जब सूर्यदेव के सात घोड़ों द्वारा खींचे गए दिव्य रथ की झनकार सुनाई पड़ती है और आकाश में सुनहरे प्रकाश की किरणें बिखरती हैं, तो समझिए धर्म और परंपरा का अनूठा संगम, रथ सप्तमी का पर्व आ चुका है। हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाने वाला रथ सप्तमी 2024 इस साल 16 फरवरी को पड़ रहा है।
इस लेख में, हम रथ सप्तमी 2024 के धार्मिक महत्व, शुभ मुहूर्त, विशेष योगों और परंपरागत अनुष्ठानों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तो आइए, सूर्यदेव की दिव्य यात्रा के उत्सव में खुद को सराबोर करें और इस पावन पर्व के स्वागत के लिए तैयार हो जाएं!
रथ सप्तमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सूर्यदेव के रथ यात्रा का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान सूर्य अपने सात घोड़ों (सप्त लोकों का प्रतिनिधित्व) द्वारा खींचे गए रथ पर सवार होकर देवलोक से पृथ्वी लोक पर आते हैं और सभी प्राणियों को ऊर्जा और जीवन प्रदान करते हैं।
हर त्योहार की तरह, रथ सप्तमी 2024 के भी कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं, जिनमें पूजा-अर्चना करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस साल रथ सप्तमी की तिथि 15 फरवरी, 2024 की सुबह 10 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 16 फरवरी, 2024 की सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। हालांकि, सूर्योदय और ब्रह्म मुहूर्त के समय पूजा करना सबसे पवित्र और लाभदायी माना जाता है।
सूर्योदय मुहूर्त: 16 फरवरी, 2024 की सुबह 6 बजकर 35 मिनट सूर्योदय का समय है। सूर्योदय से पहले या सुबह 7 बजे तक सूर्य देव की पूजा करना विशेष शुभ और सफलता दायक माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त: सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। इस समय (लगभग सुबह 5 बजे से 6:30 बजे तक) वातावरण शांत और पवित्र होता है, इसलिए इस समय सूर्य देव की पूजा करना अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
रथ सप्तमी 2024 के शुभ मुहूर्त को और खास बनाते हैं कुछ विशेष योग। इन योगों के प्रभाव से इस बार का पर्व और भी फलदायी माना जा रहा है। आइए जानते हैं इन योगों के बारे में:
ब्रह्म योग: 16 फरवरी की दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। यह योग आध्यात्मिकता, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है। रथ सप्तमी पर ब्रह्म योग का संयोग होने से सूर्य देव की पूजा-अर्चना विशेष रूप से फलदायी होगी।
इंद्र योग: ब्रह्म योग के बाद, दोपहर 3 बजकर 18 मिनट से इंद्र योग शुरू होकर अगले दिन सुबह तक रहेगा। यह योग समृद्धि, सफलता और मान-सम्मान प्रदान करने वाला माना जाता है। रथ सप्तमी पर इंद्र योग का संयोग होने से नए कार्यों की शुरुआत और आर्थिक उन्नति के लिए यह समय बहुत ही शुभ माना जाता है।
भद्रा: एक उल्लेखनीय बात यह है कि 16 फरवरी को भद्रा का साया नहीं रहेगा। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान ही शुभ कार्यों को करने की सलाह दी जाती है। इसलिए, रथ सप्तमी 2024 पर शुभ मुहूर्त और योगों का संयोग बिना किसी बाधा के पूजा-अर्चना करने और अनुष्ठान करने के लिए बेहद अनुकूल है।
रथ सप्तमी का उत्सव पूरे भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में थोड़े भिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन कुछ परंपरागत रीति-रिवाज हर जगह लगभग एक जैसे ही होते हैं। आइए इनमें से कुछ महत्वपूर्ण परंपराओं के बारे में जानें:
यदि आप रथ सप्तमी 2024 को धूमधाम से मनाना चाहते हैं, तो ये सुझाव आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:
निष्कर्ष: रथ सप्तमी 2024 : सूर्य देव के रथ यात्रा
2024 रथ सप्तमी सूर्यदेव की दिव्य यात्रा का पावन पर्व है। इस दिन सूर्य की उपासना कर हम जीवन में प्रकाश, ऊर्जा और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। परंपराओं का पालन, शुभ कर्म और सकारात्मकता के संचार के साथ रथ सप्तमी का त्योहार मनाएं और अपने जीवन को आनंदमय बनाएं।
मुझे आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। क्या आप इस त्योहार के बारे में कुछ और जानना चाहते हैं? कृपया मुझसे पूछें! मैं आपकी पूरी सहायता करने में प्रसन्न रहूंगा।
1 क्या रथ सप्तमी के दिन ही सूर्य पूजा करना ज़रूरी है?
जी नहीं, आप किसी भी दिन सूर्यदेव की पूजा कर सकते हैं। हालांकि, रथ सप्तमी का दिन सूर्य की उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने से सूर्यदेव का विशेष आशीर्वाद मिलता है।
2 अगर मैं सूर्योदय से पहले नहीं उठ पाऊं तो क्या?
कोई बात नहीं, आप सूर्योदय के बाद भी सूर्यदेव की पूजा कर सकते हैं। हालांकि, सूर्योदय के समय पूजा करना सबसे पुण्यदायी माना जाता है।
3 रथ सप्तमी के दिन क्या कुछ खास भोजन बनाना चाहिए?
इस दिन कोई विशेष भोजन बनाने की आवश्यकता नहीं है। आप अपनी पसंद का शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि, सूर्यदेव को गुड़ से बनी खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
4 क्या रथ सप्तमी के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करना चाहिए?
जी हाँ, सूर्यदेव से संबंधित कई मंत्रों का जाप करना लाभदायी होता है। कुछ प्रमुख मंत्र हैं - ॐ आदित्याय नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ हं रवये नम:, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य शतकम।
5 क्या रथ सप्तमी के दिन व्रत रखना चाहिए?
रथ सप्तमी का व्रत रखना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, सूर्यदेव से संतान प्राप्ति की कामना करने वाली महिलाएं या किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं।
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