जून का महीना ढलने को है, और सूर्य देव अब अपनी स्वर्णिम रथ को हाँकते हुए मिथुन राशि में प्रवेश करने को तैयार हैं। इसी पवित्र क्षण को मिथुन संक्रांति के रूप में मनाया जाता है, जो ज्योतिष जगत में एक महत्वपूर्ण घटना है। 2024 में, यह शुभ अवसर शनिवार, 15 जून को पड़ रहा है। तो चलिए, आज इस पर्व की तिथि, समय, मुहूर्त और महत्व को ज़रा गहराई से समझते हैं।
मिथुन संक्रांति 15 जून को प्रातःकाल 7:15 बजे से शुरू होकर 16 जून को सुबह 5:26 बजे तक मानी जाएगी। इस ख़ास पल में सूर्य देव मिथुन राशि में गोचर करेंगे, जो मिथुन राशि वाले जातकों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
मिथुन संक्रांति के दिन सूर्योदय के समय स्नान करना और सूर्य देव को अर्घ्य देना अति शुभ और फलदायी माना जाता है। इस वर्ष सूर्योदय का समय सुबह 5:34 बजे है। हालांकि, अपने जन्म स्थान के हिसाब से शुभ मुहूर्त का पता लगाने के लिए किसी पंडित जी से सलाह लेना सबसे उत्तम विकल्प है। कुछ शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
विजय मुहूर्त: सुबह 9:33 बजे से 10:21 बजे तक
अमृत मुहूर्त: सुबह 6:10 बजे से 7:00 बजे तक
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थान को गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करें।
एक चौकी पर सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
दीपक, अगरबत्ती जलाएं और फल-फूल चढ़ाएं।
तांबे या मिट्टी के पात्र में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
गायत्री मंत्र या सूर्य देव के अन्य मंत्रों का जाप करें।
भोग लगाएं और प्रार्थना करें।
अंत में आरती उतारें और प्रसाद ग्रहण करें।
मिथुन संक्रांति का ज्योतिष में बड़ा महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिससे ग्रहों की स्थिति में बदलाव आता है। यह बदलाव सभी राशियों के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। मिथुन राशि जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है। उन्हें सफलता, मान-सम्मान और आर्थिक लाभ प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है।
हालांकि, अन्य राशियों के जातकों पर भी मिथुन संक्रांति का प्रभाव पड़ता है। कुछ राशियों को अनुकूल फल मिलते हैं, तो कुछ को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषियों से अपनी जन्म कुंडली मिलान कर आप अपने लिए व्यक्तिगत भविष्यवाणियां जान सकते हैं।
जैसा कि हमने पहले बताया, मिथुन संक्रांति का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ता है। यहां संक्षेप में कुछ राशियों के लिए प्रवृत्तियां बताई जा रही हैं:
मिथुन राशि: शुभ समय, सफलता, मान-सम्मान, आर्थिक लाभ, रिश्तों में मजबूती।
मेष राशि: यात्राएं, संचार, ज्ञान, उत्साह बढ़ेगा, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृष राशि: धन लाभ, आराम, सुख-सुविधाएं, हालांकि संतान से जुड़े मामलों में सावधानी बरतें।
मिथुन राशि: परिवार, संपत्ति, वाहन सुख, लेकिन क्रोध या वाणी पर नियंत्रण रखें।
कर्क राशि: पराक्रम, साहस, मेहनत का फल मिलेगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
सिंह राशि: आर्थिक लाभ, मान-सम्मान, लेकिन कार्यक्षेत्र में चुनौतियां भी आ सकती हैं।
कन्या राशि: पार्टनरशिप, रिश्ते, सहयोग, लेकिन अनावश्यक खर्चों से बचें।
तुला राशि: स्वास्थ्य, सेवा, आध्यात्मिकता, लेकिन करियर में थोड़ा ठहराव आ सकता है।
वृश्चिक राशि: प्रेम, रोमांस, रचनात्मकता, लेकिन वाद-विवाद से बचें।
धनु राशि: परिवार, संपत्ति, सुख-सुविधाएं, लेकिन यात्राओं में सावधानी रखें।
मकर राशि: आर्थिक लाभ, मेहनत का फल, लेकिन शत्रुओं से सावधान रहें।
कुंभ राशि: करियर, मान-सम्मान, सामाजिक प्रतिष्ठा, लेकिन गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें।
ये प्रवृत्तियां सामान्य और संक्षिप्त हैं। सटीक भविष्यवाणियों के लिए अपनी जन्म कुंडली के हिसाब से किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें।
मिथुन संक्रांति हमें जीवन में एक नई शुरुआत करने का पवित्र अवसर प्रदान करती है। सूर्य देव के प्रकाश से हमारा जीवन प्रकाशित होता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस शुभ दिन पर हम अपने पिछले कर्मों का फल भोगते हैं और अच्छे कर्मों का संकल्प लेते हैं। आइए, इस पर्व को आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाएं, अपने प्रियजनों के साथ खुशियां बांटें और एक सफल और उज्जवल भविष्य की कामना करें।
उपवास व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है। हालांकि, कई लोग इस दिन सूर्योदय से पहले हल्का फलाहार करते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं।
इस दिन गरीबों की मदद करना और दान पुण्य करना शुभ माना जाता है। आप अनाज, वस्त्र, फल या अपनी इच्छानुसार कोई भी सामग्री दान कर सकते हैं।
जी हां, सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना इस दिन बहुत फलदायी माना जाता है। आप गायत्री मंत्र, सूर्य शतकम या ॐ आदित्याय नमः जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
मिथुन संक्रांति एक ज्योतिषीय घटना है और सीधे मौसम से जुड़ी नहीं है। हालांकि, कई क्षेत्रों में इस समय मानसून का मौसम शुरू होता है, इसलिए बारिश की संभावना बढ़ जाती है।
हां, 2024 की मिथुन संक्रांति कुछ खास कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह सप्ताह के अंत में शनिवार के दिन पड़ रही है, जो इसे मेलों और उत्सवों के लिए और भी अनुकूल बनाता है। इसके अलावा, इस साल मिथुन राशि में गुरु ग्रह का भी गोचर हो रहा है, जो इसे आध्यात्मिकता और ज्ञान के लिए बहुत ही शुभ समय बनाता है।
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