हिंदू धर्म के विशाल ग्रंथों में, शिव पुराण एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन ग्रंथ है, जो हमें सनातन धर्म के गहरे ज्ञान से रूबरू कराता है।
संस्कृत भाषा में लिखा गया यह ग्रंथ, अठारह प्रमुख पुराणों में से एक है। माना जाता है कि मूल रूप से इसमें 1 लाख श्लोक और बारह खंड (संहिता) थे, लेकिन आज जो शिव पुराण उपलब्ध हैं वे थोड़े छोटे हैं। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास, जिन्होंने कई हिंदू ग्रंथों को संकलित किया था, उन्होंने अपने शिष्य रोमहर्षण के लिए इसे संक्षिप्त किया था।
शिव पुराण कई तरह के विषयों को समेटे हुए है। आइए इसकी झलकियाँ देखें:
शिव केंद्रित कथाएँ: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह ग्रंथ मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित कहानियों और स्त्रोतों से भरा हुआ है। इन कथाओं में उनके विभिन्न रूपों, उनके लौकिक नृत्य (नटराज), माता पार्वती से विवाह और राक्षसों पर विजय के बारे में बताया गया है।
ब्रह्मांड और सृष्टि: यह पुराण ब्रह्मांड की उत्पत्ति की व्याख्या करता है, और यह भी बताता है कि कैसे सृष्टि बनती है, संभलती है और फिर खत्म हो जाती है - यह एक चक्रिय प्रक्रिया है।
धर्म और सदाचार: यह ग्रंथ सदाचरण (धर्म) के महत्व पर बल देता है और एक अच्छे जीवन के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
योग और आत्मज्ञान: शिव पुराण योग के रास्ते पर भी प्रकाश डालता है, जो आत्मिक मुक्ति प्राप्त करने का एक अभ्यास है।
तीर्थयात्रा और भूगोल: यह ग्रंथ पवित्र तीर्थ स्थलों के बारे में जानकारी देता है, जो भगवान शिव और अन्य देवताओं से जुड़े हुए हैं।
शिव पुराण में अध्यायों की संख्या इसके संस्करण के अनुसार बदलती रहती है। आजकल इस्तेमाल होने वाले 19वीं सदी के संस्करण में सात खंड (संहिता) और कुल 457 अध्याय हैं।
शिव पुराण हिंदू ज्ञान का एक बहुआयामी खजाना है। यह न केवल भगवान शिव के बारे में मनोरंजक कहानियां प्रदान करता है बल्कि दर्शन, पौराणिक कथाओं और आत्मिक मुक्ति के मार्ग के बारे में भी गहन जानकारी देता है।
कई प्राचीन ग्रंथों की तरह, शिव पुराण के रचयिता का पता नहीं है। परंपरागत रूप से, मौजूदा संस्करण को संकलित करने का श्रेय महर्षि वेद व्यास को दिया जाता है।
रचना की सही तिथि स्पष्ट नहीं है। अनुमानों से पता चलता है कि इसे ईसा पूर्व चौथी शताब्दी और ईस्वी दूसरी शताब्दी के बीच कभी लिखा गया होगा।
जी हां, शिव पुराण भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख हिंदू संप्रदाय, शैव धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह हिंदू धर्म के ब्रह्मांड विज्ञान, पौराणिक कथाओं और दर्शनशास्त्र पर जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
जी हां, शिव पुराण के हिंदी अनुवाद उपलब्ध हैं।
आप शिव पुराण के बारे में ऑनलाइन, शैक्षणिक पुस्तकालयों में या हिंदू पुस्तक विक्रेताओं से प्राप्त कर सकते हैं।
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