भारतवर्ष में मनाए जाने वाले पर्वों में मीन संक्रान्ति का एक खास स्थान है। यह वह पवित्र अवसर है जब सूर्य देव अपनी दक्षिणी गति पूरी कर उत्तरायण करते हैं, यानी उत्तरी गोखंड में प्रवेश करते हैं। 2024 में, यह शुभ दिन 14-03-2024 पड़ रहा है। इस पर्व का खास महत्व मीन राशि वालों के लिए है, लेकिन पूरे देश में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए, इस लेख में, मीन संक्रान्ति 2024 के बारे में विस्तार से जानें, जिसमें इसकी तिथि, समय, विधि, व्रत कथा, महत्व और बहुत कुछ शामिल है।
2024 में, मीन संक्रान्ति का पर्व 14-03-2024 को पड़ेगा। सूर्य देव मकर राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह सटीक 12:46 PM समय होगा।
मीन संक्रान्ति के दिन भक्तगण स्नान-ध्यान कर शुद्ध होकर भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। गंगा स्नान का खास महत्व माना जाता है, हालांकि, घर पर पूजा-अर्चना करना भी फलदायी होता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर, तिल की आहुति दी जाती है। इसके बाद, विभिन्न प्रकार के मीठे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। पूजा के बाद, परिवार के साथ मिलकर भोजन ग्रहण किया जाता है, जो सामुदायिक भावना और परंपरा को मजबूत करता है।
मीन संक्रान्ति से जुड़ी एक प्रचलित कथा है। भगवान विष्णु ने देवताओ को राहु के चंगुल से बचाने के लिए मच्छ अवतार लिया था। उसी दिन सूर्य देव उत्तरायण कर रहे थे। इसलिए, इस दिन को भगवान विष्णु के मच्छ अवतार की स्मृति के रूप में मनाया जाता है।
मीन संक्रान्ति का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह से काफी महत्व है। यह दिन नए साल की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और इसे नए संकल्पों के साथ स्वागत किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए शुभ कर्मों का फल पूरे वर्ष मिलता है।
यहां पढ़ें: मीन संक्रांति अंग्रेजी में
आध्यात्मिक महत्व
मीन संक्रान्ति का आध्यात्मिक महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि यह सूर्य देव की पूजा का पर्व है। सूर्य देव को जीवन शक्ति का प्रदाता माना जाता है और उन्हें नियमित रूप से पूजने से सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल प्राप्त होता है।
मीन संक्रान्ति विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। कई जगहों पर तिलकुट और गुझिया जैसे पकवान बनाए जाते हैं, वहीं कुछ क्षेत्रों में गन्ने का रस पीने का रिवाज है। यह त्योहार सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और परंपराओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम करता है।
जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा-अर्चना करें।
भगवान सूर्य को तिल, गुड़ और फूल चढ़ाएं।
गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
मीन संक्रान्ति से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न1. मीन संक्रान्ति 2024 पर क्या विशेष पूजा की जाती है?
जी हां, मीन संक्रान्ति पर सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसमें तिल, गुड़, फूल, फल आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा, मंत्रों का जाप और सूर्य स्त्रोत का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
प्रश्न: 2. क्या मीन संक्रान्ति के दिन व्रत रखना जरूरी है?
नहीं, मीन संक्रान्ति के दिन व्रत रखना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, कई लोग इस दिन उपवास का व्रत रखते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत विश्वास और परंपरा पर निर्भर करता है।
प्रश्न3. मीन संक्रान्ति से जुड़े कौन से लोकप्रिय व्यंजन बनाए जाते हैं?
मीन संक्रान्ति के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। उत्तर भारत में तिलकुट और गुझिया काफी लोकप्रिय हैं, वहीं दक्षिण भारत में पोंगल का विशेष महत्व है। इसके अलावा, खीर, हलवा और अन्य मीठे पकवान भी इस पर्व पर बनाए जाते हैं।
प्रश्न: 4. क्या मीन संक्रान्ति के दिन खरीदारी करना शुभ होता है?
माना जाता है कि मीन संक्रान्ति के दिन खरीदारी करना शुभ होता है। कई लोग इस दिन सोना, कपड़े, गृहस्थी का सामान आदि खरीदते हैं। यह नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से शुभ फल मिलता है।
प्रश्न 5. मीन संक्रान्ति को मनाने के लिए किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?
मीन संक्रान्ति को खुशी और उत्साह के साथ मनाने के लिए कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। तेज धूप में ज्यादा देर न रहें, पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ भोजन करें। इसके अलावा, त्योहार के उत्साह में पर्यावरण का ध्यान रखें और कम से कम कचरा पैदा करें।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved