हिंदू धर्म में विजया एकादशी का व्रत एक पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और विजय, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। 2024 में, विजया एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को पड़ रही है, जो कि 6 मार्च 2024 को है। आइए इस पावन अवसर के बारे में विस्तार से जानें।
विजय और सफलता का आशीर्वाद: विजया एकादशी का नाम ही "विजय" शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है जीत। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। चाहे वह कोई परीक्षा हो, कोई प्रतियोगिता हो या कोई व्यक्तिगत लक्ष्य हो, विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।
पापों का नाश और पुण्य का संचय: विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है और उसे पुण्य फल मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को क्ष की प्राप्ति भी होती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार: विजया एकादशी के दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस पवित्र वातावरण में भगवान की भक्ति करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसे जीवन जीने की नई प्रेरणा मिलती है।
एकादशी तिथि प्रारंभ: 5 मार्च 2024 को शाम 06:14 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 6 मार्च 2024 को शाम 05:24 बजे
पारण का समय: 6 मार्च 2024 को सुबह 06:15 बजे से सुबह 09:20 बजे के बीच
यहां पढ़ें: विजया एकादशी अंग्रेजी में
एकादशी तिथि के सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करें। पूजन में धूप, दीप, तुलसी, फल और फूल का प्रयोग करें।
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जप करें।
पूरे दिन निर्जला व्रत रखें या केवल फल और फलों का रस ग्रहण करें।
दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद भगवान का प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
विजया एकादशी की कथा में राजा इंद्र की वज्र को चुरा लेने वाले नलकुबेर के युद्ध का वर्णन मिलता है। राजा इंद्र भगवान विष्णु की शरण में गए और उनकी कृपा से नलकुबेर से युद्ध जीतकर वज्र वापस पाने में सफल रहे। इसीलिए विजया एकादशी का दिन विजय प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है।
इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करने का भी विशेष महत्व है।
कुछ लोग इस दिन गीता का पाठ भी करते हैं।
इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद की सहायता करना बहुत पुण्य का काम होता है।
मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति
पापों का नाश और कर्म शुद्धि
जीवन में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्ति
सफलता और इच्छा पूर्ति
सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि
यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने विजया एकादशी के दिन ही महाभारत के युद्ध में कौरवों पर विजय प्राप्त की थी।
इस दिन भगवान विष्णु को "जगन्नाथ" के रूप में भी पूजा जाता है।
ओडिशा में, विजया एकादशी के दिन रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जो एक बहुत ही प्रसिद्ध और भव्य उत्सव है।
विजया एकादशी के पावन अवसर पर भगवान विष्णु की आराधना करने से हमें विजय, सफलता और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत के माध्यम से हम पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। विजया एकादशी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
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