होलिका का दहन प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भद्रा रहितकाल मैं होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष प्रदोषकाल समय में भद्रा होने के कारण होलिका दहन रात्रि 10:27 बजे के बाद किया जाएगा।
होलिका दहन का समय दिल्ली मैं - 10:27 PM
होलिका दहन का समय बनारस मैं - 11:13 - 12:27 PM
होलिका दहन कब होगा
होलिका दहन 2024 की तिथि को लेकर थोड़ा भ्रम हो सकता है। कुछ जगहों पर इसे 24 मार्च को, तो कुछ जगहों पर 25 मार्च को मनाया जाता है। दरअसल, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात को होता है।
रंगों का त्योहार होली, खुशियों और सद्भाव का प्रतीक है। हर साल फाल्गुन मास में मनाई जाने वाली होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है। इस दिन लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं। आइए, इस साल होलिका दहन 2024 के बारे में विस्तार से जानें।
अपनी इच्छा अनुसर फल प्राप्ति हेतु सटीक व अचूक उपाये
शत्रु भय एवं मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु गोले के अंदर पिली सरसो नमक व हल्दी की गाँठ डालकर होलिका में दहन करे।
लक्ष्मी प्राप्ति हेतु - गोले के अंदर कमलगट्टे भरकर होलिका मैं डाले।
कर्ज मुक्ति हेतु - 108 लोंग लेके या जौ लेकर गोले में डालकर होलिका मैं चढ़ाये।
सुख समृद्धि हेतु - पिली सरसो, हल्दी नमक कपूर गोले मैं डालकर होलका मैं डाले
3, 5, 7 परिक्रमा अवश्य लगाए।
होलिका दहन कब का है - शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 2024 का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 10 बजकर 27 मिनट से है। इस दौरान ही होलिका दहन किया जाएगा।
होलिका दहन की कहानी
होलिका दहन की कहानी राजा हिरण्यकश्यप और उनके पुत्र, भक्त प्रह्लाद से जुड़ी है। राजा हिरण्यकश्यप को यह अहंकार हो गया था कि वह अमर है। वह चाहता था कि सभी लोग उसकी ही पूजा करें। लेकिन, उसका अपना पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने की कई कोशिशें कीं।
एक बार उसने अपनी बहन होलिका की मदद ली। होलिका को एक ऐसा वस्त्र मिला था जो उसे आग में जलने से बचा सकता था। होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वस्त्र उलट गया और होलिका जल गई, जबकि प्रह्लाद सुरक्षित रहा। यही कारण है कि होलिका दहन के दिन लोग होलिका जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।
होलिका दहन के त्योहार के पीछे का महत्व
होलिका दहन का त्योहार सिर्फ एक कहानी से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई महत्वपूर्ण अर्थ छिपे हुए हैं।
बुराई पर अच्छाई की जीत: होलिका दहन यह बताता है कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अच्छाई हमेशा जीतती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: होलिका दहन की आग में पुरानी और नकारात्मक चीजों को जलाकर हम अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
नए शुरुआत का प्रतीक: होली से पहले होलिका दहन को नए साल की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है। पुरानी बुराइयों को जलाकर हम नई शुरुआत के लिए तैयार होते हैं।
समुदायिक सभा: होलिका दहन का त्योहार लोगों को एक साथ लाता है। लोग मिलकर होलिका जलाते हैं, ढोल-ताशे बजाते हैं और खुशियां मनाते हैं।
होलिका दहन 2024: ट्रेंडिंग FAQ
1. होलिका दहन 2024 कब है?
होलिका दहन 24 मार्च 2024, शनिवार को होगा।
2. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?
होलिका दहन का समय दिल्ली मैं - 10:27 PM
होलिका दहन का समय बनारस मैं - 11:13 - 12:27 PM
3. होलिका दहन की पूजा सामग्री क्या है?
गेहूं की बालियां, नारियल, गुड़, चना, मौली, रोली, चंदन, लकड़ी, उपले
4. होलिका दहन कैसे करें?
होलिका दहन के लिए एक खुली जगह चुनें।
लकड़ी और उपलों का ढेर बनाकर उसमें होलिका की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा सामग्री अर्पित करें और मंत्रों का जाप करें।
शुभ मुहूर्त में होलिका को आग लगाएं।
5. होलिका दहन का महत्व क्या है?
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह भक्त प्रह्लाद की रक्षा और होलिका के दहन की याद में मनाया जाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
होलिका दहन के बाद लोग रंगों से खेलते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।
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Tags : #Astrology #callastroera
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