Facebook tracking pixel

जानिए क्या है गायत्री जयंती

जानिए क्या है गायत्री जयंती
  • 02 Mar 2024
  • Comments (0)

 

गायत्री जयंती 2024: आध्यात्मिक जागरण और पवित्र मंत्र का उत्सव

हिंदू धर्म में गायत्री जयंती का विशेष महत्व है। यह पवित्र दिन उस महान गायत्री मंत्र के प्रकट होने का उत्सव है, जिसे वेदों का सार माना जाता है। माना जाता है कि इस मंत्र में सृष्टि की शक्ति निहित है और इसका नियमित जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली गायत्री जयंती इस साल 19 अगस्त 2024, सोमवार को पड़ रही है। आइए, इस लेख में हम गायत्री जयंती की तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त और मनाने की विधि के बारे में विस्तार से जानें।

 

गायत्री जयंती 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

 

गायत्री जयंती तिथि: 19 अगस्त 2024, सोमवार

श्रावण पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त 2024, रविवार, सुबह 03 बजकर 04 मिनट

श्रावण पूर्णिमा तिथि समाप्त: 19 अगस्त 2024, सोमवार, सुबह 11 बजकर 55 मिनट

 

गायत्री जयंती के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त:

 

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक

विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शाम 3 बजकर 31 मिनट तक

अमृता योग: सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 02 बजकर 26 मिनट तक

 

भद्रा काल:

 

भद्रा पूर्वा: 18 अगस्त 2024, सुबह 06 बजकर 56 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक

 

भद्रा मुख: 19 अगस्त 2024, सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक

 

गायत्री मंत्र का महत्व

ॐ भूर्भुवः स्वः । तत्सवितुर्वरेणियम । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

 

गायत्री मंत्र का हिंदी में अर्थ है:

हम सभी लोग उस दिव्य प्रकाश की प्रार्थना करते हैं, जो सभी जगहों को प्रकाशित करता है, जो सब दोषों को नष्ट करता है, जो सबका उत्तम अधिकारी है, हम उस देवता की स्तुति करते हैं और उसका ध्यान करते हैं जो हमें सही दिशा में ले जाए।

 

चार वेदों में से ऋग्वेद में पाया जाने वाला गायत्री मंत्र हिंदू धर्म का सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। इस मंत्र में 24 अक्षर हैं, जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति और जीवन के सार का प्रतिनिधित्व करते हैं। माना जाता है कि इस मंत्र का नियमित जाप करने से आध्यात्मिक विकास, बुद्धि का विकास, शुभ स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

गायत्री जयंती मनाने का महत्व

गायत्री जयंती का मुख्य उद्देश्य गायत्री मंत्र के महत्व को उजागर करना और उसके प्रति श्रद्धा जगाना है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करते हैं, गायत्री मंत्र का जाप करते हैं और हवन करते हैं। ध स्तोत्र, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। गायत्री जयंती का दिन आध्यात्मिक जागरण, सकारात्मक सोच और

 

गायत्री जयंती मनाने की विधि

 

स्नान और पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। अपने पूजा स्थान को साफ करें और दीप प्रज्ज्वलित करें।

 

गायत्री मंत्र का जाप: पूजा स्थान पर बैठकर शांतचित्त से कम से कम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। आप पूरे दिन जितना हो सके उतना मंत्र का जाप कर सकते हैं।

 

हवन: आप चाहें तो घर पर या मंदिर में हवन कर सकते हैं। हवन में शुद्ध घी, आहुतियां और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।

 

दान-पुण्य: गायत्री जयंती के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। गरीबों की मदद करें, भोजन दान करें या जरूरतमंद संस्थाओं को दान दें।

 

सत्संग और प्रवचन: गायत्री जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले सत्संगों और प्रवचनों में शामिल होकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करें।

 

गायत्री जयंती के लाभ

 

आध्यात्मिक जागरण: गायत्री मंत्र का जाप और गायत्री जयंती के अनुष्ठान आध्यात्मिक जागरण में सहायक होते हैं।

 

मन की शांति: नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।

 

सकारात्मक सोच: गायत्री मंत्र सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है और इसका जाप करने से सकारात्मक सोच का विकास होता है।

 

स्वास्थ्य लाभ: माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

 

मोक्ष की प्राप्ति: शास्त्रों में कहा गया है कि गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

निष्कर्ष: गायत्री जयंती 2024

गायत्री जयंती आध्यात्मिक जागरण, सकारात्मक सोच और परोपकार का संदेश देने वाला पवित्र त्योहार है। इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करके और पूजा-पाठ करके हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आइए, इस पवित्र अवसर पर गायत्री जयंती को हर्षोल्लास से मनाएं और गायत्री मंत्र के ज्ञान और शक्ति का लाभ उठाएं।

 

गायत्री जयंती 2024 से जुड़े सवाल और उनके जवाब

 

क्या गायत्री जयंती के दिन भद्रा में गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है?

कुछ पंचांगों के अनुसार भद्रा काल में गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार आप भद्रा पूर्वा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। भद्रा मुख को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान जाप करने से बचना चाहिए।

 

गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए कोई खास नियम हैं?

गायत्री मंत्र का जाप शुद्ध मन और श्रद्धा से करना चाहिए। आप किसी जानकार व्यक्ति से मंत्र का सही उच्चारण सीख सकते हैं। जाप करते समय शांत वातावरण और साफ-सुथरे स्थान का चुनाव करें।

 

बच्चों को भी गायत्री जयंती के बारे में बताया जाना चाहिए?

बिल्कुल! बच्चों को कम उम्र से ही गायत्री मंत्र के महत्व और गायत्री जयंती के बारे में बताना चाहिए। इससे उनमें आध्यात्मिक रुचि विकसित होगी और सकारात्मक गुणों का विकास होगा।

 

गायत्री जयंती के अवसर पर क्या संदेश देना चाहिए?

अपने परिवार और दोस्तों को गायत्री जयंती की शुभकामनाएं दें और उन्हें गायत्री मंत्र के महत्व के बारे में बताएं। सभी को

 

गायत्री जयंती पर उपवास रखना जरूरी है?

उपवास करना वैकल्पिक है, इसे धार्मिक परंपरा और व्यक्तिगत इच्छा के अनुसार किया जा सकता है. आप इस दिन शाकाहारी भोजन ग्रहण कर सकते हैं।

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
 

Author :

Facing delays in marriage, job issues, or relationship doubts?

Connect with expert astrologers for instant and accurate predictions.