अपरा एकादशी 2024: तिथि और महत्व

अपरा एकादशी 2024: तिथि और महत्व
  • 18 Feb 2024
  • Comments (0)

 

अपरा एकादशी 2024 : तिथि और महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है। वर्षभर में 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं, जिनमें से अपरा एकादशी जून माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल 2 जून 2024 को पड़ने वाली अपरा एकादशी के बारे में विस्तार से जानें, जिसमें तिथि, मुहूर्त, उत्सव का महत्व, इतिहास और पूजा विधि शामिल हैं।

 

अपरा एकादशी की तिथि और मुहूर्त

 

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 जून, शनिवार रात 10:20 बजे से

  • एकादशी तिथि समाप्त: 2 जून, रविवार शाम 07:14 बजे तक

  • परिवर्तन काल: 31 मई, शनिवार शाम 05:32 बजे से 1 जून, रविवार सुबह 08:18 बजे तक

 

अपरा एकादशी का महत्व और उत्सव

अपरा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।

 

कुछ स्थानों पर अपरा एकादशी के दिन जुलूस निकाले जाते हैं और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य फल मिलता है और पाप धुल जाते हैं।

 

अपरा एकादशी का इतिहास और व्रत कथा

अपरा एकादशी से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में दैत्यराज नृप का शासन था। वह अत्याचारी और क्रूर था। नृप के अत्याचारों से त्रस्त देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने देवताओं की प्रार्थना सुनकर नृप का वध करने का निर्णय लिया।

 

भगवान विष्णु ने नृप को युद्ध के लिए ललकारा। युद्ध हुआ और भगवान विष्णु ने नृप का वध कर दिया। नृप के वध के बाद भगवान विष्णु ने देवताओं को दर्शन दिए और कहा कि जिस दिन उन्होंने नृप का वध किया था, उस दिन अपरा एकादशी थी। इसलिए इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

अपरा एकादशी की पूजा विधि

 

  • एकादशी तिथि से एक दिन पहले दशमी तिथि को सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

 

  • एकादशी तिथि के सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

 

  • अपने पूजा स्थान की सफाई करें और एक चौकी लगाएं।

 

  • चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

 

अपरा एकादशी

 

  • भगवान विष्णु को गंगाजल, फल, फूल, अक्षत, धूप और दीप अर्पित करें।

 

  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जप करें।

 

  • पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।

 

  • रात में जागरण करें और भजन-कीर्तन का आयोजन करें।

 

  • अपरा एकादशी व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

 

  • व्रत का संकल्प लेना आवश्यक है। आप किसी पंडित से संकल्प करवा सकते हैं या घर पर स्वयं भी संकल्प ले सकते हैं।

 

  • व्रत के दौरान किसी का अपमान न करें और सकारात्मक विचार रखें।

 

  • झूठ न बोलें और किसी को धोखा न दें।

 

  • क्रोध और लोभ से दूर रहें।

 

  • किसी भी तरह का नशा न करें।

 

  • अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।

 

अपरा एकादशी के लाभ

 

  • पापों का नाश: माना जाता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से अनजाने में किए गए पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

  • भगवान विष्णु की कृपा: इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

 

  • मन की शांति: अपरा एकादशी का व्रत करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति तनाव और चिंता से मुक्त होता है।

 

  • अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति: इस व्रत को करने से शरीर शुद्ध होता है और व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

 

  • पुण्य फल की प्राप्ति: अपरा एकादशी का व्रत करने से पुण्य फल मिलता है और व्यक्ति के अगले जन्म में अच्छा जन्म मिलता है।

 

अपरा एकादशी 2024 से जुड़े प्रश्न

 

क्या अपरा एकादशी के दिन उपवास करना अनिवार्य है?

अपरा एकादशी के दिन उपवास करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करने से व्रत का पूरा फल मिलता है। आप अपनी क्षमता के अनुसार आंशिक व्रत भी रख सकते हैं।

 

क्या गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग अपरा एकादशी का व्रत रख सकते हैं?

गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना व्रत नहीं रखना चाहिए। वे पूजा-पाठ कर और भगवान विष्णु का स्मरण कर इस दिन का महत्व कम कर सकते हैं।

 

अपरा एकादशी के दिन क्या खाना चाहिए?

अपरा एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। फल, सब्जियां, दूध, अनाज आदि का सेवन किया जा सकता है। मांस, मछली, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

अपरा एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाए?

अपरा एकादशी का व्रत द्वादशी तिथि के सुबह स्नान के बाद तोड़ा जा सकता है। आप किसी ब्राह्मण को भोजन करा कर या गाय को हरा चारा खिलाकर व्रत तोड़ सकते हैं।

 

अपरा एकादशी से जुड़ी अन्य मान्यताएं क्या हैं?

कुछ मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाने से घर में सुख-शांति का वास होता है। इस दिन गाय की सेवा करने से भी पुण्य फल मिलता है।

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
 

Author :

Related Blogs

मेष और मेष राशि के बीच समानताएं
  • November 13 , 2023
मेष और मेष राशि के बीच समानताएं

"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...

मेष और मिथुन राशि के बीच समानताएं
  • November 13 , 2023
मेष और मिथुन राशि के बीच समानताएं

"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...

मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं
  • November 15 , 2023
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं

मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...

Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved