चैत्र नवरात्रि का महोत्सव हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो नौ दिनों तक चलता है और भगवानी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का अवसर प्रदान करता है। चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के रूप में मनाया जाता है, जो भक्तों को शांति और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करती है। इस दिन का महत्व, पूजा विधि और मंत्र के साथ, हम इस ब्लॉग में जानेंगे।
चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह नवरात्रि महोत्सव का तीसरा दिन होता है। जो इस साल 11 अप्रैल, 2024 – को मनाया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व अत्यंत उच्च है। इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से भगवानी की कृपा प्राप्त होती है और उनकी आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और खुशियाँ आती हैं। माँ चंद्रघंटा का रूप शांति, सुख, और समृद्धि का प्रतीक है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा में धूप, दीप, फल, पुष्प, सुगंधित धूप, चांदन, चावल, दूध, मिष्ठान्न, नैवेद्य, और पुष्पों का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ चंद्रघंटा के मंत्र का जाप किया जाता है।
"ॐ देवी चंद्रघण्टायै नमः॥"
नवरात्रि के पावन पर्व पर अगर आप व्यस्त हैं या घर से बाहर हैं, तो अब ऑनलाइन पूजा का विकल्प भी मौजूद है। कई वेबसाइट और ऐप्स के द्वारा आप घर बैठे ही पूजा का संचालन करवा सकते हैं। इन सेवाओं में वेद पाठ करने वाले पंडित शामिल होते हैं, जो विधि-विधान से पूजा संपन्न करवाते हैं. साथ ही आप अपनी मनोकामनाओं के अनुसार पूजा का सामान भी ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा माँ चंद्रघंटा को अर्पित करने के बाद, हम आशा करते हैं कि माँ दुर्गा हमें सदैव आत्म-शक्ति, संतुलन और ध्यान की प्राप्ति के लिए प्रेरित करें। माँ चंद्रघंटा की पूजा के द्वारा, हम अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं, और उनकी कृपा से हमें मार्गदर्शन मिलता है। इस अद्भुत उत्सव में, हम उन्हें अपने मन, वचन और कर्मों में स्थायित्व और निष्ठा के साथ सेवन करने का संकल्प करते हैं। जय माँ चंद्रघंटा।
माँ चंद्रघंटा की कथा में उनकी ध्यान और तपस्या का वर्णन है, जो उन्हें शक्ति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा में धूप, दीप, पुष्प, फल, मिठाई, और नैवेद्य का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ चंद्रघंटा के मंत्र का जाप किया जाता है।
माँ चंद्रघंटा का रूप चंद्रमा के साथ जुड़ा होता है और उनके चेहरे पर एक हिरण की झूलती है। वे माँ शांति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं।
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन को माँ चंद्रघंटा की पूजा करके भक्त उन्हें शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
माँ चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शांति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...
"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...
Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved