवार, 10 मई को मनाई जाएगी। यह आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जो शुभ कार्यों, नए और समृद्धि के लिए सौभाग्य लाता है। अक्षय तृतीया को 'अमर तृतीया' भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल कभी कम नहीं होता और अक्षय हो जाता है।

 

अक्षय तृतीया 2024 की तिथि और समय:

 

तिथि: वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, सुबह 04:17 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन, शनिवार, 11 मई को सुबह 02:50 बजे तक मान्य।

 

मुहूर्त: पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है, जिसका अर्थ है कि किसी भी शुभ कार्य के लिए पंडित जी से शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कुछ विशिष्ट मुहूर्त भी उपलब्ध हैं, जैसे:

 

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): 03:47 PM से 04:35 PM

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ): 06:21 PM से 08:06 PM

  • सायं मुहूर्त (अमृत, चर): 08:06 PM से 10:35 PM

 

अक्षय तृतीया पूजा विधि

 

  • स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

 

  • घर या मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

 

  • गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें और उन्हें फूल, चंदन, तुलसी आदि अर्पित करें।

 

  • घी का दीपक जलाएं और आरती करें।

 

  • भगवान से प्रार्थना करें और अक्षय तृतीया के महत्व को याद करें।

 

  • जरूरतमंदों को दान करें।

 

वैवाहिक लग्न मुहूर्त:

10 मई 2024 को अक्षय तृतीया रहेगी। ये दिन भी शादियों के लिए बड़ा अबूझ मुहूर्त होता है।

 

अक्षय तृतीया का महत्व:

 

  • नए कार्यों की शुरुआत: अक्षय तृतीया नए व्यवसाय शुरू करने, घर गृहस्थी का प्रारंभ करने, भूमि पूजन या किसी भी नए उपक्रम का शुभारंभ करने के लिए उत्तम समय माना जाता है।

 

  • शिक्षा और ज्ञान: विद्यारंभ के लिए भी अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ दिन है। इस दिन शिक्षा की शुरुआत करने से ज्ञान में वृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

 

  • धन-संपत्ति: अक्षय तृतीया पर धन, सोना, या अन्य मूल्यवान वस्तुओं का खरीदना लाभदायक माना जाता है। इस दिन किए गए ऐसे निवेशों में वृद्धि होती है और अक्षय फल मिलता है।

 

  • पित्र तर्पण: अक्षय तृतीया को पितरों के निमित्त तर्पण करने का भी विधान है। इस दिन किए गए तर्पण से पितरों को संतुष्टि मिलती है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है।

 

अक्षय तृतीया 2024

 

अक्षय तृतीया की सफलता के उपाय:

 

  • अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और भगवान की पूजा करें।

 

  • इस दिन गाय को हरा चारा खिलाएं और गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।

 

  • सत्य बोलें और किसी को धोखा न दें।

 

  • क्रोध और नकारक्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। पूरे दिन सकारात्मक रहें और खुशियां फैलाएं।

 

अक्षय तृतीया से जुड़े कुछ प्रचलित तथ्य:

 

  • सृष्टि का आरंभ: पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के ही दिन सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था।

 

 

  • बद्रीनारायण धाम के कपाट खोलना: बद्रीनारायण मंदिर, जो हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित है, अक्षय तृतीया के दिन ही श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोला जाता है।

 

  • वृंदावन का विशेष दर्शन: वृंदावन में, बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह में केवल अक्षय तृतीया के दिन ही दर्शन की अनुमति होती है।

 

समापन: अक्षय तृतीया 2024

अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में एक पवित्र त्योहार है, जो आशा, प्रसन्नता और नए अवसरों का स्वागत करता है। इस दिन शुभ कार्यों करने, दान-पुण्य करने और सकारात्मकता फैलाने का संकल्प लेकर हम अपने जीवन को सफल और आनंदमय बना सकते हैं।

 

अक्षय तृतीया 2024 से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

 

क्या अक्षय तृतीया पर उपवास रखना जरूरी है?

जी नहीं, अक्षय तृतीया उपवास रखना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, कई लोग इस दिन उपवास रखकर पूजा-पाठ करते हैं।

 

क्या अक्षय तृतीया के दिन कैंचुल काटना शुभ होता है?

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन कैंचुल काटना या पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।

 

क्या अक्षय तृतीया पर किसी भी नए काम की शुरुआत की जा सकती है?

हां, अक्षय तृतीया किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए एक अत्यंत शुभ दिन है। नए व्यवसाय, घर गृहस्थी, शिक्षा, या किसी भी नए उपक्रम का शुभारंभ इस दिन किया जा सकता है।

 

क्या अक्षय तृतीया पर ग्रहण पड़ने से शुभ फल कम होते हैं?

ग्रहण का प्रभाव सभी दिनों पर समान रूप से नहीं पड़ता है। आमतौर पर, अक्षय तृतीया पर ग्रहण होने से शुभ फल थोड़े कम हो सकते हैं, लेकिन फिर भी इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल मिलता ही है।

 

अक्षय तृतीया का महत्व क्यों है?

अक्षय तृतीया का महत्व इस विश्वास पर टिका हुआ है कि इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल कभी कम नहीं होता और अक्षय रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और दान-पुण्य करते हैं।

 

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