जया एकादशी 2024: आत्मिक जीत का पर्व

जया एकादशी 2024: आत्मिक जीत का पर्व
  • 29 Jan 2024
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जया एकादशी 2024: आत्मिक जीत का पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। साल भर में 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जिनमें से जया एकादशी का खास स्थान है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और आत्मिक जीत का प्रतीक मानी जाती है। 

 

जया एकादशी 2024 : तिथि और शुभ मुहूर्त

  • 2024 में जया एकादशी 19 फरवरी को सुबह 8 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, लोग 20 फरवरी को भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।

 

  • इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 10 बजकर 22 मिनट से 11 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।

 

जया एकादशी : व्रत का महत्व और विधि
 

जया एकादशी का व्रत रखने से आत्मिक जीत का मार्ग प्रशस्त होता है। माना जाता है कि इस व्रत से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत का पालन करने वाले लोग अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं।

 

पूजा विधि:

  • सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

 

  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

 

  • तुलसी, फल, फूल, पंचामृत आदि से भगवान का श्रृंगार करें।

 

  • धूप-दीप जलाएं और मंत्रों का जाप करें।

 

  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या भगवान विष्णु की स्तुति में अन्य भजन गाएं।

 

  • व्रत का संकल्प लें और भगवान से क्षमा और आशीर्वाद मांगे।

 

  • रात में जागरण करें और भजन-कीर्तन में लीन रहें।

 

  • अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण के बाद ही भोजन ग्रहण करें।

 

जया एकादशी से जुड़े 5 महत्वपूर्ण योग

 

  • विजय योग: इस योग में किए गए कार्यों में विजय प्राप्त होती है, इसलिए जया एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है।

 

  • गुरु-चन्द्रल योग: यह योग ज्ञान और आध्यात्मिकता प्रदान करता है।

 

  • अमृत योग: इस योग में किए गए शुभ कर्मों का फल अक्षय होता है।

 

  • सिद्धि योग: मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यह योग शुभ माना जाता है।

 

  • बुधादित्य योग: यह योग बुद्धि, विवेक और सफलता प्रदान करता है।

 

जया एकादशी का धार्मिक महत्व

जया एकादशी से जुड़ी कई कथाएं हैं, जिनमें से एक के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने नरकासुर नामक दानव का वध किया था। एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन भगवान ने देवताओं को असुरों से जीत दिलाई थी। इसलिए, जया एकादशी को आत्मिक जीत का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, इस एकादशी का महत्व मोक्ष की प्राप्ति, पापों का नाश, दुखों का अंत और सौभाग्य की प्राप्ति से भी जुड़ा हुआ है।

 

जया एकादशी का सामाजिक महत्व

जया एकादशी का न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक महत्व भी है। इस दिन लोग धर्म-जाति के भेदभाव भुलाकर एक साथ भगवान की भक्ति करते हैं। 

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जया एकादशी मनाने के 5 लाभ और 5 सावधानियां

 

जया एकादशी 2024 धार्मिक महत्व से परे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यहां कुछ लाभ देखें:

 

  • आत्मबल का संवर्धन: व्रत रखने और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से आत्मविश्वास और आत्मबल बढ़ता है। जीवन की चुनौतियों का सामना करने का संकल्प मजबूत होता है।

 

  • मन की शांति: एकाग्रता के साथ भजन-कीर्तन करने और मंत्र जपने से मन शांत होता है। चिंता और तनाव कम होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

 

  • शरीर का शुद्धिकरण: एक दिन उपवास करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। इससे शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस होता है।

 

  • पुण्य की प्राप्ति: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस व्रत से पापों का नाश होता है और पुण्य का संचय होता है।

 

  • सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार: समाज में भक्ति भाव से धार्मिक कार्य करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। इससे सद्भावना बढ़ती है और सामाजिक सौहार्द का वातावरण बनता है।

 

यह याद रखें कि जया एकादशी सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि अपने जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने का अवसर है। 

 

जया एकादशी के अनुष्ठानों में शामिल होने के 5 सरल तरीके

 

आप जया एकादशी 2024 के धार्मिक महत्व और लाभों का अनुभव करने के लिए घर पर ही रहकर कुछ सरल अनुष्ठानों में शामिल हो सकते हैं:

 

  • भगवान विष्णु का श्रृंगार और पूजा

  • आध्यात्मिक पाठ और कथा का श्रवण

  • घर में ही जप और ध्यान

  • सेवाभाव दिखाएं और दान करें

  • परिवार के साथ भजन-कीर्तन का आयोजन

 

ये मात्र कुछ सुझाव हैं, आप अपनी रुचि और परिस्थिति के अनुसार जया एकादशी के अनुष्ठानों में भाग ले सकते हैं। याद रखें, सबसे महत्वपूर्ण बात भक्ति भाव और सकारात्मक दृष्टिकोण से इस पर्व को मनाना है।

 

जया एकादशी: पाप नाश और सौभाग्य प्राप्ति का पर्व

 

जया एकादशी 2024 धर्म, आध्यात्मिकता और समाजसेवा के संगम का एक पवित्र अवसर है। इस पर्व को मनाने से न केवल आत्मिक जीत का मार्ग प्रशस्त होता है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

 

समापन: जया एकादशी

जया एकादशी 2024 न केवल भगवान विष्णु की आराधना का अवसर है, बल्कि आत्मबल और आध्यात्मिकता बढ़ाने का माध्यम भी है। इस पर्व को मनाने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से लाभ मिलते हैं। उपर्युक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुए आप इस जया एकादशी को सार्थक बना सकते हैं और इसके शुभ फलों को प्राप्त कर सकते हैं।

 

ट्रेंडिंग FAQs

 

1. जया एकादशी पर क्या खाना चाहिए?

व्रत के दौरान फलाहार (फल, दूध, नट्स) ग्रहण किया जाता है। पारण के समय हल्का और पौष्टिक भोजन ग्रहण करें।

 

2. क्या गर्भवती महिलाएं जया एकादशी का व्रत रख सकती हैं?

डॉक्टर की सलाह के बिना गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से बचना चाहिए।

 

3. क्या जया एकादशी के दिन यात्रा करना शुभ है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन यात्रा करना अशुभ माना जाता है। हालांकि, जरूरी स्थिति में यात्रा करनी पड़े तो भगवान विष्णु से प्रार्थना करने के बाद यात्रा आरंभ करें।

 

4. जया एकादशी के बाद किस दिन पारण करना चाहिए?

जया एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि में पारण करना चाहिए। आप अपने सुविधा के अनुसार सुबह या दोपहर में पारण कर सकते हैं।


 

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