इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। आइए इस लेख में हम कन्या संक्रांति 2024 के महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानें।
सूर्य देव की उपासना: कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है, जो सृष्टि के संचालक और जीवनदायी शक्ति माने जाते हैं। इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति को आरोग्य, वैभव और सफलता प्राप्त होती है।
पितृ पक्ष की शुरुआत: कन्या संक्रांति के दिन से ही पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जाती है। यह वह अवधि होती है, जो लगभग 16 दिनों तक चलती है और इस दौरान अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है। कन्या संक्रांति के दिन लोग अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा: कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा जी की भी पूजा की जाती है, जो शिल्प और निर्माण के देवता माने जाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों, कार्यस्थलों और औजारों की पूजा कर भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
दान-पुण्य का महत्व: कन्या संक्रांति को दान-पुण्य के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कन्या संक्रांति 2024 को 16 सितंबर (सोमवार) को मनाया जाएगा।
कन्या संक्रांति का क्या महत्व है?
कन्या संक्रांति का महत्व सूर्य देव की उपासना, पितृ पक्ष की शुरुआत, भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा और दान-पुण्य से जुड़ा हुआ है।
कन्या संक्रांति 2024 के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?
कन्या संक्रांति 2024 के लिए महान पुण्य काल 16 सितंबर 2024, प्रातः 6 बजकर 07 मिनट से प्रातः 8 बजकर 09 मिनट तक है। वहीं पुण्य काल 16 सितंबर 2024, सुबह 7 बजकर 36 मिनट से दोपहर 2 बजकर 08 मिनट तक है|
क्या कन्या संक्रांति के दिन कोई विशेष भोजन बनाया जाता है?
कन्या संक्रांति के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करने की परंपरा है। इसमें आप दाल, चावल, सब्जियां, फल आदि का सेवन कर सकते हैं , खीर जैसी विशेष मिठाइयाँ भी बनाई जाती हैं।
क्या कन्या संक्रांति पर कुछ खास परंपराएं हैं?
कन्या संक्रांति के दिन कई तरह की लोक परंपराएं देखने को मिलती हैं। पश्चिम बंगाल में इस दिन को 'कन्या लक्ष्मी पूजा' के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं, नई फसल की पूजा करते हैं और भगवान गणेश जी की भी पूजा की जाती है। साथ ही कन्न्याओं का भी सम्मान किया जाता है।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...
"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...
Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved