चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें नौ दिनों तक भगवानी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है, जिन्हें अत्यंत भयंकर रूप में पूजा जाता है। इस दिन का महत्व, पूजा विधि और मंत्र के साथ, हम इस ब्लॉग में जानेंगे।
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के सातवें तिथि को मनाया जाता है। यह नवरात्रि महोत्सव का सातवाँ दिन होता है।
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन का महत्व अत्यंत उच्च है। इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा करने से भगवानी की कृपा प्राप्त होती है और उनकी आशीर्वाद से सभी भक्तों के दुःख और भय हर जाते हैं। माँ कालरात्रि का रूप माँ पार्वती का एक भयंकर और शक्तिशाली रूप माना जाता हैं।
माँ कालरात्रि की पूजा में धूप, दीप, फल, पुष्प, सुगंधित धूप, चावल, दूध, मिष्ठान्न, नैवेद्य, और पुष्पों का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ कालरात्रि के मंत्र का जाप किया जाता है।
"ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥"
नवरात्रि के पावन पर्व पर अगर आप व्यस्त हैं या घर से बाहर हैं, तो अब ऑनलाइन पूजा का विकल्प भी मौजूद है। कई वेबसाइट और ऐप्स के द्वारा आप घर बैठे ही पूजा का संचालन करवा सकते हैं। इन सेवाओं में वेद पाठ करने वाले पंडित शामिल होते हैं, जो विधि-विधान से पूजा संपन्न करवाते हैं. साथ ही आप अपनी मनोकामनाओं के अनुसार पूजा का सामान भी ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन, माँ कालरात्रि की पूजा के साथ ही हम भक्तों को माँ दुर्गा की उग्र स्वरूप का अनुभव करने का अवसर मिलता है। माँ कालरात्रि का रूप भयानक और भयंकर होता है, लेकिन वे भक्तों के दुःखों और संकटों को नष्ट करने की शक्ति रखती हैं। उनकी पूजा करके, हम अपने जीवन में आने वाले कठिनाइयों से निपटने की शक्ति प्राप्त करते हैं और अपने मार्ग में सफलता प्राप्त करते हैं। जय माँ कालरात्रि।
माँ कालरात्रि की कथा में उनके भयंकर रूप की महिमा का वर्णन है, जो भक्तों को दुःखों से मुक्ति दिलाते हैं।
माँ कालरात्रि की पूजा में धूप, दीप, पुष्प, फल, मिठाई, और नैवेद्य का अर्पण किया जाता है। इसके बाद माँ कालरात्रि के मंत्र का जाप किया जाता है।
माँ कालरात्रि का रूप भयंकर और उग्र होता है, जो भक्तों को दुःखों से मुक्ति दिलाती हैं।
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा करके भक्त उन्हें अपने भयों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
माँ कालरात्रि की पूजा से भक्तों को उग्र शक्तियों की प्राप्ति होती है, जो उन्हें दुःखों से मुक्ति दिलाती हैं।
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