काली चौदस 2024: तिथि और महत्व

काली चौदस 2024: तिथि और महत्व
  • 26 Mar 2024
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काली चौदस 2024

हिंदू धर्म में काली चौदस का विशेष महत्व है। यह दिवाली से ठीक दो दिन पहले मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन मां काली की पूजा की जाती है, जो शक्ति और विनाश की देवी हैं। इस लेख में, हम काली चौदस 2024 के महत्व, ज्योतिषीय महत्व, अभ्यंग स्नान के महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानेंगे।

 

काली चौदस 2024 के लिए शुभ मुहूर्त 

काली चौदस 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। आइए जानें इस दिन के लिए शुभ मुहूर्त:

 

  • काली चौदस तिथि: 30 अक्टूबर 2024 (बुधवार)

 

  • शुभ मुहूर्त:  शाम 7 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 30 मिनट तक (लगभग)

 

  • अभ्यंग स्नान का समय: आप उपरोक्त शुभ मुहूर्त के दौरान या  इससे पहले किसी भी समय अभ्यंग स्नान कर सकते हैं।

 

काली चौदस का महत्व 

काली चौदस को कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है, आइए जानें उनमें से कुछ को:

 

  • मां काली की उपासना:  काली चौदस के दिन मुख्य रूप से मां काली की पूजा की जाती है। माता काली को शक्ति, रक्षा और विनाश की देवी के रूप में जाना जाता है।  यह दिन उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष अवसर होता है। ऐसा माना जाता है कि माता काली की सच्चे मन से पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और भक्तों को कष्टों से मुक्ति मिलती है।

 

  • दीपावली की तैयारी:  काली चौदस को दिवाली की तैयारियों की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है।  इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें सजाने की तैयारी शुरू कर देते हैं।

 

  • अभ्यंग स्नान का महत्व:   काली चौदस के दिन अभ्यंग स्नान करने का विशेष महत्व होता है।  अभ्यंग स्नान में शरीर पर सरसों का तेल लगाया जाता है,  जिसके कई स्वास्थ्य लाभ माने जाते हैं। यह माना जाता है कि अभ्यंग स्नान करने से न सिर्फ त्वचा का शुद्धिकरण होता है बल्कि इससे  शरीर से  नकारात्मक ऊर्जा का भी नाश होता है।

 

  • दान का महत्व:   काली चौदस के दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता है। आप गरीबों और जरूरतमंदों को दान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

काली चौदस 2024

 

काली चौदस का ज्योतिषीय महत्व 

ज्योतिष शास्त्र में भी काली चौदस का विशेष महत्व है। आइए जानें इसके ज्योतिषीय महत्व के बारे में:

 

  • तंत्र साधना के लिए शुभ दिन:  काली चौदस को तांत्रिक पूजा और अनुष्ठान करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है।  हालांकि, तांत्रिक अनुष्ठान किसी जानकार गुरु के मार्गदर्शन में ही करने चाहिए।

 

  • ग्रहों का प्रभाव:   ज्योतिष के अनुसार, काली चौदस के दिन ग्रहों की स्थिति काफी महत्वपूर्ण होती है।  काली मां को ग्रहों की अधिपतिया मानी जाती हैं और उनका संबंध शनि ग्रह से भी बताया जाता है। इसलिए, इस दिन माता काली की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।

 

  • जीवन में सकारात्मक बदलाव:   काली चौदस पर माता काली की विधि-विधान से पूजा करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।  यह माना जाता है कि इससे  व्यक्ति को  भय,  शत्रुओं से रक्षा और  मनोकामनाओं की पूर्ति प्राप्त होती है।

 

यहां पढ़ें: धनतेरस 2024 - धन की वर्षा का शुभ दिन

 

अभ्यंग स्नान का महत्व 

काली चौदस के दिन किया जाने वाला अभ्यंग स्नान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानें इसके महत्व के बारे में:

 

  • शारीरिक शुद्धि:   अभ्यंग स्नान में सरसों का तेल शरीर पर मालिश करके लगाया जाता है।  ऐसा करने से मृत त्वचा कोशिकाएं निकल जाती हैं और  त्वचा कोमल और चिकनी बनती है।  इसके साथ ही,  रक्त संचार भी बेहतर होता है।

 

  • आध्यात्मिक शुद्धि:   यह माना जाता है कि अभ्यंग स्नान करने से न केवल शरीर साफ होता है बल्कि इससे  मन और आत्मा भी शुद्ध होते हैं।   सरसों के तेल में औषधीय गुण होते हैं,  जिससे  नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 

  • दीपावली की तैयारी:   काली चौदस पर किया जाने वाला अभ्यंग स्नान दिवाली की तैयारियों का भी एक हिस्सा माना जाता है।   यह माना जाता है कि दिवाली से पहले शरीर को शुद्ध करके ही माता लक्ष्मी का स्वागत करना चाहिए।

 

निष्कर्ष: काली चौदस 2024

कुल मिलाकर, काली चौदस का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन माता काली की पूजा करने, अभ्यंग स्नान करने और दान करने का विधान है।  ऐसा माना जाता है कि इससे व्यक्ति को शक्ति,  कल्याण और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

 

काली चौदस 2024 से जुड़े सवाल और उनके जवाब

 

काली चौदस 2024 किस दिन है?

काली चौदस 2024  बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

 

काली चौदस पर क्या किया जाता है?

काली चौदस पर मुख्य रूप से माता काली की पूजा की जाती है। इसके अलावा, लोग अभ्यंग स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और दिवाली की तैयारियां शुरू करते हैं।

 

काली चौदस पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

काली चौदस 2024 पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 30 मिनट तक (लगभग) है।

 

अभ्यंग स्नान का क्या महत्व है?

अभ्यंग स्नान में सरसों का तेल शरीर पर लगाया जाता है। इससे शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि होती है। साथ ही, यह दिवाली की तैयारियों का भी एक हिस्सा माना जाता है।

 

काली चौदस पर क्या दान करना चाहिए?

काली चौदस पर आप अपनी श्रद्धा अनुसार कोई भी दान कर सकते हैं। गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन दान करना उत्तम माना जाता है। आप मंदिरों में भी दान कर सकते हैं।

 

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