भाद्रपद पूर्णिमा 2024: तिथि और महत्व

भाद्रपद पूर्णिमा 2024: तिथि और महत्व
  • 18 Mar 2024
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भाद्रपद पूर्णिमा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है और हर महीने मनाई जाती है, लेकिन भाद्रपद पूर्णिमा का अपना ही अलग स्थान है। 18 सितंबर 2024 को पड़ने वाले इस पावन दिन के बारे में विस्तार से जानने के लिए, पढ़िए यह लेख!

 

भाद्रपद पूर्णिमा 2024 के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुहूर्त दिए गए हैं:

 

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 17 सितंबर 2024, रात 11:46 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 18 सितंबर 2024, रात 8:06 बजे

 

शुभ मुहूर्त:

 

  • चंद्रोदय: 18 सितंबर 2024, शाम 7:08 बजे
  • पूर्णिमा व्रत पारण: 19 सितंबर 2024, सुबह 6:12 बजे से 8:06 बजे तक

 

भाद्रपद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली भाद्रपद पूर्णिमा, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन को इंदिरा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। भगवान कृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी त्योहार भी इसी महीने में आता है, जिससे भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व और बढ़ जाता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा के व्रत और पूजा-अनुष्ठान

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का भी विधान है। इस व्रत को करने से मन की शांति, पापों का नाश और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा में तुलसी, शंख, कमल का फूल, चावल, दूध, दही आदि का भोग लगाया जाता है। साथ ही, मंत्रों का जाप और भजन-कीर्तन भी किया जाता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा 2024

 

भाद्रपद पूर्णिमा के प्रमुख मंत्र

भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर कई मंत्रों का जाप किया जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

 

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
  • ॐ यं श्रीं लक्ष्मीं नमः
  • ॐ चन्द्राय नमः
  • ॐ पूर्णमादस्याय नमः

 

इन मंत्रों के अलावा, आप अपने इष्ट देवता के मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं।

 

यहां पढ़ें: श्रावण पूर्णिमा 2024: तिथि और महत्व

 

भाद्रपद पूर्णिमा के पारंपरिक व्यंजन

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पारंपरिक व्यंजनों का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन खीर, पंचमेवा, फल आदि का भोग लगाया जाता है। व्रत रखने वाले लोग फलाहार करते हैं, जिसमें साबूदाना खीर, फल और दूध आदि शामिल होते हैं।

 

निष्कर्ष: भाद्रपद पूर्णिमा 2024

भाद्रपद पूर्णिमा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन व्रत, पूजा-अनुष्ठान और मंत्र जाप के माध्यम से आत्मिक शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का प्रयास किया जाता है। यह त्योहार हमें अपने परिवार और समुदाय के साथ मिलकर खुशियां मनाने का भी अवसर देता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा 2024

 

भाद्रपद पूर्णिमा कब है?

18 सितंबर 2024 को।

 

भाद्रपद पूर्णिमा का क्या महत्व है?

यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष दिन है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए?

स्नान, पूजा-अर्चना, व्रत और मंत्र जाप के अलावा पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।

 

क्या भाद्रपद पूर्णिमा के दिन कुछ खास मंत्र होते हैं?

हाँ, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, ॐ यं श्रीं लक्ष्मीं नमः, ॐ चन्द्राय नमः, ॐ पूर्णमादस्याय नमः जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।

 

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन क्या खाना चाहिए?

पारंपरिक रूप से खीर, पंचमेवा, फल का भोग लगाया जाता है। व्रत रखने वाले लोग फलाहार कर सकते हैं।

 

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