हर साल की तरह, गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद गणेश विसर्जन का पर्व मनाया जाता है। इस साल, गणेश विसर्जन का पवित्र उत्सव 17 सितंबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय और धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। आइए, इस वर्ष गणेश विसर्जन की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, विसर्जन का इतिहास, पूजा विधि और अनुष्ठान के बारे में विस्तार से जानें।
गणेश विसर्जन की तिथि और शुभ मुहू र्त:
गणेश विसर्जन हमेशा गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद यानी कि अनंत चतुर्दशी को होता है। इस साल, गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है, इसलिए गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 को होगा। शुभ मुहूर्त की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन आमतौर पर विसर्जन दोपहर बाद होता है। सटीक मुहूर्त के लिए आप किसी ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।
गणेश विसर्जन का महत्व:
गणेश विसर्जन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इसे विघ्नहर्ता गणेश को विदा करने और उन्हें उनके निवास स्थान, कैलाश पर्वत पर वापस भेजने का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि एक सांस्कृतिक आयोजन भी है। लोग भक्ति और उत्साह के साथ भगवान गणेश की मूर्तियों को नदियों, समुद्रों या तालाबों में विसर्जित करते हैं। माना जाता है कि इससे शुभता, समृद्धि और नई शुरुआत का आशीर्वाद मिलता है।
गणेश विसर्जन का इतिहास:
गणेश विसर्जन की परंपरा का इतिहास काफी पुराना है। ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत शिवाजी के शासनकाल में हुई थी। शिवाजी अपने सैनिक अभियानों से पहले गणेश जी की पूजा करते थे और विजय प्राप्त करने के बाद उनकी मूर्तियों को विसर्जित करते थे। धीरे-धीरे, यह परंपरा पूरे भारत में फैल गई और आज एक लोकप्रिय त्योहार बन गया है।
गणेश विसर्जन पूजा विधि और अनुष्ठान:
गणेश विसर्जन से पहले घर में भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है। इसके बाद, उनकी मूर्ति को सजाया जाता है और जुलूस के साथ विसर्जन स्थल तक ले जाया जाता है। जुलूस में लोग ढोल-ताशा बजाते, भजन-कीर्तन करते और रंग-गुलाल लगाते हुए उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। विसर्जन स्थल पर पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के बाद भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।
गणेश विसर्जन से जुड़े अनुष्ठान:
विसर्जन से पहले भगवान गणेश को स्नान कराया जाता है और उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं।
उन्हें दूर्वा, फूल, फल और मिठाई का भोग चढ़ाया जाता है।
मंत्रोच्चार के साथ आरती की जाती है।
जुलूस के दौरान गणेश भजनों का जाप किया जाता है।
विसर्जन स्थल पर मंत्र पढ़ते हुए मूर्ति को जल में विसर्जित किया जाता है।
निष्कर्ष - गणेश विसर्जन 2024
गणेश विसर्जन, गणेश चतुर्थी उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भगवान गणेश को विदा करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का समय है। भक्ति, उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार लोगों को एकजुट करता है और उन्हें जीवन में नई शुरुआत के लिए प्रेरित करता है।
इस साल गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त कब और क्या है?
जैसा कि पहले बताया गया है, सटीक मुहूर्त की घोषणा अभी नहीं हुई है। आमतौर पर दोपहर बाद ही विसर्जन किया जाता है। अपने क्षेत्र के लिए सटीक मुहूर्त का पता लगाने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लें या विश्वसनीय धार्मिक वेबसाइट्स चेक करें।
क्या घर पर ही गणेश विसर्जन किया जा सकता है?
जी हां, आप घर पर ही गणेश विसर्जन कर सकते हैं, खासकर छोटी गणेश प्रतिमाओं के लिए। एक बाल्टी या टब में पानी भरकर उसमें मूर्ति को विसर्जित कर दें। बाद में उस पानी को किसी पौधे में डाल दें।
गणेश विसर्जन जुलूस में शामिल होने के लिए क्या पहनना चाहिए?
आप पारंपरिक भारतीय पोशाक पहन सकते हैं या आरामदायक कपड़े पहन सकते हैं जो धार्मिक समारोह के लिए उपयुक्त हों। ज्वेलरी और मेकअप को भी संयमित रखें।
क्या विसर्जन के दौरान भगवान गणेश को भोग चढ़ाना जरूरी है?
हां, आप फूल, फल, पान-सुपारी जैसा सरल भोग चढ़ा सकते हैं। खाने की चीजों का भोग चढ़ाते समय पर्यावरण का ध्यान रखें और बाद में उसे कचरे के डिब्बे में न फेंकें, गाय या जरूरतमंद लोगों को दे दें।
गणपति बप्पा मोरया कहने का क्या महत्व है?
"गणपति बप्पा मोरया" का अर्थ है "हे गणपति बप्पा, अगले साल जल्दी आओ।" यह मंत्र विदाई का प्रतीक है और अगले साल भगवान गणेश के शीघ्र आगमन की कामना करता है।
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