2024 का सूर्य ग्रहण: समय और तिथि

2024 का सूर्य ग्रहण: समय और तिथि
  • 06 Feb 2024
  • Comments (0)

 

2024 का सूर्य ग्रहण: तिथि और आध्यात्मिक महत्व

अप्रैल 8, 2024,आने वाला है एक खास खगोलीय घटना - पूर्ण सूर्य ग्रहण। खगोलविदों की गणनाओं के अनुसार, यह ग्रहण भारत में तो दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व किसी त्योहार से कम नहीं है। आइए, इस प्रचलित ग्रहण के बारे में विस्तार से जानें, इसके शुरुआती और समापन समय, तिथि, और धार्मिक महत्व को समझें।

 

सूर्य ग्रहण का समय और चरण:

 

  • शुरुआती समय: ग्रहण का आंशिक रूप भारतीय समयानुसार रात 9:12 मिनट पर शुरू होगा।

 

  • पूर्ण ग्रहण का समय: रात 10:37 मिनट से 11:30 मिनट तक लगभग 53 मिनट के लिए सूर्य पूर्णरूप से चंद्रमा द्वारा ढक जाएगा। यही इस ग्रहण का पूर्ण ग्रहण काल होगा।

 

  • समाप्ति समय: ग्रहण का आंशिक रूप भारतीय समयानुसार रात 1:25 मिनट पर समाप्त होगा।

 

  • चंद्रमा के राशि और नक्षत्र: यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में घटित होगा। ज्योतिष में इन राशियों और नक्षत्रों का विशेष महत्व है और इस ग्रहण के प्रभाव को विभिन्न रूपों में फलित करने की क्षमता मानी जाती है।

 

  • ग्रहण की तिथि: यह ग्रहण चैत्र कृष्ण अमावस्या तिथि को होगा। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ देवताओं को तर्पण देने और विशेष पूजा-पाठ करने का विधान है। इस शुभ तिथि पर ग्रहण का संयोग और भी आध्यात्मिक रूप से सार्थक माना जाता है।

 

सूर्य ग्रहण का महत्व:

  • धार्मिक दृष्टिकोण: प्राचीन काल से ही ग्रहणों को महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं के रूप में देखा जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहणों के समय प्रकृति में असंतुलन माना जाता है और इस दौरान कुछ सावधानियां बरती जाती हैं। व्रत उपवास, मंत्र जप, दान-पुण्य जैसे कर्म ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किए जाते हैं।

 

  • ज्योतिषीय दृष्टिकोण: ज्योतिष में ग्रहणों को ग्रहों की दशा-अवस्था का सूचक माना जाता है। 2024 का यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में होने के कारण विश्व और व्यक्तिगत जीवन पर कुछ प्रभाव डाल सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी और उपाय अपनाने से जातकों के लिए सकारात्मक फल भी प्राप्त हो सकते हैं।

 

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें:

 

  • स्नान: ग्रहण के दौरान या समाप्ति के बाद पवित्र नदी या गंगाजल से स्नान करना शुभ माना जाता है। इससे ग्रहण के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।

 

  • मंत्र जप: ओम नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र आदि का जप करना और ध्यान लगाना ग्रहण के दौरान आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है।

 

  • दान-पुण्य: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करना पुण्य फलदायक होता है और ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।

 

  • ग्रहण की कथा सुनना: पुराणों में वर्णित ग्रहण की कथाओं को सुनना या पढ़ना धार्मिक महत्व रखता है और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।

 

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें

 

  • भोजन करना: ग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय प्रकृति असंतुलित होती है और ग्रहण का प्रभाव भोजन को दूषित कर सकता है।

 

  • सोना: ग्रहण के दौरान सोने से आध्यात्मिक लाभ कम होते हैं। इस समय जागकर ईश्वर का स्मरण और ध्यान करना अधिक फलदायी होता है।

 

  • क्रोध और नकारात्मक विचार: ग्रहण के समय क्रोध, ईर्ष्या या लोभ जैसे नकारात्मक भावों से बचना चाहिए। सकारात्मक सोच और शांति बनाए रखने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

 

  • गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस समय तेज आवाज, तेज रोशनी और अशांति के माहौल से बचना चाहिए।

 

सूर्य ग्रहण

 

यहां पढ़ें: सूर्य ग्रहण 2024 अंग्रेजी में

 

सूर्य ग्रहण से जुड़े मिथक और तथ्य:

सूर्य ग्रहण को लेकर समाज में कई तरह के मिथक और अंधविश्वास फैले हुए हैं। आइए, कुछ आम मिथकों को तथ्यों के साथ समझें:

 

  • मिथक: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजें नहीं छूनी चाहिए, इससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।

 

  • तथ्य: इस बात के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ग्रहण का बच्चे पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है। गर्भवती महिलाओं को बस सामान्य सावधानी बरतनी चाहिए और अनावश्यक तनाव से बचना चाहिए।

 

  • मिथक: ग्रहण के दौरान घर पर झाड़ू लगाना अशुभ होता है।

 

  • तथ्य: ये मान्यता किसी तर्क पर आधारित नहीं है। ग्रहण के दौरान घर की सफाई करने में कोई हर्ज नहीं है।

 

  • मिथक: ग्रहण के बाद ही स्नान करना चाहिए।

 

  • तथ्य: ग्रहण के दौरान या समापन के बाद पवित्र नदी या गंगाजल से स्नान करना शुभ माना जाता है। ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक नहीं है।

 

क्या भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा?

2024 का अप्रैल 8 का पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह विशिफिक ग्रहण प्रशांत महासागर, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हालांकि, इसके आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव भारत में भी अनुभव किए जा सकते हैं।

 

निष्कर्ष: सूर्य ग्रहण 2024 

अप्रैल 8, 2024 का सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जिसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व निर्विवाद है। ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतने और अनुष्ठान करने से व्यक्ति सकारात्मक शक्ति का अनुभव कर सकता है। यह हमें जीवन में संतुलन बनाए रखने और ईश्वर की शक्ति का स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। याद रखें, ग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना है, इसका सही ज्ञान और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर हम इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

सूर्य ग्रहण 2024 से जुड़े प्रश्न

 

क्या अप्रैल 8 के ग्रहण के किसी नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कोई उपाय हैं?

हां, ग्रहण के दौरान धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र जप, दान-पुण्य करना और सकारात्मक सोच रखना इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

क्या गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलना चाहिए?

यदि आवश्यक न हो तो घर पर रहना बेहतर है। हालांकि, अगर बाहर निकलना पड़े तो सामान्य सावधानी बरतें और तनाव से बचें।

 

क्या खग्रास सूर्य ग्रहण देखना हानिकारक है?

हां, खग्रास सूर्य ग्रहण को सीधे नग्न आंखों से देखना बेहद खतरनाक है। सूर्य का तेज प्रकाश रेटिना को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक ​​कि अंधता भी हो सकती है। इसलिए, इस तरह के ग्रहण को देखने के लिए हमेशा विशेष ग्रहण फिल्टर वाले चश्मे या सुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए।

 

क्या ग्रहण के दौरान खाना पीना बंद कर देना चाहिए?

कुछ मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन-पानी ग्रहण का प्रभाव ग्रहण कर सकता है। हालांकि, इसमें कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यदि आप स्वस्थ महसूस करते हैं और भूख लगी है, तो ग्रहण के दौरान भी हल्का और सात्विक भोजन करना सुरक्षित है।

 

क्या सभी ग्रहणों का समान महत्व होता है?

नहीं, विभिन्न प्रकार के ग्रहणों और उनकी अवधि के आधार पर उनका महत्व भिन्न होता है। खग्रास सूर्य ग्रहण को सबसे शक्तिशाली माना जाता है, जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण का प्रभाव कम माना जाता है। चंद्र ग्रहणों का महत्व भी सूर्य ग्रहणों से थोड़ा कम माना जाता है।

 

इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram

 

Author :

Related Blogs

Exploring Muladhara Chakra - 1st Chakra : The Root of Your Energy System
  • October 11 , 2023
Exploring Muladhara Chakra - 1st Chakra : The Root of Your Energy System

Muladhara Chakra stands as the sturdy foundation u...

At What Age will i get Married?
  • December 01 , 2023
At What Age will i get Married?

Predicting the exact age of marriage is challengin...

What kind of Career you are Looking for?
  • November 02 , 2023
What kind of Career you are Looking for?

Discover the career you're meant for! Astrology he...

Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved