गृहादि निर्माण जिस भूमिशुर्ण की शुभ परीक्षा करनी हो, वहाँ शाम के समय पर भूमि पूजन करवाने के पश्चात वहाँ अपने एक हाथ लम्बा, एक हाथ चौड़ा और डेर हाथ गहरा गड्डा खोद कर उसे जल से भर है। प्रातः काल आकर उसे देखने पर यहि बहु गड्डा देखने पर पानी से भरा हुआ दिखे • यदि पानी ना होतो मध्यम जाने और यदि गड्डा में पानी न हो और उसके आप-पास की मिट्टी कटी हुई हो तो, भूमि को अशुभ समझे l
वास्तु भूमि में परीक्षा के लिए भूमि में लगभग डेढ़ फुट गहरा उतमा ही चौड़ा गड्ढा खोदे l खुदाई के समय यदि पत्थर ईंट लम्बा पात्र धनादि द्रव्य मिले, तो यह परिवार की आयु, द्रव्य संताति आदि में वृद्धि होने के संकेत है। इसे शुभ शगुन माना जाता है। यदि भुमि खोदने पर कपाल, राखे, रुई, सीप, खेोपरी, गुठली, लोहा आदि मिले तो इसे , अशुभ शकून समझना चाहिए ।
विश्वकर्मा के अनुसार एक अन्य परिक्षा भूमि में उत्तर दिशा की ओर लगभग डेर फूट चौड़ा गड्ढा खादें। गड्ढा में से सारी मिट्टी निकाल दे, तथा निकाली हुई मिट्टी को दुबारा उसी गड्ढे में भर देl यदि गड्ढा भर जाने के बाद मिट्टी बचती हो तो भूमि उत्तम जानना चुहिएl यदि गड्ढा भर जाने के बाद मिट्टी कम पड़ जाती है तो, शेष नही बचे तो भूमि मध्यम स्तरीय होगी। यदि निकाली गई सारी मिट्टी गड्ढे में भरने पर भी गड्ढा पूरी तरह नहीं भरता हो तो समझ की जमीन निकृष्ट प्रकार की है।
फटी हुई, शूल, (दीमक आदि से युक्त ऊँची नीची भूमि अशुभ होती हैं l
शुभ भूमि - चिकनी, गिली, उपजाऊ मिट्टी, अथवा घास, पुष्प, लताओं, फूलों आदि से सुगन्धित एवं समतल भूमि ग्रह स्वामी अथवा उसके परिवार के लिए सुख सम्पन्ति में वृद्धिकारक होती है। मकान की नींव की गहरा खोदते समय यदि काली ईंटें देखने को मिले, ती भूमि शुभ जानें कोई बाल हड्डी या कोयला आदि अशुभ वस्तु मिले तो वह मकान बनाने वाला रोगादि से कष्ट होता है l
ज्योतिषी से बातचीत करना उन लोगों के लिए बेहद लाभदायक हो सकता है, जो अपने जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं या भविष्य से जुड़े सवालों का समाधान चाहते हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर आपकी कुंडली का विश्लेषण कर सकता है, जिससे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, विवाह, स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय स्थितियों से जुड़ी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिषीय मार्गदर्शन से आप सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकते हैं, जो जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
वास्तु शास्त्र में भूमि की शुभता और अशुभता का विशेष महत्व है। भूमि की सही जांच और चुनाव से घर और उसमें रहने वाले परिवार की खुशहाली सुनिश्चित की जा सकती है। सही ढंग से की गई भूमि परीक्षा न केवल भविष्य के कष्टों को टालती है, बल्कि समृद्धि और सकारात्मकता को भी आकर्षित करती है। अतः भूमि का चुनाव करते समय वास्तु नियमों का पालन अवश्य करें।
Author : Nikita Sharma
"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...
"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...
First Astrology Chat @ ₹1 – Get Accurate Predictions from Experts
Chat NowCopyright ©️ 2025 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved