तुला संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जो सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करता है। यह आमतौर पर अक्टूबर महीने के मध्य में पड़ता है।
तुला संक्रांति के दिन कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
स्नान करना: इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी या स्नान करने के स्थान पर स्नान करना शुभ माना जाता है।
दान करना: तुला संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। आप गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं।
पूजा-पाठ करना: इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करना और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। आप अपने घर के मंदिर में या किसी मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं।
तुलसी पूजा: तुला संक्रांति के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। आप तुलसी के पौधे को गंगाजल से सींच सकते हैं और दीप जलाकर तुलसी की आरती कर सकते हैं।
तुला संक्रांति के दिन कुछ खास समय होते हैं, जिनका विशेष महत्व माना जाता है:
तुला संक्रांति का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में:
तुला संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह न केवल फसल कटाई का त्योहार है, बल्कि सूर्य देव की उपासना, दान का महत्व और शांति-सौहार्द का प्रतीक भी है। तुला संक्रांति की कहानियां और परंपराएं पीढ़ियों से चली आ रही हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाती हैं।
तुला संक्रांति आमतौर पर अक्टूबर महीने के मध्य में पड़ती है।
तुला संक्रांति 2024, 17 अक्टूबर, गुरुवार को है।
तुला संक्रांति पर लोग स्नान करना, दान करना, पूजा-पाठ करना, तुलसी पूजा करना आदि करते हैं।
तुला संक्रांति का महत्व फसल कटाई के त्योहार के रूप में, सूर्य देव की उपासना के लिए, दान करने के लिए और शांति-सौहार्द के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
तुला संक्रांति से जुड़ी एक लोकप्रिय कथा संत तुलाधर की है, जो गरीबों की सेवा करने वाले एक परोपकारी व्यक्ति थे।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...
"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...
Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved