तुलसी माला पहनने के नियम: फायदे चाहिए तो ये गलतियां न करें!

तुलसी माला पहनने के नियम: फायदे चाहिए तो ये गलतियां न करें!
  • 22 May 2025
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तुलसी माला पहनने के नियम

हिंदू धर्म में तुलसी को माता का दर्जा प्राप्त है। यह केवल एक पौधा नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति है, जो भक्तों को रोग, दोष और नकारात्मकता से बचाने में समर्थ मानी जाती है। तुलसी माला पहनना ना केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का माध्यम भी है।

 

लोगों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि तुलसी माला पहनने के सही नियम क्या हैं, इससे क्या लाभ होता है, और कहीं इसे पहनते समय हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे। इस ब्लॉग में हम इन्हीं सब बातों को विस्तार से समझेंगे।

 

तुलसी माला पहनने से क्या लाभ होता है?

तुलसी माला सिर्फ एक धार्मिक आभूषण नहीं है, बल्कि इसके पीछे अनेक गूढ़ लाभ छिपे हैं। धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में इसे विशेष महत्व दिया गया है।

 

  • मानसिक शांति और ध्यान में सहायक: तुलसी की ऊर्जा मन को स्थिर करती है, जिससे ध्यान और साधना में सफलता मिलती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: इसे पहनने से बुरी नजर और नेगेटिविटी दूर रहती है।
  • ग्रह दोषों से राहत: विशेषकर शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभाव से यह रक्षा करती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: तुलसी माला विष्णु और कृष्ण भक्ति का प्रतीक है, जिससे भक्त को ईश्वर से जुड़ाव अनुभव होता है।

 

तुलसी माला पहनने के सही नियम और तरीका

तुलसी माला पहनने के भी अपने धार्मिक नियम हैं, जिनका पालन करना आवश्यक होता है।

 

  • कब पहनें: गुरुवार और एकादशी के दिन माला पहनना शुभ माना जाता है।
  • किस हाथ में पहनें: आमतौर पर माला गले में पहनी जाती है, लेकिन यदि हाथ में पहननी हो तो दाहिने हाथ में धारण करना उचित है।
  • मोतियों की संख्या: 108 मोतियों वाली माला को सर्वोत्तम माना गया है। एक अतिरिक्त माला "सुमेरु" कहलाती है, जिससे माला पूरी मानी जाती है।
  • पवित्रता: माला को पहनने से पहले उसे गंगाजल या शुद्ध जल से धोना और पवित्र करना जरूरी होता है।

 

तुलसी माला पहनते समय किन गलतियों से बचें

कई बार लोग अनजाने में ऐसे कार्य कर बैठते हैं जिससे तुलसी माला की शक्ति निष्क्रिय हो सकती है या दोष लग सकता है।

 

  • माला पहनकर शौचालय या स्नानगृह में न जाएं।
  • माला को किसी और को उधार देना या पहनाना वर्जित है।
  • माला को कभी ज़मीन या गंदे स्थान पर न रखें।
  • माला पहनने के दौरान मांस, मदिरा या अन्य तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखें।
  • यदि माला टूट जाए तो उसे गंगाजल में प्रवाहित कर दें और नई माला धारण करें।

 

यह भी पढ़ें: तुलसी की माला क्यों पहननी चाहिए अंग्रेजी में

 

क्या महिलाएं तुलसी माला पहन सकती हैं?

यह प्रश्न अक्सर पूछा जाता है कि क्या स्त्रियों को तुलसी माला पहननी चाहिए। शास्त्रों में इसके लिए कुछ विशेष नियम दिए गए हैं।

 

मासिक धर्म के समय स्त्रियों को तुलसी माला नहीं पहननी चाहिए।

  • नियमित पूजा करने वाली स्त्रियाँ, विशेषकर व्रत या एकादशी के दिन इसे पहन सकती हैं।
  • तुलसी माता को माता का स्थान प्राप्त है, इसलिए पूरी श्रद्धा और शुद्धता के साथ ही इसे धारण करें।

 

तुलसी माला और ज्योतिष लाभ

ज्योतिष शास्त्र में तुलसी माला को विशेष महत्व दिया गया है, खासकर उन जातकों के लिए जो ग्रहों की अशुभ स्थिति से परेशान हैं।

 

  • तुलसी माला राहु, केतु और शनि के प्रभाव को शांत करने में सहायक मानी जाती है।
  • इसे पहनने से जातक के ऊपर लगी बुरी दृष्टि दूर होती है।
  • साधना और मंत्र सिद्धि के लिए तुलसी माला को विशेष रूप से उपयोगी माना गया है।
  • तुलसी माला पहनने से कुंडली दोषों का प्रभाव कम होता है और मानसिक दृढ़ता मिलती है।

 

निष्कर्ष और उपयोगकर्ता के लिए सुझाव

तुलसी माला केवल एक धार्मिक गहना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। यदि इसे श्रद्धा, नियम और शुद्धता के साथ धारण किया जाए तो यह न केवल धार्मिक रूप से बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी होती है।

 

यदि आप जीवन में किसी ग्रह दोष, मानसिक अस्थिरता या आध्यात्मिक दिशा को लेकर उलझन में हैं तो ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें। आप निःशुल्क ज्योतिष चैट के माध्यम से अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से निशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

तुलसी माला पहनने का सबसे अच्छा समय क्या है?

तुलसी माला पहनने का सर्वश्रेष्ठ समय गुरुवार, एकादशी या श्रीकृष्ण/विष्णु से जुड़े पर्व होते हैं। प्रातःकाल स्नान के बाद पहनना श्रेष्ठ माना गया है।

 

क्या मैं तुलसी माला को हर रोज़ पहन सकता/सकती हूँ?

हां, आप हर दिन तुलसी माला पहन सकते हैं, बशर्ते आप उसकी पवित्रता और नियमों का पालन करें।

 

क्या बच्चों को तुलसी माला पहनाई जा सकती है?

हां, यदि बच्चा पूजा-पाठ या भक्ति भावना से जुड़ा है तो तुलसी माला पहनाई जा सकती है। ध्यान दें कि उसे उचित देखरेख में पहनाएं।

 

तुलसी माला कितनी बार शुद्ध करनी चाहिए?

हर शुक्रवार या पूर्णिमा को तुलसी माला को गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर सूर्यप्रकाश में सुखाना अच्छा माना जाता है।

 

क्या तुलसी माला रात में पहन सकते हैं?

यदि माला आपकी धार्मिक आस्था से जुड़ी है और आप नियमपूर्वक जीवन जीते हैं तो रात में पहनना भी कोई दोष नहीं माना जाता। परंतु पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।

 

Author : Krishna

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