सर्व पितृ अमावस्या : तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

सर्व पितृ अमावस्या : तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  • 14 Mar 2024
  • Comments (0)

 

हिंदू परंपरा में, सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन पूर्वजों को विदाई दी जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। 2 अक्टूबर 2024 को आने वाली सर्व पितृ अमावस्या विशेष महत्व रखती है क्योंकि इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने का भी अवसर मिलता है। आइए, इस लेख में हम सर्व पितृ अमावस्या 2024 की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में विस्तार से जानें।

 

तिथि और मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: सोमवार, 1 अक्टूबर 2024 का शाम 06:09 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त: मंगलवार, 2 अक्टूबर 2024 का शाम 04:40 बजे
  • कुंवर मुहूर्त: सुबह 10:15 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक
  • रोहिणी मुहूर्त: दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक
  • अपरान्ह काल: दोपहर 01:45 बजे से शाम 04:40 बजे तक

पूजा विधि

 

सर्व पितृ अमावस्या पर विधि-विधान से पूजा करना शुभ माना जाता है। यहाँ एक सामान्य पूजा विधि बताई गई है:

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • पितरों का श्राद्ध करने के लिए जल, तिल, कुश और फूल आदि सामग्री जुटाएं।
  • पितरों का आह्वान करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक जल अर्पित करें।
  • तिल और कुश चढ़ाएं और पितरों के पसंदीदा भोजन का भोग लगाएं।
  • दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" या "ॐ पितृभ्यो नमः" मंत्र का जाप करें।
  • गायत्री मंत्र का पाठ करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं या दान-पुण्य करें।

महत्व

सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व है:

  • पितृ पक्ष के 15 दिनों में पितृ मृत्यु लोक से आकर अपने परिजनों के बीच रहते हैं। सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध-तर्पण से उन्हें संतुष्ट करके विदाई दी जाती है।
  • इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • माना जाता है कि इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।
  • पितरों को श्रद्धापूर्वक विदाई देने से उनका आशीर्वाद मिलता है, जिससे सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

सर्व पितृ अमावस्या अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक पवित्र अवसर है। इस दिन विधि-विधान से पितृ दोष शांति पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करें और जीवन में शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त करें।

प्रश्न (FAQs)

 

1. क्या सर्व पितृ अमावस्या पर उपवास करना अनिवार्य है?

      इस दिन उपवास करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन सात्विक भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।

 

2. सर्व पितृ अमावस्या पर किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?

     सर्व पितृ अमावस्या पर, एकाग्रता, पवित्रता और शांति बनाए रखने के लिए, कुछ चीजों का  सेवन न करने की सलाह दी जाती है। इनमें शामिल हैं:मांस, मछली और अंडे,लहसुन और प्याज,लहसुन और प्याज को भी तामसिक माना जाता है और इनका सेवन भी वर्जित होता है,शराब और मादक पदार्थ,तामसिक भोजन

 

3. सर्व पितृ अमावस्या पर दान देने से क्या लाभ मिलता है?
    सर्व पितृ अमावस्या पर किया गया दान पितरों को संतुष्ट करता है और उनका आशीर्वाद दिलाता है। साथ ही, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

 

4. अपने पूर्वजों का पता न होने पर भी क्या उनकी पूजा की जा सकती है?
     हां, सर्व पितृ अमावस्या पर उन अज्ञात पूर्वजों के लिए भी श्राद्ध किया जा सकता है जिन्हें हम न जानते हों। ऐसे में "सर्व पितृभ्यो नमः" मंत्र का जाप करते हुए श्राद्ध कर्म किया जा सकता है।

 

5. क्या आधुनिक समय में भी सर्व पितृ अमावस्या का महत्व है?
    जी बिल्कुल, सर्व
पितृ अमावस्या का महत्व आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था। यह दिन हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने, पूर्वजों का सम्मान करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर देता है।

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram

 

Author :

Are You Compatible?

Select your and your partner's zodiac signs to Check compatibility

Talk to an astrologer on call or chat for accurate and personalized astrology predictions
Astroera Loader

Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved