हिंदू धर्म में तुलसी को माता का दर्जा प्राप्त है। यह केवल एक पौधा नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति है, जो भक्तों को रोग, दोष और नकारात्मकता से बचाने में समर्थ मानी जाती है। तुलसी माला पहनना ना केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का माध्यम भी है।
लोगों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि तुलसी माला पहनने के सही नियम क्या हैं, इससे क्या लाभ होता है, और कहीं इसे पहनते समय हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे। इस ब्लॉग में हम इन्हीं सब बातों को विस्तार से समझेंगे।
तुलसी माला सिर्फ एक धार्मिक आभूषण नहीं है, बल्कि इसके पीछे अनेक गूढ़ लाभ छिपे हैं। धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में इसे विशेष महत्व दिया गया है।
तुलसी माला पहनने के भी अपने धार्मिक नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होता है।
कई बार लोग अनजाने में ऐसे कार्य कर बैठते हैं जिससे तुलसी माला की शक्ति निष्क्रिय हो सकती है या दोष लग सकता है।
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यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है कि क्या स्त्रियों को तुलसी माला पहननी चाहिए। शास्त्रों में इसके लिए कुछ विशेष नियम दिए गए हैं।
मासिक धर्म के समय स्त्रियों को तुलसी माला नहीं पहननी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र में तुलसी माला को विशेष महत्व दिया गया है, खासकर उन जातकों के लिए जो ग्रहों की अशुभ स्थिति से परेशान हैं।
तुलसी माला केवल एक धार्मिक गहना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। यदि इसे श्रद्धा, नियम और शुद्धता के साथ धारण किया जाए तो यह न केवल धार्मिक रूप से बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी होती है।
यदि आप जीवन में किसी ग्रह दोष, मानसिक अस्थिरता या आध्यात्मिक दिशा को लेकर उलझन में हैं तो ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें। आप निःशुल्क ज्योतिष चैट के माध्यम से अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से निशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी माला पहनने का सर्वश्रेष्ठ समय गुरुवार, एकादशी या श्रीकृष्ण/विष्णु से जुड़े पर्व होते हैं। प्रातःकाल स्नान के बाद पहनना श्रेष्ठ माना गया है।
हां, आप हर दिन तुलसी माला पहन सकते हैं, बशर्ते आप उसकी पवित्रता और नियमों का पालन करें।
हां, यदि बच्चा पूजा-पाठ या भक्ति भावना से जुड़ा है तो तुलसी माला पहनाई जा सकती है। ध्यान दें कि उसे उचित देखरेख में पहनाएं।
हर शुक्रवार या पूर्णिमा को तुलसी माला को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर सूर्यप्रकाश में सुखाना अच्छा माना जाता है।
यदि माला आपकी धार्मिक आस्था से जुड़ी है और आप नियमपूर्वक जीवन जीते हैं तो रात में पहनना भी कोई दोष नहीं माना जाता। परंतु पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
Author : Krishna
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