हरियाली तीज, जिसे सावन तीज या चौमासा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह श्रावण मास (मानसून का पवित्र महीना) के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है। वर्ष 2024 में, हरियाली तीज 7 अगस्त, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन का प्रतीक है।
व्रत आरंभ मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 13 मिनट से सुबह 5 बजकर 34 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 07 मिनट तक
कटोरी चढ़ाने का शुभ मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से दोपहर 3 बजकर 11 मिनट तक
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज प्रकृति के सौंदर्य और मानसून के आगमन का उत्सव है। यह त्योहार विवाहित महिलाओं के सौभाग्य और कल्याण के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
धार्मिक महत्व:
हरियाली तीज शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस दिन माता पार्वती 108 वर्षों के तप के बाद भगवान शिव से मिली थीं।
इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का वरदान दिया था।
हरियाली तीज भगवान गणेश और कार्तिकेय के जन्म की भी कहानी से जुड़ी है।
हरियाली तीज का सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। यह त्योहार हरियाली और प्रकृति के सौंदर्य का उत्सव है।
इस दिन महिलाएं रंगीन कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और झूला झूलती हैं।
कई जगहों पर इस दिन नाटक, लोकगीत और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
हरियाली तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत सुबह सूर्योदय से पहले शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। व्रत के दौरान महिलाएं पानी भी नहीं पीती हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थान को साफ करें और सजाएं।
भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
भगवान को फल, फूल, मिठाई और जल चढ़ाएं।
मंत्र उच्चारण करें और अपनी मनोकामनाएं मांगें।
कथा सुनें या पढ़ें।
शाम को व्रत कथा सुनें और फिर भोजन करें।
हरियाली तीज का उत्सव अधूरा है बिना पारंपरिक गीतों और नृत्यों के। यह दिन खुशियों और उत्साह से भरा होता है, जिसे संगीत और नृत्य के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
हरियाली तीज के गीत: हरियाली तीज के कई लोकप्रिय गीत हैं, जिन्हें महिलाएं पूरे उत्साह के साथ गाती हैं। इन गीतों में प्रकृति की सुंदरता, भगवान शिव और माता पार्वती की कहानी, सुहाग की खुशियां और पति के प्रति प्रेम का वर्णन होता है। कुछ प्रसिद्ध गीतों में शामिल हैं "चौमासा आ गया भोले के द्वार", "हरियाली तीज आई है खुशियां लाएगी", और "बोली चुंदरी रंगा रंग."
हरियाली तीज के नृत्य: हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं पारंपरिक नृत्य करती हैं। इन नृत्यों में झूला झूलना, गोल घूमना और थिरकना शामिल है। नृत्य खुशी और उत्साह का प्रतीक हैं और त्योहार के माहौल को और भी जीवंत बनाते हैं। प्रसिद्ध नृत्यों में शामिल हैं "झूम झूम झूलना", "चौमासा डांस", और "गिरधर लहरिया."
हरियाली तीज का उत्सव पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाएं, लेकिन साथ ही कुछ सावधानियां भी बरतें हैं:
अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें: निर्जला व्रत रखने से पहले अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन करें। यदि आप बीमार हैं, गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो व्रत न रखें।
स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन करें: यदि आप उपवास नहीं कर रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप स्वच्छ भोजन और पानी का ही सेवन करें। बाहर से खाना खाने से बचें।
पर्यावरण का ध्यान रखें: त्योहार के दौरान प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और पूजा सामग्री को नदियों या तालाबों में न डालें। पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारा सामूहिक दायित्व है।
सड़क सुरक्षा का पालन करें: यदि आप किसी कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं या मंदिर जा रही हैं, तो सड़क सुरक्षा का पालन करें। तेज रफ्तार में गाड़ी न चलाएं और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
हरियाली तीज एक प्रेम और सौंदर्य का उत्सव है जो प्रकृति के साथ-साथ हमारे समाज की धार्मिकता को भी साकार करता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन की कहानी हमें प्रेरित करती है और हमें प्रेम और सहयोग का महत्व बताती है। हम सभी को इस उत्सव के माध्यम से प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के साथ-साथ सामाजिक सहयोग और परंपराओं को महत्व देने का संकल्प लेना चाहिए। इस हरियाली तीज, हम सभी को ध्यान और प्रेम के साथ उत्सव मनाने का मौका मिला है। धरती माता की कृपा हमेशा हमारे साथ रहे।
हरियाली तीज 2024 से जुड़े सवाल और उनके जवाब
नहीं, हरियाली तीज हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इसलिए, तिथि हर साल बदलती रहती है।
कुछ क्षेत्रों में, हरियाली तीज केवल विवाहित महिलाओं द्वारा ही मनाई जाती है। हालांकि, कई जगहों पर अविवाहित महिलाएं भी इस त्योहार को मनाती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
हरियाली तीज के दौरान उपवास करना व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर करता है। कुछ महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि कुछ महिलाएं केवल सात्विक भोजन करती हैं।
हरियाली तीज पूरे भारत में मनाई जाती है, लेकिन कुछ स्थानों पर इसका विशेष महत्व है। इनमें से कुछ स्थान हैं वृंदावन, मथुरा, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश।
इस तरह के और भी दिलचस्प विषय के लिए यहां क्लिक करें - Instagram
Author :
"मेष राशि के दो व्यक्तियों के बीच समानताएं है जो ए...
"मेष और मिथुन राशि के बीच समानता" विषय पर यह ब्लॉग...
मेष और कर्क राशि के बीच समानताएं और विभिन्नता का ख...
Copyright ©️ 2023 SVNG Strip And Wire Private Limited (Astroera) | All Rights Reserved