दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो इस साल 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन धन के देवता, धन्वंतरि और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। धनतेरस का त्योहार न केवल खरीदारी का शुभ मुहूर्त माना जाता है, बल्कि यह सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी प्राप्त करने का एक अवसर है।
धनतेरस तिथि प्रारंभ: 29 अक्टूबर 2024, शाम 6:02 बजे
धनतेरस तिथि समाप्त: 30 अक्टूबर 2024, शाम 6:03 बजे
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:57 बजे से 7:33 बजे तक
स्नान और साफ-सफाई: पूजा से पहले स्नान करके और पूजा स्थल को साफ करके शुद्धता बनाए रखें।
दीप प्रज्वलन: पूजा स्थान पर दीप जलाएं और धूपबत्ती लगाएं।
आवाहन और गणेश पूजन: भगवान गणेश का आवाहन करें और उनकी पूजा करें, क्योंकि वे शुभ कार्यों में विघ्न दूर करने वाले माने जाते हैं।
लक्ष्मी-धन्वंतरि पूजन: इसके बाद, लक्ष्मी जी और धन्वंतरि जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं और पुष्प, अक्षत, मिठाई आदि चढ़ाएं।
धनतेरस कथा: धनतेरस की कथा सुनें या पढ़ें।
आरती: अंत में, लक्ष्मी जी और धन्वंतरि जी की आरती करें।
दीपदान: मुख्य द्वार पर दीप जलाकर यम देव की पूजा करें।
ध्यान दें कि यह एक सामान्य पूजा विधि है, और आपके क्षेत्र या परिवार में कुछ भिन्नताएं हो सकती हैं। आप अपने पूजारी या किसी जानकार से भी सलाह ले सकते हैं।
लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार, कुछ चीजों को धनतेरस पर खरीदना अशुभ माना जाता है। इनमें से कुछ हैं:
कांच की वस्तुएं: कांच को नाजुक माना जाता है और जल्दी टूट सकता है, जो अशुभ माना जाता है।
काटेदार चीजें: चाकू, कैंची जैसी नुकीली या धार वाली चीजें धनतेरस पर खरीदने से घर में कलह और नकारात्मकता आ सकती है।
पुराने या इस्तेमाल की गई वस्तुएं: धनतेरस पर नई चीजें खरीदने का महत्व है, जो समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं।
धनतेरस पर खरीदारी करते समय अपनी आवश्यकताओं और बजट को ध्यान में रखें। खरीदारी को शुभ बनाने के लिए ईमानदारी और सकारात्मक भावना के साथ खरीदारी करें।
धन और समृद्धि का स्वागत: धनतेरस देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा का दिन है, जो धन-समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इससे घर में धन का आगमन होता है।
स्वास्थ्य और कल्याण: धन्वंतरि, चिकित्सा के देवता हैं, उनकी पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है।
सकारात्मकता का संचार: धनतेरस का त्योहार उत्सव का माहौल बनाता है और लोगों में सकारात्मकता का संचार करता है। नए सामानों की खरीदारी और घर की साफ-सफाई से वातावरण शुद्ध होता है और नई शुरुआत का एहसास मिलता है।
परिवार और समुदाय के साथ जुड़ाव: धनतेरस का त्योहार परिवार और समुदाय के लोगों के साथ मिलकर मनाने का अवसर प्रदान करता है। लोग एक साथ पूजा करते हैं, खरीदारी करते हैं और खुशियां बांटते हैं।
कुछ क्षेत्रों में धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि इससे बुरी शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मकता आती है। हालांकि, यह हर जगह की परंपरा नहीं है।
लोहे की वस्तुएं, जैसे धातु के बर्तन या उपकरण, धनतेरस पर खरीदने के लिए शुभ मानी जाती हैं।
हां, धनतेरस के दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। आप जरूरतमंदों को दान देकर पुण्य कमा सकते हैं।
धनतेरस पर खरीदारी करते समय चमकीले और शुभ रंगों के कपड़े चुनना बेहतर होता है। काले रंग को अशुभ माना जाता है।
हां, धनतेरस की पूजा शुभ मुहूर्त के अनुसार शाम के समय की जा सकती है।
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